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यह है संविधान के रचयिता की दुर्दशा , लोगों को साल में एक बार आती है इसकी याद

संविधान रचयिता बाबा भीमराव अंबेडकर की इस प्रतिमा को लोग साल में एक बाद ही याद करते हैं। और दलदल बन चुके इस तलाब को पार के उनकी

tiwarishalini
Published on: 14 April 2017 7:08 PM IST
यह है संविधान के रचयिता की दुर्दशा , लोगों को साल में एक बार आती है इसकी याद
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कानपुर: संविधान रचयिता बाबा भीमराव अंबेडकर की इस प्रतिमा को लोग साल में एक बाद ही याद करते हैं। और दलदल बन चुके इस तलाब को पार के उनकी साफ़ सफाई करते है और उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते है। इस प्रतिमा की स्थापना 24 साल पहले हुई थी, दलितों को अपना हिमायती बताने वाली बसपा सरकार ने भी इस प्रतिमा की सुध नही ली ।जबकि स्थानीय लोगों ने इसके सुन्दरीकरण के लिए प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक पत्र लिख चुके है लेकिन आज दिन तक इस कोई कार्यवाई नही हुई है।

-जूही बम्बुराहिया स्थित धोबी तलाब के बीचों बीच बाबा भीमराव अंबेडकर की यह प्रतिमा स्थापित है ।

-इस तलाब में धोबी समाज कपड़े धुलने का काम करता है लेकिन अब यह तलाब दलदल में तब्दील हो चुका है ।

-लोगों को प्रतिमा तक पहुंचने के लिए भरे हुए तलाब में लगभग 400 मीटर का रास्ता तय करना पड़ता है ।

-कई स्थानों पर यह तालाब गहरा भी है फिर भी लोग जान हथेली पर लेकर बाबा साहब को उनकी जयंती के मौके पर माल्यार्पण करने के लिए जाते है ।

क्या कहते हैं लोग

-नसीरुद्दीन बताते है कि सन 1956 में श्रम विभाग द्वारा धोबी समाज को दी गई थी ।

-यहां बड़ी संख्या में धोबी समाज के लोग रहते है और यह तलाब बना हुआ है।

-उन्होंने बताया कि सन 1993 में कुछ लोगों ने इस जमीन पर कब्ज़ा करने के मकसद से अंबेडकर जी की प्रतिमा लगाई थी ।लेकिन भारी विरोध की वजह से कामयाब नही हो सके थे ।

-इसके बावजूद भी अब इस तलाब की पुराई कर कब्ज़ा करने की फ़िराक में लगे है । बगल में ही टायर मंडी है जो बहुत तेजी कब्ज़ा कर रहे है।

-विक्रम सिंह बताते है बाबा साहब की यह दुर्दशा देखी नही जाती है। स्थानीय लोग चंदा इकठ्ठा कर के बाबा साहब की प्रतिमा का रंग रोगन करते है । पानी के बीच में मूर्ति होने के कारण हम लोग इनकी देख रेख नही कर पाते है ।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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