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राम मंदिर तो जल्द बनेगा लेकिन पूजित रामशिलाओं का क्या होगा जानिये यहां
हालांकि कहा यह जा रहा है कि मंदिर का मॉडल जिस ढंग का है उसमें इन शिलाओं का इस्तेमाल संभव नहीं हो पाएगा। और श्री मिश्र का ध्यान प्रस्तावित मंदिर के स्तंभ, छत की बीम, छत की आंतरिक बनावट, नक्काशी की ओर ही था, उन्होंने चंपक राय से जानकारी मांगी तो उन्हें बताया गया कि होली के बाद शिलाओं की सफाई का काम शुरू हो जाएगा
लखनऊ। राम मंदिर निर्माण की तैयारियां तेज हो चली हैं। अनुमान है की रामनवमी से पहले मंदिर निर्माण की डेट आ जाएगी और 2024 तक रामलला का भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। लेकिन क्या आपको पता है कि लगभग 31 साल पहले 1989 में देश के तीन लाख गांवों से पूजित करा कर लाई गई रामशिलाओं का क्या होगा। क्या ये मंदिर में इस्तेमाल होंगी। या फिर इनका कुछ और ही उपयोग होगा।
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श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कल रामलला के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद लगभग दो घंटे 55 मिनट तक 70 एकड़ के परिसर का जायजा लिया वह रामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला भी गए थे। उनके साथ ट्रस्ट के महासचिव चंपक राय व अन्य हस्तियां भी थीं। चंपक राय ने श्री मिश्र का एक एक शिला से परिचय कराया।
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रामशिलाओं का क्या होगा
हालांकि कहा यह जा रहा है कि मंदिर का मॉडल जिस ढंग का है उसमें इन शिलाओं का इस्तेमाल संभव नहीं हो पाएगा। और श्री मिश्र का ध्यान प्रस्तावित मंदिर के स्तंभ, छत की बीम, छत की आंतरिक बनावट, नक्काशी की ओर ही था, उन्होंने चंपक राय से जानकारी मांगी तो उन्हें बताया गया कि होली के बाद शिलाओं की सफाई का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद शिलाओं को मंदिर के आकार में सज्जित किया जाएगा और एक पारदर्शी शीशे में संरक्षित कर दिया जाएगा।
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ऐसा माना जा रहा है कि इन शिलाओं के इस्तेमाल सहित तमाम अन्य तकनीकी बिन्दुओं पर नृपेंद्र मिश्र जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे इसके बाद ही लार्सन एंड ट्रुब्रो को मंदिर निर्माण का दायित्व सौंपा जाएगा।
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