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कश्‍मीर में शहीद हुआ यूपी का लाल, पिता बोले- एक और बेटा बार्डर पर भेजने को तैयार

sudhanshu
Published on: 14 Aug 2018 4:09 PM IST
कश्‍मीर में शहीद हुआ यूपी का लाल, पिता बोले- एक और बेटा बार्डर पर भेजने को तैयार
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मथुरा: जम्मू कश्मीर के तंगधार में दुश्मनों से लोहा लेते हुए देश का एक ओर जाबांज पुष्पेंद्र शहीद हो गया। मथुरा के रहने वाले पुष्पेंद्र की शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया है। वहीं परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है। देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देने वाले पुष्पेंद्र की शहादत पर परिजनों के साथ-साथ आसपास के लोगों को गर्व है। उधर पिता का कहना है कि उसका एक ओर बेटा है। यदि सरकार चाहे तो उसे भी देश सेवा के लिए भेज सकते हैं। बहरहाल सभी लोग शहीद पुष्पेंद्र के पार्थिव शरीर के गाँव आने का इंतजार कर रहे हैं ।

मां बोली- मेरे बेटे को वापस ले आओ

रोते बिलखते अपने दिल के दर्द को बयां करती यह है मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र के गांव खुटिया के रहने वाले शहीद पुष्पेंद्र सिंह की माँ महावीरी और उसकी पत्नी सुधा। जम्‍मू कश्मीर में दुश्मनों को छक्के छुड़ाते हुए पुष्पेंद्र सोमवार को शहीद हो गए थे। पुष्पेंद्र के शहादत की खबर लगते ही गांव में कोहराम मच गया। अपने लाल की अंतिम सांस लेने की खबर सुन माँ हर आने जाने वाले से अपने कलेजे के लाल को वापस लाने की पुकार कर रही है। माँ रोते रोते हर किसी से यही कहती है कि उसके पुष्पेंद्र को वापस ले आओ।

पत्‍नी बोली- अपने बच्‍चे को भी बनाऊंगी फौजी

एक तरफ घर परिवार और गाँव की महिलाएं पुष्पेंद्र की माँ को ढांढस बंधा रही हैं। तो वहीं दूसरी तरफ पुष्पेंद्र की पत्नी सुधा का रो रो कर बुरा हाल है। हरियाली तीज पर हाथों में लगाई हुई मेहदी का रंग अभी फीका भी नही पड़ा था कि अपने सुहाग की शहादत की खबर ने सुधा के जीवन को बेरंग कर दिया। सुधा भले ही अपने सुहाग की शहादत पर रो रही हो लेकिन उसके 8 माह के बच्चे सिद्धार्थ को अपने पिता को शहादत पर गर्व है और वह हँसते हुए पिता के बलिदान को सलामी दे रहा है। सुधा और उसके 8 माह के बच्चे ने हार नहीं मानी है। अपने सुहाग को खो देने के बाद भी सुधा अपने पति की इच्‍छा को पूरा करने के लिए अपने बेटे सिद्धार्थ को भी देश सेवा के लिए फौज में भर्ती करेगी। शहीद की बेवा पढ़ी लिखी है और उसकी इच्‍छा है कि मोदी जी उसके मन की बात सुनने के लिए उसे मुलाकात का समय दें।

गांव वालों को फौज ज्‍वाइन करने की देता था सलाह

पुष्पेंद्र की शहादत के बाद उसके मित्र और परिजन बेहद दुखी हैं। पुष्पेंद्र के दोस्त और भाई बताते हैं कि पुष्पेंद्र शुरू से ही फौज में जाने की बात किया करता था और जब भी छुट्टी पर आता था तो गाँव के युवाओं को फौज में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता था। साथ ही उनको टिप्स भी दिया करता था। पुष्पेंद्र की शहादत के बाद अब उसकी शहादत पर मेला लगाने की तैयारी गाँव के लोगों ने शुरू कर दी है। गांव के प्रधान तेज सिंह ने बताया कि पुष्पेंद्र के पाँच बहनें थीं। सभी की शादी हो गयी है। पुष्पेंद्र और बनवारी दो भाईयो में पुष्पेंद्र छोटा था। पुष्पेंद्र 2011 में जाट रेजिमेंट में भर्ती हुआ था और दो साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। पुष्पेंद्र के 8 माह का बालक है। जिसका जन्मदिन मनाने के लिए आने की बात कह कर गया था। प्रधान के मुताबिक पुष्पेंद्र ओर उसके परिवार में पुष्पेंद्र ही कमाने वाला था और अब परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा न हो इसके लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए।

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