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संघ लोक सेवा आयोग: सच्चर कमेटी खारिज़, कामयाब रही एनडीए नीति

raghvendra
Published on: 4 Jan 2019 1:55 PM IST
संघ लोक सेवा आयोग: सच्चर कमेटी खारिज़, कामयाब रही एनडीए नीति
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योगेश मिश्र योगेश मिश्र

लखनऊ: इसको संयोग कहें या किस्मत का लेखा। हम जो यह आज लिख रहे हैं। 2017 के सिविल सेवा के परिणाम यह बता रहे हैं कि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के नतीजों ने रंगनाथ मिश्र आयोग और सच्चर कमेटी की सिफारिशों को धता बता दिया। इस साल की सिविल सेवा में चार फीसदी मुस्लिम उम्मीदवार कामयाबी के झंडे गाडऩे में सफल हुए हैं। इस सफलता की वजह साक्षात्कार में मुस्लिम उम्मीदवारों पर इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों का अधिक करम बरपना बताया जा रहा है। शुरू के 17 गैर मुस्लिम उम्मीदवारों के लिखित और साक्षात्कार परीक्षा के बीच के नंबरों में सिर्फ आठ फीसदी का अंतर है।

लिखित परीक्षा में 53.65 फीसदी और साक्षात्कार में 61.62 फीसदी नंबर गैर मुस्लिम उम्मीदवारों को औसतन हासिल हुए हैं। जबकि शुरू के 17 मुस्लिम उम्मीदवारों के लिखित और साक्षात्कार के नंबरों के बीच 16.39 फीसदी का अंतर है। मुस्लिम उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा में 49.07 और साक्षात्कार में 65.46 फीसदी औसत अंक हासिल किये हैं। दिलचस्प यह है कि इनमें अधिकांश जम्मू कश्मीर इलाके के हैं। भाजपा इसे सबका साथ सबका विकास की अपनी नीति का नतीजा मान रही है।

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हालांकि 2013 से ही मुस्लिम उम्मीदवारों के चयन में बढ़ोतरी का ग्राफ दिख गया था। इस साल 30 उम्मीदवार सिविल सेवा में चयनित हुए थे, जबकि 2014 में 34, 2016 में 36, 2017 में 52 उम्मीदवार चयनित हुए। गौरतलब है कि सच्चर कमेटी ने 16 साल पहले दी गई अपनी रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जाहिर की थी कि सिविल सेवाओं में सिर्फ तीन फीसदी अल्पसंख्यक हैं।

इस परीक्षा में टॉप करने वाले दूरीशेट्टी अनुदीप को लिखित परीक्षा में 54 फीसदी नंबर मिले हैं जबकि साक्षात्कार में उनके हिस्से 64 फीसदी नंबर आए हैं। यही नहीं, दूसरे स्थान की अनु कुमारी को साक्षात्कार में 68 फीसदी और लिखित में 53.5 फीसदी नंबर मिले हैं। तीसरे स्थान के सचिन गुप्ता के लिखित व साक्षात्कार में दस फीसदी का अंतर है। पांचवें स्थान पर आए प्रथम कौशिक को तो लिखित परीक्षा में तो 55.6 फीसदी नंबर मिले जबकि साक्षात्कार में उन्हें सिर्फ 52 फीसदी नंबरों पर संतोष करना पड़ा।

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छठे स्थान पर आए कोया श्रीहर्षा को लिखित परीक्षा से सिर्फ एक फीसदी अधिक नंबर साक्षात्कार में मिले हैं। सातवें स्थान वाले आयुष को लिखित परीक्षा में 55 फीसदी नंबर मिले जबकि साक्षात्कार में 54.9 फीसदी नंबर पर संतोष करना पड़ा। नौवें स्थान पर आई सौम्या शर्मा के लिखित और साक्षात्कार में सिर्फ छह फीसदी का अंतर रहा। 17वें स्थान पर आए उत्कर्ष को भी साक्षात्कार में लिखित परीक्षा से सिर्फ सात फीसदी अधिक नंबर मिले। जबकि मुस्लिम उम्मीदवारों में 24वें पु्रधवीतेज इम्मादी को लिखित में 52 और साक्षात्कार में इससे दो फीसदी ज्यादा नंबर मिले। लेकिन साद मिया खान 25वें सथान पर हैं। उन्हें लिखित में 50.5 और साक्षात्कार में 70 फीसदी नंबर हासिल हुए हैं।

