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Unnao News: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी ने “लीगल ए.आई. प्रॉब्लम्स और चैलेंजेज़” पर एक्सपर्ट टॉक का किया आयोजन

Unnao News: यह कार्यक्रम चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी के लिए एक अहम उपलब्धि है, क्योंकि हाल ही में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने एलएलबी और पाँच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ पाठ्यक्रमों की शुरुआत की मंज़ूरी दी है।

Shaban Malik
Published on: 10 Jun 2025 10:47 PM IST
Unnao News: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी ने “लीगल ए.आई. प्रॉब्लम्स और चैलेंजेज़” पर एक्सपर्ट टॉक का किया आयोजन
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चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी ने “लीगल ए.आई. प्रॉब्लम्स और चैलेंजेज़” पर एक्सपर्ट टॉक   (photo: social media ) 

Unnao News: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी के स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज ने ‘लीगल एआई: चुनौतियाँ और संभावनाएँ’ विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया, जिससे यह मंथन हुआ कि कैसे ए.आई. कानूनी शिक्षा में बदलाव ला सकता है और अदालतों में इसके बढ़ते उपयोग का प्रभाव क्या है। कार्यक्रम में ए.आई. से जुड़ी नैतिक, ऑपरेशनल और नियामक कठिनाइयों पर भी विचार-विमर्श हुआ। वक्ताओं ने विशेष रूप से यह बात दोहराई कि आने वाले समय के वकीलों को ए.आई.-युक्त कानूनी वातावरण में सफल होने के लिए फ्यूचर-रेडी कौशल से सुसज्जित होना अनिवार्य है। यह कार्यक्रम चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी के लिए एक अहम उपलब्धि है, क्योंकि हाल ही में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने एलएलबी और पाँच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ पाठ्यक्रमों की शुरुआत की मंज़ूरी दी है। इसमें कोर्ट और कानूनी समुदाय के कई वरिष्ठ सदस्यों ने भाग लिया और एआई तथा कानून के बीच विकसित हो रहे इंटरफेस पर अपनी जानकारी साझा की।

अतिथियों का स्वागत करते हुए, डॉ. अजय यादव, रजिस्ट्रार, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश, ने कहा कि यूनिवर्सिटी एआई-सपोर्टेड और इंडस्ट्री ओरिएंटेड व मल्टीडिसिप्लिनरी मॉडल के माध्यम से लीगल स्टडीज के स्वरूप को नया रूप देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी के प्रो-वाइस चांसलर प्रो. डॉ. थिपेंद्र पी सिंह ने कहा कि भविष्य के लॉ प्रोफेशनल्स को सिर्फ कानून समझना ही नहीं, बल्कि डिजिटल दुनिया के प्रभावों को भी आत्मसात करना होगा। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी ने शिक्षा के हर क्षेत्र में एआई को शामिल कर यह सुनिश्चित किया है कि छात्र इस बदलाव का नेतृत्व करें।

इस कार्यक्रम में वरुण द्विवेदी,सीनियर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, सीबीआई प्रशांत सिंह अटल, चीफ़ स्टैंडिंग काउंसिल, कुलदीप पति त्रिपाठी, एडिशनल एडवोकेट जनरल, एवं माननीय रंगनाथ पांडेय, पूर्व न्यायाधीश इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ बेंच, प्रमुख वक्ता और अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। उन्होंने न्यायिक प्रक्रियाओं में एआई के वर्तमान और भावी उपयोगों पर प्रकाश डाला और लॉ प्रोफेशनल्स की तकनीकी समझ की आवश्यकता पर जोर दिया। वक्ताओं ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी द्वारा शुरू किए गए एआई-इंटिग्रेटेड लॉ एजुकेशन प्रोग्राम की सराहना की और इसे देश के आधुनिक लॉ स्कूलों के लिए एक आदर्श मॉडल बताया।

