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कमाल: अक्षय कुमार की फिल्म 'पैडमैन' से पहले ये पैडवुमेन चला रही कैंप
सोशल कॉज पर बेस्ड अक्षय कुमार की फिल्म 'पैडमैन' बेहतर इनकम के साथ दर्शकों के बीच रिस्पांस फुल है। फिल्म के जरिये अक्षय कुमार फिल्म के मेन इश्यू मेंस्ट्रुअल हाइजीन को पूरे देश में उठा रहे हैं। लेकिन यहां ज़िले की कुछ पैडवुमेन सालों से इस अलख को जलाकर बैठी हैं। ये पैडवुमेन सैनिटरी नैपकिन बनाने के साथ-साथ और वूमेन्स को इसकी ट्रेनिंग भी दे रही हैं।
सुल्तानपुर (यूपी): सोशल कॉज पर बेस्ड अक्षय कुमार की फिल्म 'पैडमैन' बेहतर इनकम के साथ दर्शकों के बीच रिस्पांस फुल है। फिल्म के जरिये अक्षय कुमार फिल्म के मेन इश्यू मेंस्ट्रुअल हाइजीन को पूरे देश में उठा रहे हैं। लेकिन यहां ज़िले की कुछ पैडवुमेन सालों से इस अलख को जलाकर बैठी हैं। ये पैडवुमेन सैनिटरी नैपकिन बनाने के साथ-साथ और वूमेन्स को इसकी ट्रेनिंग भी दे रही हैं।
दूबेपुर ब्लॉक के अकारीपुर में लगी है यूनिट
ग़ौरतलब हो कि ज़िले के दूबेपुर ब्लॉक में अकारीपुर में पैड-नैपकिन की यूनिट लगी है, जिसे यूनिट को पैडवुमन संजू हैंडल करती है। ये यूनिट पंचायत विभाग द्वारा सैनिटरी नैपकिन बनाने की योजना द्वारा संचालित है। संजू ने बताया कि इस वर्क की ट्रेनिंग उसनें लखनऊ से लिया और अब पैड बनाकर वो सिर्फ अपनी अर्निंग ही नहीं कर रही बल्कि सोसायटी की और महिलाओं को नैपकिन बनाने की ट्रेनिंग भी दे रही है।
3 साल पहले की थी शुरुआत
इस वर्क को करने के लिये उसनें बताया कि 3 साल पहले हमारे अपने आस-पड़ोस की महिलाओं की झिझक ने उसे इस कदम को उठाने के लिये मजबूर किया और फिर हमनें कुछ करने की ठानी ली। हमने देखा कि शहरों में तो नैपकिन के प्रति महिलाओं को जानकारी है लेकिन ग्रामीण महिलाएं अभी इससे अनिभिज्ञ। हमने मन बना लिया था कि गांव-देहात की महिलाओं में नैपकिन को लेकर दिल में बसी झिझक खत्म करने के लिये जागरूकता कैम्प तक लगाया। उसनें महिलाओं को खुद रोज़गार करने के लिये प्रेरित भी किया।
इन वोमेंस सेंटर पर जा रहे पैड
आज पैडवुमन संजू स्वयं सहायता समूह चलाकर सैकड़ों महिलाओं को अपने साथ जोड़ चुकी है। हालांकि धीरे-धीरे सोच बदलने से नैपकिन की मांग बढ़ रही है। अब उसकी इस पहल से डिस्ट्रिक्ट जेल की महिला सेल से लेकर डिस्ट्रिक्ट वोमेन हॉस्पिटल आंगनबाड़ी सेंटर्स और कई वोमेंस स्कूलों में नैपकिन जाने शुरू हो गए हैं।
इन स्टोरी पर बेस्ड है 'पैडमैन'
फिल्म की कहानी तमिलनाडु के पद्म अवॉर्डी अरुणाचलम मुरुगनाथन की लाइफ पर बेस्ड है, जिन्हें 'मेंस्ट्रुअल मैन' के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने सस्ते सेनेटरी पैड बनाकर पत्नी, बहन और दूसरी महिलाओं को पीरियड्स के समय होने वाली दिक्कतों से छुटकारा दिलाया।