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UP के इस शहर में है 'पा' का रियल लाइफ 'औरो' , 21 साल की उम्र में लगता है 100 साल का बुजुर्ग

tiwarishalini
Published on: 28 April 2017 2:59 PM IST
UP के इस शहर में है पा का रियल लाइफ औरो , 21 साल की उम्र में लगता है 100 साल का बुजुर्ग
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इलाहाबाद : हिंदी सिनेमा के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन की यादगार फिल्म " पा " के उस अनोखे बच्चे " औरो" के दर्द को कौन भूल पायेगा जो प्रोजेरिया नाम की एक ऐसी बीमारी का शिकार था जिसके दुनिया में अब तक केवल 86 मरीज मिले है। यूपी में इस लाइलाज और अनोखी बीमारी से शिकार पहला बच्चा इलाहाबाद में मिला है। इलाहाबाद का रुपेश इस लाइलाज बीमारी प्रोजेरिया से ग्रसित है जो 21 साल की उमर में भी सौ साल से अधिक उमर का दिखता है।

क्या है पूरा मामला ?

- हिन्दी फिल्म" पा " के औरो की शकल वाले इस बच्चे के पिता रिक्शा चलाते है और मां घर देखती है।

- रुपेश के मां बाप की माली हालत इतनी नहीं है की वह उसका इलाज तक करा सके लिहाजा तिलतिल कर यह बच्चा मौत की आगोश की तरफ बढ़ रहा है।

- रुपेश के मां बाप ने छोटे बड़े सभी सरकारी मुलाजिमों के कदमों में बच्चे के इलाज के लिए इमदाद की गुहार लगाई लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा।

- अब इस परिवार ने थक हारकर यूपी के नए सीएम योगी इमदाद की गुहार लगाई है ताकि उनके बच्चे की कुछ महीनों को चन्द और सांसे मिल सके।

सबसे बड़ा बेटा रूपेश

- इलाहाबाद से 22 किलोमीटर दूर हनुमानगंज के घनैचा गांव के रहने वाले रुपेश के माँ बाप के मुताबिक़ रुपेश चार भाइयो के बीच सबसे बड़ा बेटा है ।

-रुपेश पहले सामान्य बच्चों जैसा था लेकिन जैसे जैसे उसकी उम्र बढ़ती गई उसके जिस्म में चौकाने वाले बदलाव सामने आने लगे।

- रुपेश का सर बेडोल हो गया . मुंह में 32 की जगह 70 दांत निकल आए और शरीर छोटा होने लगा।

- जिले के सरकारी अस्पताल में जब रुपेश के माँ बाप ने उसकी जांच कराई तो जिले के सीएमओ ने उन्हें कागज़ का यह पन्ना पकड़ा दिया जिसमे लिखा था की रुपेश प्रोजेरिया बीमारी का शिकार है।

- डॉक्टर के मुताबिक़ रुपेश यूपी का ऐसा पहला बच्चा है जो उस दुर्लभ और लाइलाज बीमारी प्रोजेरिया का शिकार है जिसके पूरी दुनिया में अब तक केवल 86 मरीज मिले है।

- रुपेश की जिन्दगी का सबसे की सबसे दुखद हकीकत यह है की उसकी साँसे कभी भी थम सकती है क्योंकि इस बीमारी से ग्रसित बच्चे अमूमन 12 से 15 साल से ज्यादा जी नहीं पाते।

- समाजसेवी डॉक्टर गिरीश पांडे जोकि आशुतोष मेमोरियल ट्रस्ट चलाते हैं रुपेश की मदद के लिए आगे आए और रुपेश के खाने-पीने की जिम्मेदारी उठाई है। और उसके परिवार के साथ रुपेश को लेकर जगह-जगह भटक रहे हैं उनका कहना है कि रुपेश की मदद के लिए पीएम मोदी को भी लेटर लिखा गया, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला।

प्रदेश सरकार ही उम्मीद की आखिरी किरण

रुपेश के परिवार का हाल यह है की न उनके पास रहने के लिए मुकम्मल मकान है और न रोजगार का कोई पुख्ता रास्ता ऐसे में वह रुपेश के लिए बेहद चिंतित है और उनकी आख़री उम्मीद टिकी है यूपी सरकार पर। स्वास्थ्यमंत्री से मुलाकात के बाद उन्हें आश्वासन मिला है की इलाहाबाद के सीएमओ को प्रदेश का फॉलोअप लेने के लिए कहा गया है और साथ ही साथ रुपेश को पीजीआई या केजीएमयू इलाज के लिए भेजने और अगर जरूरत पड़ी तो AIIMS भी ले जाने की बात कही जिसके बाद रूपेश के मां-बाप के मन में एक आस जगी है।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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