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योगी सरकार ने माना एक साल में दोगुना बढ़े बेरोजगार
प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक अजय कुमार लल्लू की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह लिखित जवाब दिया है।
लखनऊ: योगी सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया है कि प्रदेश में एक साल के दौरान ही बेरोजगारों की तादाद दोगुना हो गई है। सरकार ने जो आंकडे जारी किए हैं वह कोविड काल से पहले वर्ष 2019 के हैं। नए आंकड़ों के आने के बाद तादाद और भी अधिक रहने की आशंका की जा रही है।
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प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या तेजी से बढ़ी है
प्रदेश सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक अजय कुमार लल्लू की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह लिखित जवाब दिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वर्ष 2018 के मुकाबले वर्ष 2019 में ही उत्तर प्रदेश में बेरोजगारों की तादाद लगभग दोगुना हो चुकी है। सरकार इस समस्या से निपटने के लिए विभिन्न उपायों की दिशा में काम कर रही है।
प्रदेश सरकार के सेवायोजन विभाग के पोर्टल पर बेरोजगार अभ्यर्थियों के ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा दी गई है। निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को देखते हुए प्रदेश के सेवायोजन कार्यालयों की ओर से रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता है जिसमें बेरोजगार अभ्यर्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। 20 जून 2020 को राज्य सरकार के स्तर से उत्तर प्रदेश कामगार श्रमिक ( सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का गठन किया गया है।
cm-yogi (social media)
इसी तरह जिला स्तर पर भी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है
इस आयोग के गठन का मकसद प्रदेश के सरकारी एवं गैर सरकारी क्षेत्र में अधिकाधिक रोजगार सृजन करना और उनका विकास करना है जिससे प्रदेश के प्रवासी एवं निवासी कामगारों को उनकी कौशल क्षमता के अनुरूप कार्य दिलाया जा सके। आयोग के कामकाज की निगरानी के लिए उच्च स्तरीय कार्यकारी परिषद भी गठित की गई है। इसी तरह जिला स्तर पर भी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है। इसी के अनुसार एक जुलाई से सेवामित्र एप्लीकेशन भी तैयार कराया गया है।
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प्रदेश सरकार के इस जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि योगी सरकार का झूठ अब पूरी तरह से उजागर हो गया है। बेरोजगार युवाओं की योग्यता का मजाक उडाने वाली योगी सरकार अपने शासन काल में रोजगार सृजन करने में पूरी तरह नाकाम रही है। सरकार के आंकडों के अनुसार ही उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 के दौरान जहां औसत बेरोजगारी दर 5.92 रही है वहीं वर्ष 2019 में यह बढकर 9.97 हो गई है। यानी दोगुना बेरोजगार बढ़ चुके हैं और यह सरकार युवाओं को नौकरी के झांसे में उलझाए हुए है। किसी भी युवा को पिछले तीन साल में नौकरी नहीं दे सकी है सारी भर्तियां लटकी हुई हैं।
अखिलेश तिवारी
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