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Sonbhadra News: आरोपी पति को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, कुल्हाड़ी से की थी हत्या
Sonbhadra News: सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कलावती हत्याकांड के मामले में दोषसिद्ध पाकर दोषी पति अजय खरवार को उम्रकैद और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
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Sonbhadra News: जिले की अदालत ने मंगलवार को कुल्हाड़ी से पत्नी की गर्दन उड़ाने वाले पति को जहां उम्र कैद की सजा सुनाई गई। सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव (Sessions Judge Ashok Kumar Yadav) की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए कलावती हत्याकांड (Kalavati Massacre) के मामले में दोषसिद्ध पाकर दोषी पति अजय खरवार को उम्रकैद और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी।
16 जून 2015 को थाने में दी थी हत्या की तहरीर
अभियोजन कथानक के मुताबिक हाथीनाला थाना क्षेत्र (Hathinala police station area) के साऊडीह गांव निवासी मनधारी खरवार पुत्र स्वर्गीय हरखलाल ने 16 जून 2015 को थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी बहन कलावती देवी का विवाह 6 मई 2012 को पाटी टोला वनपैसा गांव निवासी अजय खरवार पुत्र छोटेलाल के साथ हुई थी। 15 जून 2015 की शाम को अजय उसकी बहन कलावती को लेकर उसके घर आया और रात को खाना खाने के बाद सभी लोग सो गए तथा अजय भी कलावती को साथ लेकर कमरे में सोने चला गया। रात करीब 11 बजे जब कलावती चिल्लाने लगी तो हमलोग दरवाजा खोलवाने लगे, लेकिन अजय ने दरवाजा नहीं खोला। कुछ देर बाद दरवाजा खुला तो देखा कि कलावती की मौत हो गई थी।
अजय ने कलावती का गला कुल्हाड़ी से काट दिया था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। आरोप था कि अजय अक्सर कलावती को मारता-पीटता रहता था। दहेज में 25 हजार रुपये की भी मांग अजय कर रहा था। एक वर्ष पूर्व अजय बहन कलावती के ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क कर जलाने का भी प्रयास किया था। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। इसके बाद न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी अजय खरवार को उम्रकैद और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने पैरवी की।
विस्फोटक के 12 वर्ष पुराने मामले में नईम अख्तर पाए गए दोषी, मिली 10 वर्ष की कैद
Sonbhadra News: अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा (Additional Sessions Judge I Khalikuzzma) की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए विस्फोटक अधिनियम में दोषी नईम अख्तर को दोषसिद्ध पाकर 10 वर्ष की कैद और 23 हजार रुपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की। अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद का निर्णय पारित किया।
तीन नवम्बर 2009 को थाने में दी गई तहरीर
अभियोजन कथानक के मुताबिक तीन नवम्बर 2009 को थाने में दी तहरीर में मांची थानाध्यक्ष अमरनाथ यादव ने दी तहरीर में आरोप लगाया था कि पुलिस बल के साथ राबर्ट्सगंज तहसील दिवस से अपने वाहन से थाने पर निकल रहा था कि ज्योहीं किरहुलिया पुलिया पर पहुंचा तो मुखबिर खास से सूचना मिली कि एक व्यक्ति विस्फोटक सामग्री लेकर नक्सलियों को पहुंचाने गंगवा जंगल के रास्ते जा रहा है। अगर वहां पहुंचा जाए तो पकड़ा जा सकता है। आगे बढ़ने पर एसओजी के उपनिरीक्षक वैभव सिंह भी पुलिस बल के साथ मिल गए और उन्हें भी साथ लेकर आगे बढ़े तभी गंगवा जंगल मे एक व्यक्ति हाथ मे कुछ लेकर आता दिखाई दिया। उसे दौड़ाकर पुलिस ने पकड़ लिया। उसके कब्जे से तमंचा, जिलेटिन रॉड एवं डेटोनेटर बरामद हुआ।
इस तजरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया और न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने नईम अख्तर को दोषी पाया और 10 वर्ष की कैद तथा 23 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने पैरवी की।
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