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ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, कुछ ऐसी है दरोगा और बंदर की दिलचस्प फ्रेंडशिप
ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे। ये गाने की लाइन दरोगा और एक बंदर पर बिल्कुल सटीक बैठती है।
शाहजहांपुर: ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, तोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ ना छोडेंगे। ये गाने की लाइन दरोगा और एक बंदर पर बिल्कुल सटीक बैठती है। दोनो की दोस्ती इलाके मे मशहूर है। दरोगा ने बंदर को थाने मे पाल लिया। धीरे-धीरे बंदर और दरोगा की दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि जैसे दरोगा थाने के अंदर आता,वैसे ही बंदर दरोगा की टेबल पर आकर बैठ जाता। प्यार जब ज्यादा आता तो बंदर दरोगा के गले भी लग जाता। क्या देखी है आप ने ऐसी दोस्ती ...
दरअसल, यूपी के शाहजहांपुर में थाना सेहरामऊ दक्षिणी में एक दोस्ती इन दिनों काफी चर्चा में है। इस थाने मे तैनात दरोगा राजेश बाबू मिश्रा पिछले कई महीने से यहां तैनात है। इस थाने मे पहले से एक बंदर भी पला हुआ है। इस बंदर का नाम है मिट्ठू।
वैसे तो थाने मे इस मिट्ठू की देखभाल सभी पुलिस कर्मी करते हैं, लेकिन थाने में तैनात दरोगा कि दोस्ती तो देखते ही बनती है। दरोगा राजेश बाबु जब थाने के अंदर आते है तो ये मिट्ठू कहीं भी हो सीधे दरोगा की टेबल पर आकर बैठ जाता है। क्योंकि उसकी देखभाल तो सब करते है लेकिन दरोगा राजेश इस मिट्ठू की देखभाल और खाने पीने तक का ख्याल सबसे ज्यादा रखते हैं।
इसके साथ ही दरोगा राजेश के थाने के अंदर आते ही मिट्ठू मुंगफली और केले की खाने की उम्मीदे लगा बैठता है और दरोगा राजेश बाबू उसकी इस आस बेकार नहीं जाने देते। जिससे दोनो की दोस्ती सबसे अलग हो जाती है। ऐसे ही कुछ फोटो दरोगा राजेश बाबू और बंदर के मिले हैं। जिसमे किसी मे बंदर (मिट्ठू) भावनात्मक तरीके से दरोगा राजेश बाबू के गले से लगा हुआ है तो किसी फोटो मे आप देख सकते है बंदर दरोगा के साथ टेबल पर बैठकर केले खा रहा है, तो कभी मुंगफली। थाने के अंदर जब तक दरोगा राजेश बाबू रहते हैं, ये बंदर उनके आसपास ही घूमता रहता है।
बता दें कि दरोगा राजेश बाबू का जानवरों के प्रति ये प्रेम सिर्फ बंदरों से ही नहीं है। उनके घर एक कुत्ता भी पला हुआ है। जिसका वह अच्छे से देखभाल करते हैं।
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