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किसानों को लुभाने का कुचक्र रच रही केंद्र सरकार : रालोद
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने सोमवार को कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के बहाने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार किसानों को लुभाने का कुचक्र रच रही है, जबकि वास्तव में यह योजना किसान अपमान योजना के नाम से जानी जायेगी।
लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने सोमवार को कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के बहाने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार किसानों को लुभाने का कुचक्र रच रही है, जबकि वास्तव में यह योजना किसान अपमान योजना के नाम से जानी जायेगी।
रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने हमेशा किसानों को छला है। इसलिए अब किसान सम्मान निधि योजना के बहाने किसानों का वोट लेने के लिए उन्हें फिर से लुभाने का कुचक्र रच रही है। उन्होंने कहा कि परिवार में कम से कम चार लोग होते हैं फिर 17 रूपये प्रतिदिन किसान परिवार को देना उनका स्पष्ट अपमान है।
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दुबे ने कहा कि सूबे में गन्ना किसान गन्ना मिलों की नीतियों और उनकी पर्ची वितरण की कार्य प्रणाली से त्रस्त है। विगत सत्र की अपेक्षा गन्ने की पेराई इस बार चीनी मिलों में कम हुयी है। किसान का गन्ना खेतों में खड़ा है जिससे आगामी फसल के लिए खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लगभग 11 करोड़ रूपया गन्ने का चीनी मिलों पर बकाया हो चुका है जिसके भुगतान की सम्भावना नजर नहीं आ रही है। वहीं, देश के प्रधानमंत्री किसानों की आय दुगुनी करने का सपना दिखाते हुये अब 17 रूपये प्रतिदिन सहायता के रूप में देने का प्रयास कर रहे हैं जो हास्यास्पद के साथ ही साथ निंदनीय है।
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राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना भविष्य में किसान अपमान योजना के नाम से जानी जायेगी। उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार किसानों की सम्पूर्ण फसल खरीदने की योजना प्रारम्भ करती ताकि उन्हें लागत मूल्य का दुगुना धन मिलता। जबकि आज केंद्र सरकार देश के किसानों को अज्ञानी और लालची समझा रही है। यही कारण है कि कभी ऋण माफी के नाम पर तो कभी किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर अपना राजनीतिक स्वार्थ हासिल करना चाहती है।