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जल है तो कल है 60 करोड़ आबादी को हो सकता है पीने के पानी का संकट

राम केवी
Published on: 5 May 2023 10:17 PM GMT
जल है तो कल है 60 करोड़ आबादी को हो सकता है पीने के पानी का संकट
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गोरखपुरः युगपुरूष ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ की 50वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ की पांचवीं पुण्यतिथि के अवसर पर साप्ताहिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में जल है तो कल है विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता भारत सरकार के केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि नये भारत की आधारशिला बनेगा जल। जब कोई विषय जन इच्छा बन जाती है तो वह विषय निश्चित रूप से सफल होता है। वर्तमान में जलवायु परिवर्तन का संकट पूरी दुनिया खासकर भारत पर दिखाई दे रहा है।

उनहोंने कहा कि संकट से निपटने के लिए मात्र सरकार द्वारा किये गये प्रयास पर्याप्त नहीं होंगे। जनता को आगे आकर इसमें सहयोग करना पड़ेगा। हम सुबह-स्नान करते है तो सभी नदियाें का स्मरण करते हैं। दुनिया की सभी सभ्यताएं नदी के तट पर विकसित हुई। परन्तु यह कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि आज वही हमारी नदी संकट में है।

इजरायल से सीखें

जल है तो कल है विषय पर शेखावत ने कहा कि भारत में जल के तमाम संसाधन होते हुए भी आने वाले समय में 60 करोड़ आबादी को पीने के पानी का संकट होगा। इजरायल का जिक्र करते हुए उन्होनें कहा कि इजरायल का दो तिहाई हिस्सा रेगिस्तान है। परन्तु वाटर हारवेस्टिंग तथा जल का पूर्ण रूप से प्रयोग करके एवं ड्राॅप सिचाई के माध्यम का प्रयोग करके आज इजरायल का रेगिस्तानी हिस्सा सब्जी उत्पादन का बड़ा केन्द्र बना है और सब्जियों तथा पीने के पानी का निर्यात किया है। सिंगापुर में गटर के पानी को रि-साईकिल करके पीने के प्रयोग में लाया जाता है। प्रकृति ने हमें सभी देशो से अलग किया। यदि हम सही तरीके से प्रबंधन करें तो जल संकट को टाला जा सकता है।

भूगर्भ जल बढ़ाने के प्रयास

मोदी जी के प्रयास से जो ड्राइ ब्लाक हैं उन ब्लो का मैपिंग करके भूगर्भ जल के स्तर को बढ़ाने की योजना का कार्य हो रहा है। नहाने में, दाढ़ी बनाने में, कपड़ा धोने में यदि हम जल संरक्षण करें तो काफी हद तक मदद हो सकती है। फर्म में पानी बचाने के साथ-साथ खेतो में भी पानी कैसे बचे इसकी भी चिंता करें। ऐसे फसलों को बोयें जिसमें कम पानी लगता है तो खेती में प्रयोग होने वाले 5 प्रतिशत पानी को बचा सकते है।

भूगर्भ जल राष्ट्रीय संपत्ति

हरियाणा में धान के स्थान पर मक्के की खेती पर सरकार जोर दे रही है। भारत सरकार शहर के गन्दे पानी को तथा भूगर्भ जल को राष्ट्रीय सम्पत्ति घोषित किया है। पानी को उपचारित करके जमीन में समाहित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। महाराष्ट्र में 80 प्रतिशत जल गन्ना की सिंचाई में प्रयोग होता है। वहां की सरकार ने जल संरक्षण के लिए गन्ने के खेतों में ड्रीप सिंचाई अनिवार्य कर दी है।

सन्तों के नेतृत्व में समाधान

सन्तो के नेतृत्वों में जल समस्या का समाधान हो सकता है। संत समाज को जल संरक्षण के लिए आगे आकर काम करना होगा। सरकार तो अपना प्रयास कर रही है। लेकिन जबतक आम जनमानस की भावना इससे नहीं जुड़ेगी तबतक सफलता पूर्ण नहीं होगी।

जल है तो कल है विषय पर विशिष्ट वक्ता उप्र के जल शक्ति मंत्री महेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार अलग-अलग माध्यमों से जल संचयन करेगी और उसे कानून मे तबदील किया जायेगा। यू0पी0 सरकार अब ऐसे नियम बनाएगी कि चाहे कोई कालेज, कोई शैक्षणिक संस्था या व्यापारिक संस्थान हो, सभी को नेट वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपनी-अपनी संस्थाओं में लगाना जरूरी होगा।

कड़े प्रावधान किये जाएंगे

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मान्यता देने से पहले यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वहा पर रेट वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है या नहीं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से सभी सरकारी आफिसों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जाएगा। अब जो भी निर्माण कराए जायेंगे उसका नक्शा तभी पास किया जाएगा जब वहा पर वाटर रिचार्ज सिस्टम बना होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार जब ऐसे प्रावधान करेगी कि कहीं से भी हम जितना पानी ले उतना ही पानी धरती के अंदर भी डाला जाए। उन्होंने कहा कि अब ऐसा एक्ट बनाया जाएगा जिसमें यह प्रावधान होगा कि कोई भी इण्डस्ट्रीज यदि पाइप से गंदा पानी या प्रदूषित पानी नदी के अंदर डाल रहा हो तो उसे 5 से 10 लाख रूपये जुर्माना और 5 से 7 साल की कड़ी सजा की व्यवस्था की जाए।

अब पानी से कोई समझौता नहीं

डाॅ. सिंह ने कहा कि अब पानी से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। ऐसे सभी एक्ट को लागू करके अगली बारिश से पहले जल संचय जल संवर्धन के लिए बड़ा काम प्रदेश सरकार की ओर से किया जाएगा। उप्र सरकार जल के मुद्दे पर इतनी संवेदनशील है कि जल शक्ति का अलग से मंत्रालय बनाया गया है। जन सहयोग के माध्यम से हम निश्चित रूप से आने वाले जल संकट से निपटने में सक्षम होंगे।

राम केवी

राम केवी

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