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610 न्यायिक अधिकारियों की भर्ती जून 19 तक पूरी करने का निर्देश

Rishi
Published on: 12 Sept 2018 9:14 PM IST
610 न्यायिक अधिकारियों की भर्ती जून 19 तक पूरी करने का निर्देश
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इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उ.प्र. लोक सेवा आयोग को 610 न्यायिक अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया जून 2019 तक पूरी कर लेने का निर्देश दिया है और कहा है कि जून में नियुक्ति जारी की जाए ताकि जुलाई 19 से सभी नवनियुक्त न्यायिक अधिकारी कार्य करना शुरू कर दे। कोर्ट ने आयोग के सचिव को भर्ती प्रक्रिया की समय सारिणी हलफनामे के मार्फत अगली सुनवाई की तिथि 26 सितम्बर को दाखिल करने को कहा है।

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अदालत भवनों व न्यायिक अधिकारियों की भारी कमी को लेकर कायम जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले, न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पूर्णपीठ कर रही है। राज्य के मुख्य सचिव ने हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि 610 न्यायिक अधिकारियों की भर्ती की जा रही है। 371 कोर्ट रूम का निर्माण किया जा रहा है जो जून 19 तक तैयार हो जायेंगे। शेष 646 कोर्ट रूम बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। जून 2020 तक बजट मिलने पर निर्माण कराया जा सकेगा।

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कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जज होंगे, कोर्ट नहीं होगी, क्या सरकार बिना काम लिये जजों को तनख्वाह देगी। सरकार के अपर महाधिवक्ता का कहना था कि कोर्टाें के निर्माण आदि के खर्च केन्द्र व राज्य सरकारें संयुक्त रूप से वहन करती है। 100में से केन्द्र 60 फीसदी धन मुहैया कराता है। 40 फीसदी धन सरकार लगाकर कार्य पूरा करती है। इस पर कोर्ट ने पूछा है कि जनता को न्याय दिलाने के लिए न्याय व्यवस्था करना राज्य का दायित्व नहीं है। कोर्ट ने कहा कि अभी तक 1181 ने कोर्टाें की जरूरत है। 371 बनने के बाद 810 कोर्ट बनान बाकी रहेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि किराये पर कोर्ट रूम व रिहायशी व्यवस्था की जाए और स्टाफ दिये जाए ताकि जुलाई 19 से 3300 न्यायिक अधिकारी न्यायिक कार्य कर सके। कोर्ट ने सरकार से ठोस प्रस्ताव मांगा है। कोर्ट के निर्देश पर आयोग के सचिव, प्रमुख सचिव न्याय व प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग व महानिबंधक कोर्ट में मौजूद थे।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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