सीयू यूपी का यह प्रयास बहुत ही उपयोगी

इस अवसर पर मुख्य अतिथि, पूर्व न्यायाधीश इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ बेंच, रंगनाथ पांडेय ने कहा की “यूनिवर्सिटी की सुंदर और उत्कृष्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर देखकर मैं अत्यधिक प्रभावित हूँ। सीयू यूपी का यह प्रयास बहुत ही उपयोगी है, और मेरी यही शुभकामना है कि सीयू यूपी इसी तरह काम करता रहे। जो छात्र सीयू यूपी के माध्यम से आने वाले हैं, वे लीगल फील्ड में बेहतर काम करेंगे, क्योंकि जो सुविधाएँ सामान्यतया अन्य जगहों पर उपलब्ध नहीं होती, वे एआई की मदद से यहाँ आसानी से मिलेंगी जिससे पूरे देश का भविष्य भी संवरता रहेगा। विद्यार्थी देश का भविष्य होते हैं, और सीयू यूपी एआई की मदद से देश का भविष्य संवारने का काम करेगा।” उन्होंने कहा की एआई लीगल फील्ड्स में सहयोगी हो सकता है, लेकिन जज की जगह नहीं ले सकता। यह उपयोगी है और युवाओं के लिए लाभदायक साबित होगा, साथ ही कार्यवाही में भी तेजी आएगी। वर्तमान परिवेश में एआई उपयोगी है और भविष्य में इसकी उपयोगिता और बढ़ेगी। ज्यूडिशियरी में इसका उपयोग तैयारी और समय की बचत के लिए किया जा सकता है।

सीयू यूपी शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांति लाएगा- प्रशांत सिंह अटल, चीफ़ स्टैंडिंग काउंसिल फर्स्ट, इलाहाबद हाइकोर्ट लखनऊ बेंच इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि चीफ़ स्टैंडिंग फर्स्ट, इलाहाबद हाइकोर्ट लखनऊ बेंच काउंसिल प्रशांत सिंह अटल ने कहा की “चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी में आकर ऐसा लगा जैसे पूरे भारत वर्ष में मोहाली कैंपस ने जो नया आयाम स्थापित किया है, वैसा ही यहाँ भी होगा। और मैं मन से कामना करता हूँ कि यहाँ के बच्चे बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे। यह उत्तर प्रदेश की पहली ए.आई. यूनिवर्सिटी है। ए.आई. एक ‘ब्रह्मास्त्र’ है, लेकिन इससे ज़रूरी है कि यह किसके हाथ में है और इसका उपयोग कौन कर रहा है—यह महत्वपूर्ण है। सरकार भी ए.आई. को लेकर गंभीरता से काम कर रही है। ‘ई कोर्ट्स’ की स्थापना की जा रही है, जो न सिर्फ न्यायिक क्रांति में सहायक होगी, अपितु ए.आई. का उपयोग और भी पारदर्शी और जिम्मेदार बनाएगी। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी यूपी में जो बच्चे पढ़ेंगे वो एआई को बेहतर तरीके से समझ कर न्याय के क्षेत्र में और अधिक आधुनिक तरीके से काम कर पाएंगे। जिसकी मदद से सीयू यूपी विधी के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाएगा। ”

स्टूडेंट्स के लिए एक उत्तम वातावरण मौजूद

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि, एडिशनल एडवोकेट जनरल कुलदीप पती त्रिपाठी ने कहा की, “यूनिवर्सिटी का कैंपस वाकई शानदार है और यहाँ के स्टूडेंट्स के लिए एक उत्तम वातावरण मौजूद है। सीयू यूपी का ए.आई. को लेकर यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है इससे लीगल फील्ड्स में व्यापक सहायता मिलेगी और यह पूरे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगी। लीगल स्टडीज़ में ए.आई. का योगदान बहुत बड़ा है, और ज्यूडिशियरी में भी यह अहम भूमिका निभा रहा है। युवा पीढ़ी नये टूल्स को लेकर उत्साहित है और उनका उपयोग कर रही है। मैं सीयू यूपी में एडमिशन लेने वाले सभी छात्रों को ढेरों शुभकामनाएँ देता हूँ। निश्चित रूप से उनका भविष्य उज्जवल होगा, क्योंकि यहाँ से निकलने वाले बच्चे हमारे समाज व देश का भविष्य आकार देंगे।”

वरुण द्विवेदी, सीनियर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, सीबीआई ने कहा की, “एआई कानून के क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौतियों दैनिक आधार पर भारी मात्रा में जानकारी को इकट्ठा करने का समाधान प्रस्तुत करता है। यह ऑटोमैटिक समरी और डेटा विश्लेषण के माध्यम से निर्णय लेने को सरल बनाकर समय बचाता है।”

उन्होंने आगे यूनिवर्सिटी की पहल की प्रशंसा करते हुए कहा की, “ सभी विषयो में एआई को जोड़कर इंटीग्रेट करने वाला यह पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी है, जिसका एआई-सपोर्टेड लॉ पाठ्यक्रम और ग्लोबल इंडस्ट्री कोलैबोरेशन छात्रों को विशेषकर कॉर्पोरेट लॉ जैसे क्षेत्रों में बढ़ती मांगों के लिए पूरी तरह तैयार करेगा।”

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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