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कल्पना को साकार रूप देने की अभिव्यक्ति है कला: प्रोफेसर जेवी वैशंपायन

प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे वी वैशंपायन ने कहा कि प्रतिवर्ष छात्रों की मेहनत में और अधिक सुधार और नवाचार देखने को मिल रहा है। बिना सकारात्मक दृष्टिकोण और कार्य के प्रति लगन के यह संभव नहीं है।

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Published on: 4 Dec 2020 5:26 PM GMT
कल्पना को साकार रूप देने की अभिव्यक्ति है कला: प्रोफेसर जेवी वैशंपायन
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कल्पना को साकार रूप देने की अभिव्यक्ति है कला: प्रोफेसर जेवी वैशंपायन

झाँसी: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी कला प्रदर्शनी कला अभिव्यक्ति 2020 प्रदर्शित की गई। यह प्रदर्शनी 5 और 6 दिसंबर को आमजन के अवलोकन हेतु उपलब्ध रहेगी।

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे वी वैशंपायन ने किया उद्घाटन

प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे वी वैशंपायन ने कहा कि प्रतिवर्ष छात्रों की मेहनत में और अधिक सुधार और नवाचार देखने को मिल रहा है। बिना सकारात्मक दृष्टिकोण और कार्य के प्रति लगन के यह संभव नहीं है। विश्वविद्यालय के छात्र ही समाज में विश्वविद्यालय की छवि का निर्माण करते हैं। आज कई कला के संस्थान जिस प्रकार का कार्य अपनी स्थापना के 8 दशकों बाद दे रहे हैं वही प्रतिभा यहां के छात्रों ने कम समय में दिखाई है।

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उन्होंने कहा की कोई भी व्यक्ति अपने अनुभवों या शिक्षा से सीखता है अनुभव से सीखने में समय लगता है वही यह कार्य व्यवहारिक शिक्षा कम समय में कर सकती हैं। यही शिक्षा की उपयोगिता है। उन्होंने कहा की विकसित देश केवल आर्थिक रूप से ही सफल नहीं होते बल्कि कला की विभिन्न विधाओं में भी अग्रणी रहते हैं। विश्वविद्यालय की समाज में यही भूमिका है की विज्ञान के साथ ही अर्थशास्त्र कला एवं अनेक विषयों में छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान कर देश और समाज की सेवा करना।

अभिव्यक्त करने का माध्यम कला

कुलसचिव नारायण प्रसाद ने कहा की ‘कला विचारों की वाहक है’ इसके साथ ही कला वह है जो कल को आकार दे। उन्होंने कला के विभिन्न आयामों के संदर्भ में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अपने मन के अंदर उठने वाली तरंगों को अभिव्यक्त करने का माध्यम कला ही है। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर देवेश निगम ने छात्रों की कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका कार्य अवलोकन और रचनाधर्मिता की दृष्टि से सराहनीय है। कला संकायध्यक्ष प्रोफ़ेसर सीबी सिंह ने कहा की छात्रों को प्रत्येक अवसर के लिए तैयार रहना चाहिए।

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साथ ही समाज और प्रकृति के विभिन्न रूपों को कला अभिव्यक्ति के माध्यम से प्रदर्शित करने पर उन्होंने छात्रों की सराहना की। इसके पूर्व ललित कला विभाग की समन्वयक डॉ सुनीता ने सभी का स्वागत किया एवं विभाग की उपलब्धियों को सामने रखा। संचालन डॉक्टर बृजेश सिंह एवं आभार डॉक्टर श्वेता पांडे ने दिया। ललित कला विभाग के डॉ अजय गुप्ता, दिलीप कुमार, आरती एवं कमलेश कुमार, पत्रकारिता विभाग के समन्वयक डॉ कौशल त्रिपाठी, डॉ राधिका चौधरी, डॉ बलबीर सिंह, पूर्व छात्र पंकज शर्मा, शिवम राजपूत, जयप्रकाश के साथी ललित कला संस्थान के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

रिपोर्ट: बीके कुशवाहा

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