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योगी पर भड़का टीचर, वायरल वीडियो पर होगा एक्शन? आखिर कितना दोषी

सवाल ये उठता है कि पिछले दिनों जिस तरह से किसान आंदोलन के समय टूल किट प्रकरण में जिस तरह से कई लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने कार्रवाई की थी क्या इस मामले में भी कार्रवाई होगी।

Newstrack
Published on: 25 March 2021 2:32 PM IST
योगी पर भड़का टीचर, वायरल वीडियो पर होगा एक्शन? आखिर कितना दोषी
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वायरल वीडियो असंवैधानिक कृत्य के लिए मजबूर होने का दावा दंडनीय या आलोचना

रामकृष्ण वाजपेयी

एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक शख्स ने 31 मार्च तक स्कूल बंद करने के योगी आदित्यनाथ के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए योगी आदित्यनाथ को तानाशाह बताया और कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो असंवैधानिक कदम उठाने को भी बाध्य होंगे। इस मामले में वीडियो जारी करने वाले टीचर ने खुद स्वीकार किया है कि हां उसने ये वीडियो जारी किया है और जहां जरूरत पड़ेगी जवाब देंगे।

क्या इस मामले में कार्रवाई होगी ?

यह शख्स गोरखपुर के बांसगांव क्षेत्र के डा. भीमराव अम्बेडकर विद्यालय के प्रबंधक दीपक कन्नौजिया हैं। अब सवाल ये उठता है कि पिछले दिनों जिस तरह से किसान आंदोलन के समय टूल किट प्रकरण में जिस तरह से कई लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने कार्रवाई की थी क्या इस मामले में भी कार्रवाई होगी। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनपद का मामला है। इस मामले में कानूनविदों की राय अलग अलग है। भारतीय दंड संहिता की धारा 505 कहती है कि जो भी कोई किसी कथन, जनश्रुति या सूचना –

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(क) इस आशय से या जिससे यह सम्भाव्य हो कि, भारत की सेना, नौसेना या वायुसेना का कोई अधिकारी, सैनिक, नाविक या वायु सैनिक विद्रोह करे या अन्यथा वह उस नाते, अपने कर्तव्य की अवहेलना करे या उसके पालन में असफल रहे, अथवा (ख) इस आशय से या जिससे यह सम्भाव्य हो कि, सामान्य जन या जनता के किसी भाग को ऐसा भय या संत्रास कारित हो जिससे कोई व्यक्ति राज्य के विरुद्ध या सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध करने के लिए उत्प्रेरित हो, अथवा (ग) इस आशय से कि, या जिससे यह सम्भाव्य हो कि, उससे व्यक्तियों का कोई वर्ग या समुदाय किसी दूसरे वर्ग या समुदाय के विरुद्ध अपराध करने के लिए उकसाया जाए,को रचेगा, प्रकाशित या परिचालित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री को तानाशाह कहना कोई अपराध नहीं...

अगर गौर करें तो दीपक कन्नौजिया पर इस धारा के कुछ प्रावधानों के तहत सरकार कार्रवाई कर सकती है और इस वीडियो को वायरल करने या फारवर्ड करने वाले भी इस धारा के तहत कार्रवाई का सामना कर सकते हैं। मुख्यमंत्री को तानाशाह कहना कोई अपराध नहीं है वह आलोचना में आएगा लेकिन संविधान की अवहेलना करने की बात करके लोगों को उकसाने के कृत्य को सरकार दंडनीय मान सकती है।

क्या है वीडियो जारी करने वाले की मंशा ?

सरकार इस मामले को अपवाद स्वरूप मान भी सकती है और नहीं भी माना जा सकता कि वह व्यक्ति सद्भाव में इस वीडियो को जारी कर रहा है और अन्य उसे सद्भाव में फारवर्ड कर आगे बढ़ा रहे हैं। इसमें संभावना यह भी हो सकती है कि वीडियो जारी करने वाले की मंशा क्या है। मंशा के पीछे बच्चों को निर्बाध शिक्षित करने का उद्देश्य है। इसे देखते हुए इसे सिर्फ आलोचना के दायरे में रखा जा सकता है।

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लेकिन अगर सरकार इसे अपराध की श्रेणी में लेती है तो इस अपराध के लिए दीपक कन्नौजिया को तीन वर्ष के कारावास, या आर्थिक दण्ड, या दोनों की सजा भी हो सकती है। यह अपराध गैर-जमानती है। संज्ञेय है तथा किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य भी नहीं है। लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ता रोहित त्रिपाठी का कहना है कि इसे दंड की निगाह से नहीं आलोचना की दृष्टि से देखा जाना चाहिए। हो सकता है वीडियो डालने वाला बड़बोलेपन में कुछ ज्यादा बोल गया हो लेकिन उसकी मंशा ऐसी नहीं दिखती इसलिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए।

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