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कोरोनावायरस केस बढ़े साथ ही सख्ती भी, मंदिरों में भी बदले नियम- श्रद्धालुओं ने बनाई दूरी
कोरोना महामारी के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं।इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कड़ाई के साथ ..
लखनऊः कोरोना महामारी के मामले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं।इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कड़ाई के साथ करने का आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत बृहस्पतिवार को राजधानी लखनऊ के दो बड़े शॉपिंग माल के साथ कई प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया। जहां कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा था।
मंदिरों में कम श्रद्धालुः
वही दूसरी ओर राजधानी के सबसे प्रमुख हनुमान मंदिर, बाबा नीमकरोरी आश्रम में भी श्रद्धालुओं का पहुंचना कम हो गया है। मंदिर प्रबंधन ने कोविड-19 नियमों को ध्यान में रखकर दर्शन-पूजा के तरीकों में भी बदलाव किया है। श्रद्धालुओं ने भी सोशल डिस्टेंसिंग को भगवान दर्शन में भी अहमियत देना शुरू कर दिया है।
यूपी कोविड-19 आपदा राज्य घोषितः
उत्तर प्रदेश में गुरुद्वारा महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार बेहद अलर्ट मोड में है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 1 दिन पहले उत्तर प्रदेश को कोविड-19 आपदा राज्य घोषित किया है। बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन ने ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। जो कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं लेकिन दूसरी ओर राजधानी के धार्मिक स्थलों का नजारा अलग है जहां कोविड-19 का पालन करते हुए दर्शन और पूजन के पुराने तौर-तरीकों में बदलाव किया गया है वही मंदिर में भजन पूजन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालु भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करते दिखाई दे रहे हैं। यहअलग बात है कि मंदिरों में पहले के मुकाबले भीड़ काफी कम दिखाई दे रही है। इक्का-दुक्का लोग ही मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
हनुमान मंदिर पहुंचकर जब न्यूज़ ट्रैक टीम ने मौके का हाल देखाः
राजधानी लखनऊ के हनुमान सेतु स्थित है बाबा नीमकरोरी वाले हनुमान मंदिर पहुंचकर जब न्यूज़ ट्रैक टीम ने मौके का हाल देखा तो पता चला कि मंदिर में दर्शन और पूजन के नियम बदल दिए गए हैं। मंदिर के पट सुबह 5:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक और शाम 3:00 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक खोले जा रहे हैं। श्रद्धालुओं को यह भी बता दिया गया है कि उन्हें जो भी भोग प्रसाद अर्पित करना है उसे वह श्री बजरंग बली के सामने खड़े होकर खुद ही अर्पित कर सकते हैं। उनके किसी भी भोग प्रसाद को मंदिर का कोई भी पुजारी या कोई अन्य हाथ नहीं लगाएगा मंदिर के पुजारी ने यह भी बताया कि पूजा व्यवस्था में केवल उन पुजारी और कर्मचारियों को शामिल किया गया है
जो मंदिर परिसर में ही निवास करते हैं जो लोग मंदिर परिसर से बाहर रहते हैं उनको मंदिर के अंदर आकर काम करने नहीं दिया जा रहा है। कोरोना वायरस प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर श्रद्धालु भी मंदिर में भीड़ नहीं लगा रहे हैं। केवल मंगलवार और शनिवार को मंदिर में श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ती है लेकिन वह भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर दर्शन प्राप्त करते हैं। मंदिर परिसर में मौजूद मिष्ठान विक्रेताओं और फूल बेचने वालों ने बताया कि महामारी का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ने से लोग चिंतित हैं।
श्रद्धालु मंदिर में आकर बजरंगबली से प्रार्थना कर रहे हैं कि देश को इस संकट से बचाया जाए। मंदिर प्रबंधन की ओर से जो व्यवस्था की गई है।उसमें हम सभी लोग सहयोग कर रहे हैं श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उपाय लागू किए गए हैं लेकिन सबसे बड़ी राहत की बात है कि ज्यादातर श्रद्धालु खुद कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर यहां आते हैं सभी श्रद्धालुओं के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है।
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