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वाट एन आईडिया! दीवारों पर होंगे राम, तो कैसे करेगा कोई उन्हें गंदा करने का काम
स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ने के लिए जहां प्रदेश सरकार एक मुहीम के तहत कार्य कर रही है वहीं गोरखपुर जिले के आला अधिकारी भी इस मुहीम को सफल बनाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है गोरखपुर के आई जी मोहित अग्रवाल ने
गोरखपुर: भाई साहब ! अगर आपको भी सड़क किनारे खुली हवा में पेशाब करने की आदत है, तो ज़रा सावधान हो जाइये। 'स्वच्छ भारत मिशन' से जुड़ने के लिए जहां प्रदेश सरकार एक मुहीम के तहत कार्य कर रही है वहीं गोरखपुर जिले के आला अधिकारी भी इस मुहीम को सफल बनाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है गोरखपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने जिन्होंने अपने आवास/कार्यालय के अगल बगल की गन्दगी को साफ रखने के लिए भगवान राम का सहारा लिया।
अब आईजी साहब दीवारों पर भगवानों की पेंटिंग बनवा रहे है जिससे की लोग गन्दगी ना कर सकें। इस पूरे मुहीम में आईजी साहब ने शहर के बड़े व्यापारियों की मदद ली और वाल पेंटिंग के कलाकारों को बुलाकर काम शुरू करवाया।
- आईजी आवास और कार्यालय एक में ही है।दीवानी कचहरी का एक गेट आईजी साहब के गेट से सटे हुए खुलता है।
- कचहरी में लोग दूर दराज से आते हैं और लगभग हज़ारों की संख्या में लोग यहा आते जाते रहते हैं।
- गेट के आस पास लोग काफी गन्दगी भी करते हैं। कोई पान खाकर दीवरों को लाल करता है तो कोई लघुशंका करता है। - इससे वहां काफी गन्दगी फैली रहती है। ऐसे में आईजी साहब ने नई मुहीम चलाई जिसमे शहर में बड़े व्यापारियों ने खूब मदद की और उसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आये।
आईजी साहब ने व्यापारियों से बात की कि शहर की दीवारों को लोग गंदा करते रहते है, जिससे यहाँ सबको परेशानी होती है। साथ में गन्दगी भी खूब होती है। और अब जब से ये सीएम का शहर हो गया है तो सबकी निगाहे भी इस शहर पर ख़ास बनी रहती हैं। ऐसे में शहर से गंदगी को खत्म करने व लोगों को जागरूक करने के लिए क्यों ना भगवानों की वाल पेंटिंग बनवाई जाए, जिसे देखकर उनमें ऊर्जा का संचार भी होगा और शहर भी खुबसूरत दिखेगा।
आईजी की बात को ध्यान में रखते हुए इसकी जिम्मेदारी उठाई शहर के पूर्व मेयर व व्यवसाई पवन बथवाल ने। उन्होंने मुम्बई से वाल पेंटिंग के कारीगरों से सम्पर्क किया और उन्हें गोरखपुर बुलाया। कारीगरों, आईजी व व्यापारियों ने एक साथ बैठक की और सारी समस्याओ को साझा किया। इस पर निष्कर्ष निकला की इसकी शुरुआत आईजी साहब के कैम्पस से की जाए।
कारीगर अजय ने बताया की वो पिछले कई वर्षो से फाइन आर्ट का काम कर रहे हैं, वो रहने वाले यही के है लेकिन कुछ वर्षो से वो मुंबई में रहकर इंटीरियर डेकोरेशन का कार्य कर रहे हैं। आईजी साहब ने यहा पर धार्मिक चित्रों को बनवा दिया जिससे की यहां पर कोई गन्दगी ना करे। इस पेंटिंग को बनाने से पहले पूरा मेजरमेंट किया जता है और इसे हाथ से ब्रश की सहायता से बनाया जाता है।