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U'Khand: WSSCC ने बनाया चार जिलों को खुले में शौच से मुक्त, 10 दिसंबर को होगी घोषणा
योगेश मिश्र
लखनऊ: उत्तराखंड के चार जिले खुले में शौच मुक्त होने जा रहे हैं। इस काम को अंजाम दिया है विश्व प्रसिद्ध संस्था 'वाटर सप्लाई एंड सैनिटेशन कोलौबोरेटिव काउंसिल' यानी WSSCC ने। WSSCC की पिछले 3 सालों की मेहनत रंग लाई है।
इस संस्था को 3 साल पहले उत्तराखंड के 6 जिले बागेश्वर, चमोली, देहरादून, नैनीताल, उधमसिंह नगर बतौर पायलट प्रोजेक्ट दिए गए थे। पहले चरण में पूरे हो रहे इस काम में 10 दिसंबर को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री इनमें से चार जिले चमोली, चंपावत, नैनीताल और उधमसिंह नगर को खुले में शौच मुक्त घोषित करेंगे।
तीन सालों की मेहनत रंग लाई
पिछले तीन सालों में WSSCC ने इस काम को करने के लिए वृहद योजना बनाई। करीब 500 लोगों को प्रशिक्षण दिया। मीडिया आदि संस्थानों की मदद से इस चरण में चार जिलों को खुले में शौच से मुक्त कराने के काम को अंजाम दिया। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए इन जिलों में आईईसी फंड का पूरे उपयोग के साथ ही बड़े स्तर पर मॉनिटरिंग और फॉलोअप ने अपना बडा योगदान दिया।
भारत सरकार ने भी लगाई मुहर
संस्था के काम पर अब भारत सरकार की भी मुहर लग चुकी है। भारत सरकार ने इन चारों जिलों में अपनी बाहरी वेरिफिकेशन पूरी कर ली है। इस जांच के बाद अब इन चारों जिलों को खुले में शौच मुक्त घोषित करने की हरी झंडी दे दी है।
दूसरी एजेंसियों के लिए होगी मिसाल
अब इन जिलों में 'ओडीएफ प्लस' यानी शौच मुक्त घोषित करने के बाद की कार्य योजना बना रही है। संस्था इसके कार्यक्रम के तहत इन जिलों में एक ऐसा उदाहरण पेश करेगी जो भारत सरकार और दूसरी काम करने वाली एजेंसियों के लिए एक मिसाल पेश की जा सके।
संस्था आदतों में सुधार भी लाएगी
इस योजना के तहत 'लीव नो वन बिहाइंड' यानी जिले के साथ ही माइक्रो स्तर पर एक-एक व्यक्ति को खुले में शौच से मुक्त कराने के बाद उनकी आदतों में सुधार कराएगी।