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जब मंत्री घायलों को लेकर पहुंचे सीएचसी तो बंद मिला ताला, सीएमओ ने भी नहीं उठाया फोन
अमेठी : ये एक ऐसा जिला है, जिसे घोषित तौर पर वीआईपी दर्जा मिला हुआ है। लेकिन यहाँ के अफसर इसकी मिट्टी पलीद करने पर उतारू रहते हैं। कम ही ऐसा हुआ है कि अमेठी अच्छी घटना के लिए चर्चा में रहा हो। एक बार फिर अमेठी चर्चा में हैं, और इस बार सूबे के मंत्री ने स्वयं देखा कि यहाँ तैनात अफसर कैसे काम करते हैं, दरअसल हुआ ये, कि लखनऊ से आ रहे राज्यमंत्री सुरेश पासी के सामने एक दर्दनाक रोड हादसा हुआ। जिसमें कार सवार 4 व्यक्ति बुरी तरह घायल हो गए। जिन्हें मंत्री ने अपनी कार में बैठाया और इलाज के लिए पास की इंहौना सीएचसी पहुंचे, वहां जब मंत्री का स्वागत लटकते ताले ने किया, तो उन्होंने सीएमओ को फोन किया। साहेब ने मंत्री का फोन नहीं उठाया, इसके बाद आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आम आदमी के साथ क्या होता होगा। इधर घायलों की तबियत बिगड़ने लगी थी आनन-फानन में मंत्री उन्हें पीएचसी सिंहपुर लेकर पहुचें जहाँ उन्हें इलाज मिल सका।
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इंहौना के चिलौली ग्राम के पास हाइवे के चौड़ीकरण के काम में लगा रोडरोलर सबवे से हाईवे पर चढ़ रहा था। तभी लखनऊ की ओर से आ रही कार UP78 CQ 5794 उससे टकरा गईं। कार सवार ज्योति वर्मा, निर्भय वर्मा, विश्वनाथ वर्मा व चालक अहसान बुरी तरह घायल हो गए।
घटना की जानकारी ग्रामीणों ने 108 व डायल 100 पर दे दी। तभी लखनऊ से तिलोई आ रहे सूबे के राज्यमंत्री सुरेश पासी भीड़ देख वहां रुके। उन्होंने कुछ घायलों को एम्बुलेंस तो कुछ को अपनी गाड़ी से इंहौना सीएचसी पहुंचे।
सीएचसी पर मंत्री को ताला बन्द मिला तो, उन्होंने सीएमओ को फोन किया पर उधर से फोन उठा नहीं। मंत्री घायलों को लेकर सिंहपुर स्वास्थ्य केन्द्र पहुँच गये यहाँ घायलों को इलाज मिल सका। यहाँ भी मंत्री को कई खामियां नजर आई इसके बाद तो मंत्री का पारा चढ़ गया उन्होंने सभी को जमकर लताड़ा। मंत्री ने इंहौना सीएचसी के स्टाफ पर सख्त कार्यवाही के आदेश दे दिए हैं।
हमें मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को डीएम योगेश कुमार ने शुकुल बाज़ार सीएचसी एवं महोना पीएससी का औचक निरीक्षण किया था। महोना पीएससी पर डीएम के निरीक्षण में वार्ड ब्वाय को छोड़ डाक्टर, फार्मेसिस्ट और प्रयोगशाला सहायक गैर हाज़िर मिले थे। इस पर डीएम ने गैरहाज़िर सभी को निलंबित करने का आदेश दिया था। उसके बाद भी इंहौना सीएचसी में मंत्री को ताला बंद मिलना और सीएमओ का फोन न उठाना इस बात की तरफ इशारा करता है कि सीएमओ साहेब जिले में कुछ तो ऐसा कर रहे हैं जो गलत है, सिर्फ कर्मचारी पर ही नहीं सीएमओ पर भी गाज गिरनी चाहिए।