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RERA शिकायतों में नंबर वन बना नोएडा, आशियाने की चाहत में लुट रहे लोग
नोएडा: प्रदेश का शो विंडो बने नोएडा को अच्छे और बुरे हर चीजें में नंबर वन रहने की आदत हो गई है। यहां के मामलों की चर्चा देश-प्रदेश में बड़ी आसानी से हो जाती है। सबसे ज्यादा राजस्व, सबसे ज्यादा ज्यादा टैक्स और सबसे महंगी जमीनों में अपना स्थान बनाने वाले नोएडा के हिस्से में एक और नंबर वन बनने का तमका मिल गया है। नोएडा में अपनी जीवन भर की कमाई लगाकर सपना का घर पाने वालों ने शिकायतों में भी इसे नंबर वन बना दिया है। रेरा में अभी तक 5616 शिकायतें पहुंची हैं जिसमें अकेले गौतमबुद्घ नगर की 3592 शिकायतें हैं। अब इन पर कार्रवाई शुरू करने के लिए रेरा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की आई बाढ़
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 2008 से 2012 और इसके बाद 2012 से 2016 तक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्टों की बाढ़ आ गई। प्राधिकरण की गलत नीतियों के कारण छोटे-छोटे बिल्डर बड़े बन गए और बड़े और बड़े हो गए। निवेशकों ने अपनी जीवन भर की कमाई लगा डाली लेकिन उन्हें सिर्फ विवादों और अधूरी इमारतों के सिवाए कुछ नहीं मिली। बीजेपी सरकार ने निवेशकों के हित को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) का निर्माण किया। इसमें पूर्व मुख्य सचिव राजीव कुमार को अध्यक्ष जबकि तेजतर्रार आईएएस अधिकारियों को सदस्य बनाया।
रेरा के सदस्य पूर्व आईएएस अधिकारी बलविंदर कुमार अपनी कार्यशैली के लिए राज्य से लेकर केंद्र तक में चर्चा में रहे। बिल्डरों की मनमानी और उनकी कालगुजारियों को रोकने के लिए सख्ती से कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। बलविंदर कुमार ने रेरा में आने वाली शिकायतों को अधिकतम दो महीने में निस्तारित कर दिया जाएगा। इसके साथ लोगों को जागरूक करने का काम भी होगा जिससे उन्हें अपनी अधिकारों के बारे में जानकारी मिल सके।
सरकारी परियोजनाओं की भी करें शिकायत
रियल स्टेट रेगुलेटी एक्ट प्राधिकरण यानि रेरा में प्राइवेट प्रमोटर के साथ-साथ सरकारी योजनाओं की शिकायत भी की जा सकती है। पूर्व आईएएस और रेरा के सदस्य बलविंदर कुमार ने बताया कि अभी तक सिर्फ निजी बिल्डरों की शिकायतें मिली हैं। प्राधिकरण और परिषद की शिकायतें बहुत कम हैं। शायद अभी इसके लिए लोग जागरूक नहीं हैं। लोगों को पता होना चाहिए कि रेरा में सरकारी विभाग की भी शिकायत हो सकती है और उन्हें उनका हक दिलाया जाएगा।
ये है कंप्लेन का डाटा
कुल शिकायतें : 5616
गौतमबुद्धनगर : 3592
गाजियाबाद : 755
लखनऊ : 746
मेरठ : 249
आगरा : 95
अभी तक बची हुई हैं 3638 शिकायतें
नोएडा में बिल्डरों के खिलाफ शिकायत
अंसल: 235
सुपरटेक: 176
अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर: 125
आम्रपाली: 103
रोहतास: 91
उप्पल चड्ढा: 64