×

उप राष्ट्रपति ने उच्च न्यायालय परिसर में नवनिर्मिंत एनेक्सी भवन का फीता काटकर किया लोकार्पण

sudhanshu
Published on: 13 Oct 2018 2:21 PM GMT
उप राष्ट्रपति ने उच्च न्यायालय परिसर में नवनिर्मिंत एनेक्सी भवन का फीता काटकर किया लोकार्पण
X

इलाहाबाद: देश के उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को उच्च न्यायालय में नवनिर्मित एनेक्सी भवन का फीता काटकर लोकार्पण इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन हाल में आयोजित कार्यक्रम में किया। उप राष्ट्रपति ने कहा कि प्रयाग की पवित्र एवं पावन भूमि पर आकर एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नवनिर्मित एनेक्सी भवन का लोकार्पण करते हुए उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के गौरवशाली इतिहास की सराहना करते हुए कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के गौरव को बढ़ाने में कई महान विभूतियों का महान योगदान रहा है। उन्होंने महामना पं0 मदन मोहन मालवीय, पं0 जवाहर लाल नेहरू, कैलाश नाथ काटजू, गोपाल स्वरूप पाठक, तेज बहादुर सप्र्रू, आर एस पाठक, कन्हैया लाल मिश्र, बी एन खरे सहित अन्य महान विभूतियों के योगदान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि त्वरित, सहज एवं सस्ता न्याय दिलाने में आधारभूत सुविधाओं एवं संसाधनों की अहम भूमिका होती है। इस दिशा में उच्च न्यायालय में नवनिर्मित एनेक्सी भवन के निर्माण से न्याय प्रक्रिया में और तेजी आयेगी। रूल आफ लॉ भारतीय संविधान की आत्मा है। लोगों को सरल, सस्ता एवं शीघ्र न्याय मिले यही न्याय की संकल्पना है। उन्होंने लोगों को अधिक सुविधापूर्ण एवं सरलता से न्याय मिले इसके लिए ग्राम न्यायालय की स्थापना की दिशा में भी प्रसास किये जाने पर बल दिया। न्यायालयों एवं सरकारी कार्यों में मातृभाषा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। विचारों एवं भावों को व्यक्त करने में मातृभाषा सबसे सशक्त माध्यम के रूप में होती है। उप राष्ट्रपति ने न्यायालयों में रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उप राष्ट्रपति ने मुकदमों के त्वरित निस्तारण एवं लम्बित मुकदमों के निस्तारण में लोक अदालतों, ग्राम अदालतों एवं फास्ट टैªक कोर्ट को महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में प्रयोग में लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने साइबर अपराध के बारे में भी चर्चा की। उप राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायपालिका का हमारे लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने में अहम भूमिका है। उन्होंने आज के दौर में न्यायपालिका में सूचना तकनीक को आधुनिक संसाधन के रूप में प्रयोग में लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे पारदर्शी एवं त्वरित न्याय दिलाने में मदद मिल सकती है। उप राष्ट्रपति ने न्यूज लेटर वैलूम टू एवं न्यायालय से प्रकाशित स्मारिका टू का विमोचन किया। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि उच्च न्यायालय में नवनिर्मित एनेक्सी भवन से लोगों को सहज एवं त्वरित न्याय मिलने में और सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को त्वरित न्याय मिले इसके लिए संसाधनों का होना आवश्यक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले कुछ महीनों के अन्दर ही दुनिया के सबसे सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक मेले के रूप में कुम्भ का आयोजन होने जा रहा है। जिसके लिए तैयारियां त्वरित गति से हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि रूल आॅफ लाॅ कल्याणकारी राज्य का हिस्सा होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था एवं न्यायायिक व्यवस्था में आम जन को न्याय सुगमता एवं सहजता से मिल सके, इस दिशा में सरकार आवश्यक कदम उठाते हुए न्यायालयों में संसाधनों एवं सुविधाओं को उपलब्ध कराने में निरन्तर प्रयत्नशील है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोसले ने कहा कि नवनिर्मित भवन का निर्माण रिकार्ड समय में हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को नयाय मिलने में और तेजी आयेगी। उन्होंने भवन के निर्माण में सरकार के द्वारा दिये सक्रिय सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि न्याय प्रक्रिया को सहज, सरल एवं दु्रतगामी बनाने के लिए संसाधनों का होना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस नवनिर्मित भवन में कोर्ट रूम के अलावा 20 हजार वर्ग फीट का एक हाॅल भी बना हुआ है जो पूर्णतः वातानुकूलित है। जिसका उपयोग रिकार्ड रूम के रूप में किया जायेगा। इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति विनीत सरन, पंजाब एवं हरियाण उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, विधि मंत्री बृजेश पाठक, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह समेत तमाम न्यायमूर्ति उपस्थित रहे।

कोर्ट की अन्‍य खबरें:

कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा में ट्रिपल सी प्रमाण पत्र न रखने वालों को झटका,

हाईकोर्ट ने खारिज की दर्जनों याचिकाएं

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 2016 की कनिष्ठ सहायक भर्ती में आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को ट्रिपल सी प्रमाण पत्र न रखने अभ्यर्थियों को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विज्ञापन की शर्तें पूरी न करने वाले अभ्यर्थियों को भर्ती में शामिल होने की छूट नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने सैकड़ों लोगों की दर्जनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चन्द्रा ने संजय शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह व आयोग के अधिवक्ता के. एस. कुशवाहा ने पक्ष रखा। मालूम हो कि आयोग ने कनिष्ठ सहायक भर्ती विज्ञापन निकाला। 11 मार्च 2016 को आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी। याचियों ने आवेदन दिए। लिखित व कम्प्यूटर टाइप टेस्ट में पास हो गए। उन्हें साक्षात्कार में यह कहते हुए नहीं बुलाया गया कि उनके पास फार्म जमा करने की अंतिम तिथि तक ट्रिपल सी सर्टिफिकेट नहीं था। इसलिए उन्हें भर्ती में शामिल होने का अधिकार नहीं है। क्योंकि विज्ञापन में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि फार्म भरते समय ट्रिपल सी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है। इसे चुनौती दी गयी। कोर्ट ने साक्षात्कार में शामिल करने का अंतरिम आदेश देते हुए जवाब मांगा। याचियों का कहना था कि वे ट्रिपल सी पास थे, सर्टिफिकेट मिलने में देरी के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं माना जा सकता। ट्रिपल सी की योग्यता रखने के कारण उन्हें भर्ती में शामिल होने का अधिकार है। जब कि आयोग के अधिवक्ता कुशवाहा का कहना था कि विज्ञापन की शर्तों के विपरीत आवेदन स्वीकार्य नहीं है। यदि छूट दी गयी तो भर्ती प्रक्रिया अनिश्चित काल तक उलझी रहेगी और उन लोगो के साथ अन्याय होगा जिन्होंने शर्तो का पालन करते हुए सर्टिफिकेट न होने के कारण आवेदन नहीं दिया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों व न्यायिक फैसलों पर विचार करते हुए हस्तक्षेप से इंकार करते हुए याचिकायें खारिज कर दी।

शहजादे हत्याकांड के आरोपी की जमानत मंजूर

इलाहाबाद: इलाहाबाद फूलपुर के चर्चित इम्तियाज अहमद उर्फ शहजादे हत्याकांड के आरोपी एहतेशाम अहमद जैदी की जमानत अर्जी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए रिहा करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजुल भार्गव ने दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार शहजादे की दिनदहाड़े हतया इफको गेट के सामने कर दी यी थी। जिसमें अहमद तौकीर, मोहम्मद शादाब, मनोज तिवारी व अन्य को अभियुक्त बनाया गया था। प्राथमिकी में कहा गया कि हत्या करने के बाद हत्यारों ने कहा कि उन्होंने एहतेशाम जैदी व अब्दुल सत्तार का काम कर दिया है। याची के अधिवक्ता का तर्क था कि वह एक राजनैतिक व्यक्ति है इसलिए उसका नाम मोबाइल के आधार पर षडयंत्रकारी के रूप में लाया गया है। यह भी कहा कि पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र में उसके विरुद्ध कोई भी विश्वसनीय साक्ष्य नहीं है और न ही घटनास्थल पर मौजूद होने का साक्ष्य है। आरोपी के विरुद्ध दिखाये गये आपराधिक इतिहास के आधार पर वर्तमान केस में जमानत नामंजूर नहीं की जा सकती है। राज्य सरकार की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया तथा कहा गया कि विवेचक ने विश्वसनीय साक्ष्य इकटठा कर जैदी के अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया है। साथ ही एक गवाह ने याची को मोबाइल फोन व सिम देने की बात कही है जिससे सह अभियुक्तों से बात किया गया है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर जमानत अर्जी स्वीकार कर लिया है।

परीक्षा केन्द्र पर लगे प्रतिबंध पर रोक

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राम भवन इंटर कालेज सताहवाँ बलिया को 3 साल तक बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाने पर लगे प्रतिबंध पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से कालेज की याचिका पर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 12 नवम्बर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एम.के. गुप्ता ने कालेज की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता परवेज इकबाल अंसारी का कहना है कि कालेज के केंद्र अधीक्षक अमर जीत यादव के खिलाफ कार्यवाही हुई। 17 अप्रैल18 को उन्हें कारण बताओ नोटिस दे कर उन्हें कक्ष निरीक्षक बनाने पर रोक दिया गया। किन्तु बिना नोटिस दिए कालेज को 3 साल के लिए केंद्र बनाने से प्रतिबंधित कर दिया गया जिसकी वैधता को चुनौती दी गयी है।

sudhanshu

sudhanshu

Next Story