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पानी के स्रोतों को पुनर्जीवित करेगी उत्तराखंड सरकार

उत्तराखंड सरकार पानी के नए स्रोत तैयार करने की योजना पर कार्य कर रही है। राज्य के प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे हैं। वाटर कॉर्प्स योजना के तहत भूमिगत जल को रिचार्ज करने के लिए राज्य सरकार छोटे छोटे जलाशय बनाने की योजना पर कार्य कर रही है।

tiwarishalini
Published on: 22 Feb 2018 2:30 PM IST
पानी के स्रोतों को पुनर्जीवित करेगी उत्तराखंड सरकार
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देहरादून: उत्तराखंड सरकार पानी के नए स्रोत तैयार करने की योजना पर कार्य कर रही है। राज्य के प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे हैं। वाटर कॉर्प्स योजना के तहत भूमिगत जल को रिचार्ज करने के लिए राज्य सरकार छोटे छोटे जलाशय बनाने की योजना पर कार्य कर रही है।

नदियों के आसपास ताल बनाने की योजना पर भी कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस योजनाओं पर केंद्रीय पेयजल मंत्री उमा भारती से चर्चा की।

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बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई मुलाकात में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उमा भारती से कहा कि वे सौंग नदी पर बांध बनाकर देहरादून व आसपास के क्षेत्र को ग्रेविटी बेस्ड पेयजल उपलब्ध कराने की योजना तैयार कर रहे हैं।

इसके साथ ही देहरादून में रिस्पना एवं अल्मोड़ा की कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण पर कार्य चल रहा है। देहरादून में पं.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताल का लोकार्पण किया गया था। इसके साथ ही, पौड़ी, गैरसैण, पिथौरागढ़ आदि कई अन्य क्षेत्रों में ताल विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।

इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 200 से 250 करोड़ रूपए का प्रावधान करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में भी केन्द्र सरकार की सहायता की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने पेयजल मंत्री को बताया कि उत्तराखंड सौ प्रतिशत ओडीएफ हो गया है। इसे ओडीएफ बनाए रखने के लिए पानी की आवश्यकता है। इसके लिए नई योजनाएँ भी शुरू की जानी है जिसके लिए बजट की आवश्यकता है। इसके साथ ही साथ पूर्ण हो चुकी योजनाओं के रखरखाव के लिए बजट की आवश्यकता होती है।

केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ओ.डी.एफ. के क्षेत्र में देश भर में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य को ग्रामीण पेयजल योजना के अन्तर्गत पूर्व में 70 करोड़ का आवंटन किया गया था। इस दिशा में उत्तराखण्ड के बेहतर प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए इसे 82 करोड रूपये किया गया।

साथ ही केन्द्र सरकार ने पेयजल योजनाओं के लिए दिए गए लक्ष्य को समय पर पूरा करने पर राज्य सरकार को प्रोत्साहन स्वरूप अब 27 करोड़ रूपए और अतिरिक्त दिए जाने का निर्णय लिया गया है, जो शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्वजल के क्षेत्र में राज्य ने बहुत अच्छा कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हिमालय के जलस्रोतों के लिए जियो टैगिंग शुरू की गयी है। अब हिमालय क्षेत्र की सभी वाटर स्प्रिंग्स को चिन्ह्ति करने के भी निर्देश दिए गए हैं। उमा भारती ने राज्य में पेयजल के स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए भी योजनाएं तैयार कर केन्द्र को उपलब्ध कराने को कहा है।



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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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