चयनित उम्मीदवारों में 36वें स्थान पर फैजुल्ला हसीब रहे, जिन्हें लिखित परीक्षा में 50.1 और साक्षात्कार में 70.9 फीसदी अंक मिले। 87 नंबर पर हसीन जहीरा रिजवी रहे, जिन्हें लिखित में 48.9 और साक्षात्कार में 72 फीसदी अंक हासिल हुए। 97वें स्थान पर अजार जिया चयनित हुए, जिन्हें लिखित परीक्षा में 49.5 और साक्षात्कार में 66.9 फीसदी अंक हासिल हुए।

चयनित उम्मीदवारों में 137वें पायदान पर सैयद अली अब्बास रहे जिन्हें लिखित परीक्षा में 49.6 फीसदी नंबर हाथ लगे जबकि साक्षात्कार में इससे तकरीबन 15 फीसदी अधिक अंक मिले। 154वें पायदान पर मोतीउररहमान रहे, जिन्हें लिखित परीक्षा 50.2 और साक्षात्कार में 58.9 फीसदी अंक मिले। असीम खान 165 वें पायदान पर रहे उन्हें भी लिखित व मौखिक परीक्षा के बीच दस फीसदी अधिक नंबर हाथ लगे। 190 वें स्थान पर चयनित सैयद इमरान मसूद को लिखित परीक्षा में 48.5 फीसदी नंबर हाथ लगे जबकि साक्षात्कार में उन्हें 68 फीसदी नंबर मिले। 200वें नंबर पर सफल हुए उम्मीदवार मोहम्मद जुनैद के लिखित व साक्षात्कार के बीच तकरीबन 24 फीसदी का अंतर है। 217वें नंबर वाले इल्मा अफरोज को लिखित परीक्षा में 48.6 फीसदी नंबर मिले जबकि साक्षात्कार में उन्हें 66 फीसदी नंबर हाथ लगे।

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226वें स्थान पर सफल हुए हसरत जासमीन को लिखित परीक्षा में तकरीबन 48 फीसदी नंबर मिले जबकि साक्षात्कार में उन्हें 70 फीसदी नंबर हाथ लगे। 282वें स्थान पर सफल हुए इजाज अहमद लिखित परीक्षा में 49 फीसदी नंबर पाए जबकि साक्षात्कार में उन्हें 60 फीसदी नंबर हासिल हुए। मोहम्मद नूह सिद्दीकी को लिखित परीक्षा में 48.5 व साक्षात्कार में 62.1 फीसदी नंबर मिले। जुनैद अहमद के लिखित व साक्षात्कार के बीच 22 फीसदी नंबरों का अंतर रहा। 378वें स्थान वाले इनाबात खालिक के लिखित व साक्षात्कार के बीच के नंबरों में 23 फीसदी का अंतर है। सद्दाम नवास को भी साक्षात्कार में लिखित परीक्षा की तुलना में 12 फीसदी अधिक नंबर मिले।

फुरकान अख्तर, सोफिया, मोहम्मद शफीक, जफर इकबाल, गौसान आलम, हरीश रशीद, अनम सिद्दीकी, एजाज असलम सरीखे जितने भी उम्मीदवार 2017 में सफल हुए हैं उन्हें लिखित परीक्षा की तुलना में साक्षात्कार में अधिक अंक मिले हैं। सिर्फ सैयद जाहेद अली इकलौते ऐसे उम्मीदवार रहे जिनकी किस्मत में यह अवसर नहीं लिखा था क्योंकि उन्हें लिखित परीक्षा में 50.3 फीसदी नंबर मिले जबकि साक्षात्कार में उन्हें 49 फीसदी नंबरों पर संतोष करना पड़ा।

कुल मिला कर 2017 की सिविल सेवा में तकरीबन 44 मुस्लिम उम्मीदवार सफलता का परचम गाडऩे में कामयाब हुए। इसमें एक को छोडक़र बाकी सभी की सफलता का श्रेय साक्षात्कार में मिले नंबरों को जाता है इनमें भी 90 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें लिखित व साक्षात्कार के नंबरों के बीच तकरीबन 15 से 20 फीसदी अधिक नंबर पाने का अवसर मिला।

आमतौर पर चयनित उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा से अधिक नंबर साक्षात्कार में हासिल होते हैं 2017 का नतीजा भी यही बता रहा है। लेकिन शुरू के 17 उम्मीदवारों के नंबरों पर नजर दौड़ाई जाए तो किसी के भी नंबर में लिखित परीक्षा से साक्षात्कार में सात से 15 फीसदी तक का अंतर ही मिलता है जबकि सत्तर फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों में इससे अधिक का अंतर परिणाम में पढ़ा जा सकता है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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