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योगी सरकार की टेढ़ी नजर अब यमुना एक्सप्रेस-वे पर, 6 बिल्डर्स के 17 प्रोजेक्ट्स रद्द किए
लखनऊ/नोएडा: गोमती रिवर फ्रंट और जेपी इंटरनेशनल सेंटर के बाद अब योगी आदित्यनाथ सरकार की टेढ़ी नजर यमुना एक्सप्रेस और इससे जुड़े प्रोजेक्ट्स पर है। इसी के तहत यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर बनने वाले 6 बिल्डर के 17 प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि इनमें से अधिकतर प्रोजक्ट्स को मंजूरी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान मिली थी।
इनमें जिन बिल्डरों के प्रोजक्ट्स हैं इनमें गौर सन्स, जेपी ग्रुप, अजनारा और ओरिस इंफ्रा के प्रोजेक्ट शामिल हैं। YEIDA की इस कार्रवाई के बाद इससे जुड़े निवेशकों में घबराहट का माहौल है। प्राधिकरण का कहना है कि बिल्डर बिना नक्शा मंजूर कराए अवैध तरीके से इन प्रोजेक्ट पर निर्माण करावा रहे थे।
सपा-बसपा सरकार में मिली थी मंजूरी
बता दें, कि YEIDA ने जिन प्रोजेक्ट्स को रद्द किया है उनमें से अधिकतर को मंजूरी समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार के दौरान मिली थी। बिल्डरों को अब नए सिरे से बिल्डिंग बनाने हेतु नक्शा मंजूर करने के लिए आवेदन करना होगा। जानकारी टी ये भी मिल रही है कि कुछ बिल्डरों ने तो बिना निर्माण कार्य के फ्लैट बुक कर रखे थे।
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प्राधिकरण की आपत्ति पर नहीं देते थे जवाब
नक्शा मंजूर कराने का आवेदन करने के बाद प्राधिकरण ने इस पर आपत्ति जताई। लेकिन इन बिल्डरों ने प्राधिकरण की आपत्ति का कोई जवाब तक नहीं दिया। उनका बिल्डिंग प्लान नियोजन विभाग में लटका रहा। जबकि नियमित आवेदन करने के छः महीने में अगर बिल्डिंग प्लान का नक्शा मंजूर नहीं होता तो स्वतः रद्द माना जाता है।
राज्य सरकार से मिली थी सौगात
उल्लेखनीय है कि जेपी इंफ्राटेक को यमुना एक्सप्रेस-वे निर्माण के बदले प्रदेश सरकार से हुए समझौते के तहत 500 हेक्टेयर जमीन एक्सप्रेस-वे के किनारे दिया गया था। बताया जाता है कि बिल्डरों ने सत्ता तक अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर बिल्डिंग प्लान का नक्शा मंजूर न होने का परवाह नहीं किया।