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GOOD NEWS: सरकारी अस्पतालों में दवाओं के खरीद-फरोख्त में हो रही धांधली जल्द रुकेगी
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं व मेडिकल उपकरणों की खरीद में होने वाले खेल को खत्म करने के लिए योगी सरकार ने नया कदम उठाया है। अब जिला स्तर पर मेडिकल से जुड़ा कोई भी सामान नहीं खरीदें जा सकेंगे। अब इसका जिम्मा यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन को मिल गया है।
लखनऊ: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं व मेडिकल उपकरणों की खरीद में होने वाले खेल को खत्म करने के लिए योगी सरकार ने नया कदम उठाया है। अब जिला स्तर पर मेडिकल से जुड़ा कोई भी सामान नहीं खरीदें जा सकेंगे। अब इसका जिम्मा यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन को मिल गया है। यह कॉरपोरेशन केंद्रीय स्तर पर दवाओं और मेडिकल उपकरणों की खरीद करेगा। इससे सीएमओ स्तर पर होने वाले खेल पर अंकुश लग सकेगा। अस्पतालों में मरीजों को दवाओं के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
एक साल में चालू हो जाएगी व्यवस्था
हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन को प्रारंभ होने में एक साल का समय लगने की संभावना है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्तर पर दवाओं व उपकरणों की खरीद होनी है। कॉरपोरेशन का एमडी किसी आईएस अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा निदेशक भी रहेंगे। यह निगम चिकित्सा तथा स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम करेगा।
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जिलास्तर का खेल बंद होगा
अभी केंद्रीय औषधि भंडार(सीएमएसडी) के रेड कांट्रेंक्ट के आधार पर दवाओं और मेडिकल उपकरणों की खरीद होती है। सीधे सीएमओ इसके लिए ऑर्डर देते हैं। इसके बाद जाकर अस्पतालों में दवाएं आती हैं। सीएमओ अपने हिसाब से दवाओं को मंगाते है और इसके बदले में कंपनियां उनको मुहमांगा कमीशन देती हैं। कमीशनखोरी के चलते अस्पतालों में जरूरतमंद लोगों को बहुत सी दवाईयां नहीं मिल पाती हैं। नई व्यवस्था के लागू होने से दवाओं व उपकरणों को खरीदने में पारदर्शिता आएगी।
कम समय लगेगा
जिलास्तर पर दवाओं व मेडिकल उपकरणों की खरीद होती है जिसमें काफी समय लग जाता है। लेकिन यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन की व्यवस्था लागू होने के बाद से दवाओं की खरीद में कम समय लगेगा।