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योगी जी! गोरखपुर में 'लोकार्पण' से पहले ढह गई पानी की टंकी
गोरखपुर: जहां केंद्र व प्रदेश में बीजेपी की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े फैसले लेने की बात कहती नजर आती है। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के अपने शहर गोरखपुर के जल निगम में भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है। खजनी के धाधूपार टोले में बनाई गई पानी की टंकी लोकार्पण से पहले इसी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।
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क्या है मामला
टोले में पेयजल की सप्लाई के लिए एक करोड़ सत्तावन लाख खर्च कर पानी की टंकी का निर्माण हुआ। सोमवार जब उसमें पानी भरा जा रहा था, तभी टंकी भरभरा कर गिर गई। चपेट में आए दो मजदूर गंभीर तौर पर घायल हुए जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। जल निगम के अधिकारियों ने ठेकेदार के खिलाफ खजनी थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है।निगम के अधिकारियों ने आरंभिक जांच में पाया कि ठेकेदार ने निर्माण में गड़बड़ी की है।
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चलिए मान लेते हैं, कि निर्माण में घोटाला हुआ लेकिन जल निगम का कोई अधिकारी इस बारे में जानता नहीं था। ये बात गले से नहीं उतरती। सभी को पता है कि यूपी में किसी भी ठेके को पाने और बाद में पेमेंट के लिए क्या करना पड़ता है।
हां! एक बात और जब कोई सरकारी निर्माण होता है तो संबंधित विभाग के इंजिनियर-अधिकारी समय-समय पर साइट पर जाकर निर्माण की गुणवत्ता परखते हैं। तो यहां कैसे इतनी बड़ी लापरवाही हो गई।
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जांच में ये बिंदु भी हों शामिल
-ठेकेदार ने इससे पहले कितना काम किया। क्या ठेकेदार को किसी की सिफारिश पर काम मिला तो वो कौन था।
-उसके पिछले निर्माण कार्य की भी जांच हो।
-जब टंकी का निर्माण चल रहा था तब किसी अधिकारी ने निर्माण की गुणवत्ता परखी या नहीं। यदि परखी तो कैसे घोटाला पकड़ में नहीं आया।
-कोई अधिकारी यदि साइट पर नहीं गया तो क्यों नहीं गया। किसके आदेश के बाद उसने गुणवत्ता नहीं परखी।