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Sonbhadra News: गैंगरेप के दोषी कोटेदार और उसके सहयोगी को 20-’20 वर्ष की कठोर कैद, अनाज लेने आई नाबालिग से किया था दुष्कर्म, पीड़ित पक्ष को न्याय के लिए लड़नी पड़ी थी लंबी लड़ाई

Sonbhadra News: मामला तक दुष्कर्म में तरमीम हो पाया, जब न्यायालय की तरफ से पीड़िता की तरफ से दर्ज कराए गए 164 के बयान को देखते हुए कड़ा रूख अख्तियार किया गया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 17 May 2025 6:41 PM IST
Sonbhadra News: गैंगरेप के दोषी कोटेदार और उसके सहयोगी को 20-’20 वर्ष की कठोर कैद, अनाज लेने आई नाबालिग से किया था दुष्कर्म, पीड़ित पक्ष को न्याय के लिए लड़नी पड़ी थी लंबी लड़ाई
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गैंगरेप के दोषी कोटेदार और उसके सहयोगी को 20-’20 वर्ष की कठोर कैद   (photo: social media )

Sonbhadra News : दुकान पर अनाज लेने आई 16 वर्षीय किशोरी को बोरी में अनाज भरकर लाने के बहाने अंदर भेजकर दुष्कर्म के दोषी कोटेदार और उसके सहयोगी को 20-20 वर्ष कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। मामला पन्नूगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। इस मामले में न्याय के लिए जहां पीड़िता को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। वहीं मामला तक दुष्कर्म में तरमीम हो पाया, जब न्यायालय की तरफ से पीड़िता की तरफ से दर्ज कराए गए 164 के बयान को देखते हुए कड़ा रूख अख्तियार किया गया।

साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने सुनाया बड़ा फैसला

इस मामले की अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अमित वीर सिंह की अदालत ने शनिवार को फाइनल सुनवाई की। पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों, अधिवक्ता की तरफ से दी गई दलीलों और पीड़िता सहित अन्य गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों के आधार पर, दोनों दोषियों को 20-20 वर्ष कैद के साथ 21 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड की अदायगी न करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

वर्ष 20019 में हुई थी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की वारदात

पीड़िता के पिता की तरफ से पुलिस को दी गई तहरीर में अवगत कराया गया था कि नौ जून 2019 की दोपहर 12 बजे उसकी 16 वर्षीय बेटे अपने छोटे भाई और छोटे भाई के साथ, सरकारी कोटे की दुकान पर अनाज लेने के लिए गई हुई थी। जहां दुकानदार चंदन पुत्र रामविलास निवासी नरगा थाना पन्नूगंज और उसके सहयोगी बालेश्वर उर्फ दिनेश पुत्र सिद्धनाथ, निवासी नरगा, थाना पन्नूगंज ने कमरे में गल्ला (अनाज) भरकर लाने के लिए भेजकर अंदर से दरवाजा बंद कर लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। साथ गए भाई-बहन के खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने घर आकर घटना की जानकारी दी।

न्यायालय का खटखटाया दरवाजा तो दर्ज कर लिया गया छेड़खानी का केस

मामले में आरोप है कि पीड़ित पक्ष की तरफ से थाने से लेकर कप्तान तक मदद की गु हार लगाई गई लेकिन स्थानीय पुलिस जांच के नाम पर मामले को उलझाए रखी। तब पीड़िता के पिता ने प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में धारा-156 (3) सीआरपीसी के तहत आवेदन देकर हस्तक्षेप की गुहार लगाई। मामले में पन्नूगंज थाने से रिपोर्ट मंगाई गई, तब मामले में एक जुलाई 201़9 को पुलिस की ओर से रिपोर्ट भेजी गई कि धारा 354, 323 आईपीसी के तहत केस दर्ज है। न्यायालय के समक्ष दर्ज कराए गए बयान में पीड़ित का आरोप था कि दरोगा ने पूर्व में उससे सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिया था कि उसमें महज हाथापाई और अश्लील हरकत की बात लिखकर केस दर्ज कर लिया।

न्यायालय ने अपनाया कड़ा रूख, तब दुष्कर्म में मामला हुआ तरमीम

वहीं, पीड़िता की तरफ से न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराए गए कलमबंद बयान (164 सीआरपीसी) में अवगत कराया था कि वह अपने छोटे भाई और छोटी बहन के साथ नरगा गांव स्थित कोटे की दुकान पर अनाज लेने गई थी। वहां, दुकानदार चंदन ने कहा कि अभी समय लगेगा। भाई को पानी लाने भेज दिया। वहीं, बहन पास में आम बीनने चली गई। चंदन ने कहा कि अंदर जाकर अनाज भर लो। अंदर जाने पर चंदन ने उसे जमीन पर गिरा दिया और अंदर ही छिपे बालेश्वर ने आकर उसका हाथ पकड़ कपड़े से मुंह दबा दिया। इसके बाद उसके साथ बलात्कार किया गया। इस दौरान वह बेहोश हो गई। पानी का छींटा मारकर होश में लाने के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए। वहीं, प्रकरण में पीड़िता की तरफ से लगाई गई गुहार पर अपर सत्र न्यायाधीश की तरफ से घटना को लेकर बरती गई लापरवाही को लंकर संबंधित पुलिस अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा। ठोस कार्रवाई न होने पर न्यायालय ने घटना के संबंध में मुकदमा पंजीकृत करने और लापरवाह पुलिस अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई के लिए 31 जुलाई 2019 को प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश और पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को पत्र भेजा गया। इसके बाद मामले को दुष्कर्म में तरमीम कर दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया गया।

इस-इस अपराध के लिए पाया गया दोषी

मामले में चंदन कुमार राव और बालेश्वर को धारा 323 के अपराध के लिए छह-छह माह के कठोर कारावास, एक-एक हजार अर्थदंड, अर्थदंड की अदायगी न करने पर 15 दिन के अतिरिक्त कारावास से दंडित किया किया गया। वहीं, दुष्कर्म से जुड़े पाक्सो एक्ट के तहत 20-20 वर्ष के कठोर कारावास, 20-20 हजार अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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