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अब खुलेगा वक्फ संपत्तियों का अरबों का घोटाला, योगी सरकार ने की CBI जांच की सिफारिश
लखनऊ: यूपी में अब वक्फ संपत्तियों में हुए अरबों के घोटालों का पर्दाफाश होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने शिया-सुन्नी वक्फ बोर्डों में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। साथ ही दोनों बोर्डों के अध्यक्षों को भी हटाने के आदेश दिए हैं।
बता दें, कि दोनों बोर्ड के अध्यक्षों पर वक्फ संपत्त्यिों के करोड़ों रुपए के घोटालों का आरोप है। जानकारों के मुताबिक अकेले शिया वक्फ संपत्तियों पर ही करीब 20 हजार अवैध कब्जे हैं। इनमें से अकेले दो से तीन हजार प्रकरण राजधानी के हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि वक्फ संपत्तियों में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच में अरबों का घोटाला खुल सकता है।
दिखाया बाहर का रास्ता
उधर, विभागीय मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के तीन-तीन नामित सदस्यों को बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। साथ ही दोनो बोर्ड के अध्यक्षों को हटाया गया है। बता दें कि बीते दिनों यह प्रकरण तब गरमाया जब वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी और पूर्व वक्फ मंत्री आजम खान के कार्यों की वक्फ काउंसिल ऑफ इंडिया ने पड़ताल की। इसमें कई गड़बड़ियां सामने आईं। इसके अलावा तमाम जगहों पर वक्फ संपत्तियों पर सरकारी कब्जे की बात भी सामने आई है। इसी आधार पर योगी सरकार में वक्फ संपत्त्यिों की जांच की मांग जोर पकड़ती जा रही है। चौधरी का कहना है कि प्रकरण की सीबीआई जांच के लिए सीएम से सिफारिश की गई है।
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28 साल से वक्फ संपत्तियों का सर्वे नहीं
साल 2014 में सर्वे के लिए रिटायर अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, मुख्य वक्फ निरीक्षक, सर्वे वक्फ निरीक्षक व वक्फ लिपिक को मानदेय पर रखने की तैयारी हुई। इसके लिए 22 जून 2015 को शासन को पत्र लिखा गया। लेकिन अब तक इसकी मंजूरी नहीं मिली।
वक्फ से जुड़ी अहम बातें:
-1931 में वक्फ संपत्तियों का पहला सर्वे हुआ।
-1़977 में सर्वे वक्फ विभाग का गठन किया गया।
-इसका काम प्रदेश भर में बिखरी पड़ी वक्फ संपत्तियों का सर्वे कर उसका अमल दरामद करना था।
-1977 में सर्वे का काम शुरू हुआ जो सन 1988 तक चला।
-इस दौरान एक लाख 30 हजार वक्फ संपत्तियां दर्ज की गईं।
-इनमें एक लाख 23 हजार 115 सुन्नी वक्फ संपत्तियां थीं।
-आठ हजार शिया संपत्तियां दर्ज की गईं।
-सन 1995 में सेंट्रल वक्फ एक्ट आया। इसे एक जनवरी 1996 को लागू किया गया।
-इसका मकसद सर्वे कर वक्फ संपत्तियों की सही संख्या की जानकारी करना था।
-इनके सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इसे सौंपी गयी थी।
-फिर वक्फ संपत्त्यिों का सर्वे करने के लिए वक्फ कमिश्नर ने कई बार शासन को पत्र लिखा।
-पर किसी भी सरकार में सर्वे का काम नहीं हो सका।
-पहले 20 वक्फ संपत्त्यिों के सर्वे के लिए 20 साल की समय सीमा तय की गयी थी।
-केंद्र सरकार ने सन 2013 मे सेंट्रल वक्फ एक्ट 1995 में संशोधन कर दिया।
-अब सर्वे के लिए 20 साल की जगह 10 साल का प्रावधान किया गया।
-इसके बाद यूपी में फिर सर्वे की कवायद शुरू हुई।
-सन 2014 में फिर सर्वे की प्रक्रिया शुरू हुईं।