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Shravasti News: श्रावस्ती साइबर पुलिस ने ठगी के 29 हजार रूपए पीड़ित के खाते में वापस कराया,शेष राशि की वसूली जारी
Shravasti News: जिले की साइबर थाना पुलिस ने मंगलवार को एक ठगी पीड़ित की आंशिक राशि उसके खाते में वापस कराने में सफलता पाई है।
Shravasti News (Social media)
Shravasti News: जिले की साइबर थाना पुलिस ने मंगलवार को एक ठगी पीड़ित की आंशिक राशि उसके खाते में वापस कराने में सफलता पाई है। शेष धन राशि को वापस कराने की प्रक्रिया में लगी हुई है। एसपी घनश्याम चौरासिया ने बताया कि जिले की क्राइम थाना प्रभारी गौरव सिंह की टीम ने मंगलवार को साइबर ठगी पीड़ित बाबू राम यादव के खाते में आंशिक 29 हजार रुपए वापस कराने में सफलता पाई है। उन्होंने बताया कि गत 26 अप्रैल 2025 को बाबू राम यादव ने तहरीर देकर बताया कि अज्ञात व्यक्तियों ने टेलीकांम विभाग और मुम्बई साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताकर फोन किया।
आरोपियों ने वीडियो काल के माध्यम से पीड़ित के मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का दुरूपयोग किया। आरोपियों ने मुम्बई, कर्नाटक और पंजाब में बैंक खाते का हवाला देकर बैंक खाता खोलने की बात कही और पैसों के लेन-देन की बात कही।जिस पर पीड़ित बाबूराम यादव पुत्र स्व. राम अभिलाख यादव की तहरीर पर आईपीसी की धारा- 318(4) बीएनएस व 66(डी) आई टी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था।
आरोपी ने झांसा देकर कुल 10,9000 रूपये का फ्रॉड कर लिया था। साइबर क्राइम पुलिस थाना प्रभारी निरीक्षक गौरव सिंह ने विवेचना के दौरान तत्परता से कार्यवाही करते हुए वादी/पीड़ित के बैंक खाते में 29000/- रुपए की धनराशि को वापस कराया गया। शेष धनराशि वापस कराने की कार्यवाही चल रही है। बताया कि इस कार्यवाही को अंजाम देने में साइबर क्राइम पुलिस थाना जनपद श्रावस्ती प्रभारी निरीक्षक गौरव सिंह , कांस्टेबल रमेश सिंह, कांस्टेबल सुनील कुमार वर्मा और पुष्पेंद्र यादव,साइबर क्राइम पुलिस थाना श्रावस्ती का योगदान रहा है।
साइबर क्राइम से बचाव के उपाय
एसपी घनश्याम चौरासिया ने जनपद वासियों को साइबर क्राइम से बचाव के कुछ उपाय बताए हैं । इनमें साइबर अपराधी आपकी निजी जानकारी इकट्ठा करते है और इसका उपयोग इंटरनेट पर आपकी झूठी पहचान बनाने में उपयोग कर सकते है। कहा कि किसी भी सार्वजनिक साइट, ब्लॉग या सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी कभी भी साझा शेयर न करें। जैसे कि आपकी सरकारी आईडी, पासवर्ड, बैंक खाता नम्बर, पिन इत्यादि ।-ईमेल, मैसेजिंग ऐप या इन्सटेंट मैसेंजर पर प्राप्त लिंक्स पर क्लिक करने से पहले सावधान रहें और यदि आप उनकी सत्यता पर विश्वास नही करते, तो हमेशा भेजने वाले या उनकी आधिकारिक हेल्पलाइन से संपर्क करें। जैसे कि बैंक, दूरसंचार ऑपरेटर, बीमा कंपनी आदि। इसके साथ ही अपने पासवर्ड को जटिल रखें (अर्थात अक्षरों जैसे a, b, c, संख्याओं। जैसे 1, 2, 3 और विशेष अक्षरों जैसे @, #, % को मिलाकर पासवर्ड बनाये) और उसे किसी के साथ साझा न करें। विभिन्न साइटों,ऐप्स के लिए अलग-अलग पासवर्ड का प्रयोग करें।
वेबसाइट के लिंक की जांच करें
वेब पेज पर अपनी जानकारी दर्ज करने से पहले, वेबसाइट के लिंक की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि वेब पता https ("s" से सुरक्षित) से शुरू होता है और एक बंद ताले के निशान को भी देखें।ऑनलाइन बैंकिंग या ऑनलाइन लेन-देन करने के लिए कभी भी सार्वजनिक / मुफ्त वाई-फाई का उपयोग न करें।साइबर अपराध होने पर तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1930 डॉयल करें। जिसमें 24 घंटे के अंतराल में आपके धन को वापस कराने की अधिक संभावना रहती है।
फोन पर कैश रिवार्ड को अपने खाता में लेने के नाम पर अज्ञात व्यक्ति के बताए हुए नियमों का पालन न करें।ओएलएक्स पर कोई भी वाहन सामान खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति द्वारा यदि अपना कोई सरकारी आई-कार्ड/कैंटीन कार्ड डाला गया है तो उसे चेक कराने के बाद ही लेन-देन करें।सोशल मीडिया जैसे फेसबुक,इंस्टाग्राम,व्हाट्सएप्प आदि ऐप्प पर प्रोफाइल लॉक करके रखे । और अधिक सहायता हेतु प्रभारी थाना साइबर नंबर 7839859207 / हेल्पलाईन नं0-1930/ साइबर क्राइम वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ पर सम्पर्क कर सकते हैं।
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