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Varanasi News: महामना की बगिया में उच्च अधिकारियों द्वारा घोर भ्रष्टाचार, तकनीकी कर्मचारीयों में मचा हड़कंप

Varanasi News: भारतीय प्रौ‌द्योगिकी संस्थान, काशी हिंदू विश्ववि‌द्यालय के तकनीकी कर्मचारीयों को आई.आई. टी. (बी.एच.यू.) प्रशासन द्वारा 2 जून 2025 को ई मेल के माध्यम से सूचना दिया गया है। कि 20 जून 2025 को शाम 4 बजे पदोन्नति के लिए हाइस्कूल स्तर कि लिखित परीक्षा देना पड़ेगा।'

Ajit Kumar Pandey
Published on: 9 Jun 2025 5:02 PM IST
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Varanasi News: मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विगत कई वर्षों से अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा है अब वाराणसी के बीएचयू में मदन मोहन मालवी की बगिया में अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों का मौलिक शोषण किया जा रहा है। आपको बता दें कि शोषण का पैमाना यह है कि 'जो व्यक्ति रिटायर होने वाला है उसको भी लिखित परीक्षा देने का फरमान उच्च अधिकारी द्वारा दे दिया गया है जिसके कारण bhu जैसे संस्थान के कर्मचारी परेशान और भयभीत हैं उनको लगता है हमारी बातें उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुंच पा रही है।'

इसके कारण मजबूरन उनको अपनी बात उच्च अधिकारी तक पहुंचाने के लिए धरना प्रदर्शन करने का सहारा लेना पड़ा उन्होंने Newstrack के संवाददाता को बताया कि 'हम सभी लोग को भारतीय प्रौ‌द्योगिकी संस्थान, काशी हिंदू विश्ववि‌द्यालय के तकनीकी कर्मचारीयों को आई.आई. टी. (बी.एच.यू.) प्रशासन द्वारा 2 जून 2025 को ई मेल के माध्यम से सूचना दिया गया है। कि 20 जून 2025 को शाम 4 बजे पदोन्नति के लिए हाइस्कूल स्तर कि लिखित परीक्षा देना पड़ेगा।'

यह सूचना मिलते ही सभी तकनीकी कर्मचारीयों में हड़कंप मच गया संस्थान में जीवन भर सेवा देने के बाद रिटायरमेंट के समय लिखित परीक्षा लेने का क्या प्रावधान है? जबकि कुछ कर्मचारी तो 30 जून 2025 को ही रिटायर हो रहे हैं, उनका क्या होगा? जबकि नियुक्ति के समय जूनियर हाइस्कूल के साथ आई.टी.आई. होना नियुक्ति का पर्याप्त आधार था।

फिर हाइस्कूल स्तर का प्रश्नपत्र कैसे पूछा जा सकता है। इसके अतिरिक्त हम आपको प्रमुखता शब्द बता दें कि 29.06.2012 के समय संस्थान में कार्यरत तकनीकी कमर्चारियों की संख्या के लगभग एक तिहाई तकनीकी कर्मचारी ही वर्तमान समय में संस्थान में कार्यरत हैं।

संस्थान के वरिष्ठ कर्मचारी मदन कुमार जो कि पिछले 41 वर्षों से संस्थान के लिए पूर्ण निष्ठा एवं उत्कृष्टता से कार्य कर रहें हैं, संस्थान द्वारा उनके पदोन्नत में भी इंटरव्यू करा कर उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए उनसे 20 वर्ष जूनियर कर्मचारी को पदोन्नत कर दिया गया

जो कि नियम के विरुद्ध है तथा वरिष्ठता क्रम को भंग किया गया जिससे कि संस्थान की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में प्रतीत होती है। मदन कुमार को जब संस्थान से उचित जवाब नहीं मिला तो न्याय के लिए उन्हें हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा ।

भारतीय प्रौ‌द्योगिकी संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के निनिस्ट्रीयल कर्मचारीयों के 2014, 2015 एवं 2016 बैच के कर्मचारियों को शत प्रतिशत पास करके पदोन्नत कर दिया गया, जबकि 2017 बैच के कर्मचारियों को बिना मापदंड के मनमाने ढंग से कनिष्ठ अधीक्षक पद के लिए त्रुटिपूर्ण (राजभाषा हिंदी के प्रश्न अंग्रेजी में) परीक्षा कराकर कुछ लोगों को जानबूझकर फेल करते हुए उनकी वरिष्ठता क्रम को भंग किया गया जो की बिलकुल न्यायसंगत नहीं है। फलस्वरूप मिनिस्ट्रीयल कर्मचारीयों को भी आर्थिक एवं मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।

आई.आई.टी. (बी.एच.यू.) प्रशासन से हमारी मांग है कि सभी तकनीकी एवं मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को अपग्रेड करते हुए उनके साथ न्याय किया जाए ।

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