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प्रवक्ता विहीन हुई समाजवादी पार्टी, निष्कासित नेताओं से काम चला रहे खबरिया चैनल
लखनऊ: एक समय था जब समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में मीडिया के सामने पार्टी का पक्ष रखने वाले प्रवक्ताओं की भरमार थी लेकिन अब यह प्रवक्ता विहीन हो गई है। आपको सुनने में यह अजीब लग रहा होगा, पर मौजूदा तस्वीर यही बयां कर रही है।
विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद एकाएक मीडिया पैनलिस्टों यानि प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में हिस्सा लेने से अनाधिकृत कर दिया गया, जो अब भी जारी है। नतीजतन खबरिया चैनलों को पार्टी के निष्कासित नेताओं से काम चलाना पड़ रहा है।
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बसपा नेता अधिकृत किए गए
उधर, मीडिया से एक खास दूरी बनाकर रखने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मीडिया के टेबल चर्चा डिस्कशंस में भाग लेेने को अपने नेताओं को अधिकृत किया है। इनमें डॉ. एमएच खान, फैजान और उम्मेद सिंह शामिल हैं। ये लोग अल्पसंख्यक मामलों के अलावा सभी प्रकरणों में पार्टी का पक्ष रखेंगे। इसके उलट सपा ने अपने प्रवक्ताओं पर पाबंदी लगा रखी है।
अखिलेश का मीडिया पर भेदभाव का आरोप
सपा सरकार के समय से ही अखिलेश यादव मीडिया पर यह आरोप लगाते रहे हैं, कि वह किसी घटनाक्रम पर उनकी फोटो लगाकर खबर दिखाते हैं। हार के बाद भी सार्वजनिक रूप से उन्होंने कई बार यह बात कही। वह यह भी कहते हैं कि किसी घटना पर मौजूदा सरकार के मुखिया की फोटो लगाकर नहीं दिखाई जाती है। यह बात भी जगजाहिर है कि अखिलेश अपनी छवि को लेकर काफी सतर्क रहते हैं। परिवार में मचे रार के सवालों कई बार उनकी तिलमिलाहट भी सामने आ चुकी है। सपा के मीडिया पैनलिस्ट की पाबंदी को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।