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चीन को अब सबक सिखाएगा अमेरिका, क्या इस वार से बच पाएगा ड्रैगन
अमेरिकी नौसेना ने दुनियाभर में अपने सैन्य ताकत का प्रतीक कहे जाने वाले दो एयरक्राफ्ट कैरियर को दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास के लिए भेजा है।
नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के साथ दक्षिणी चीन सागर में चीन और अमेरिका के बीच भी तनाव बढ़ गया है। चीन के बढ़ते दुस्साहस के को देखते हुए अमेरिकी नौसेना ने अब इस विवादित इलाके में जोरदार युद्धाभ्यास शुरू कर किया है। अमेरिकी नौसेना ने दुनियाभर में अपने सैन्य ताकत का प्रतीक कहे जाने वाले दो एयरक्राफ्ट कैरियर को दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास के लिए भेजा है।
दुस्साहस के खिलाफ सख्त संदेश
अमेरिकी नौसेना द्वारा किया जा रहा यह युद्धाभ्यास चीन को किसी भी दुस्साहस के खिलाफ सख्त संदेश दे रही है। बता दें कि इसी इलाके में इन दिनों की चीन की नौसेना भी महाअभ्यास कर रही है।
गलवान घाटी में सीमा विवाद को लेकर तनाव बना हुआ है
यूएस नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर शॉन ब्रोफी ने इस बारे में जानकारी दी है। ब्रोफी ने बता कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत महासागर के समर्थन में है। अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन इस इलाके में ड्यूअल कैरियर ऑपरेशन संचालित कर रहे हैं।
अमेरिकी नौसेना यहां युद्धाभ्यास भी कर रही है। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में सीमा विवाद को लेकर तनाव बना हुआ है।
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विवादित इलाके में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करना है
दक्षिण चीन सागर में चल रहे इस अभ्यास में अमेरिकी नौसेना के दो एयरक्राफ्ट कैरियर के अलावा चार युद्धपोत दिन-रात अभ्यास कर रहे हैं। इस युद्धाभ्यास का मकसद चीन को कोई भी दुस्साहस नहीं करने का संदेश देना है। साथ ही इस विवादित इलाके में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करना है।
अमेरिका ने कहा है कि उसके इस कदम का मकसद इस इलाके के हर देश को उड़ान भरने, समुद्री इलाके से गुजरने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक संचालन करने में सहायता देना है।'
ताइवान और अन्य पड़ोसी देशों को भी धमका रहा चीन
अमेरिका ने साउथ चाइना सी में यह युद्धाभ्यास ऐसे समय पर शुरू किया है जब इसी इलाके में चीन की नौसेना भी युद्धाभ्यास कर रही है। चीन की नेवी परासेल द्वीप समूह के पास पिछले कई दिनों से युद्धाभ्यास करके ताइवान और अन्य पड़ोसी देशों को धमकाने में जुटी हुई है।
चीन के इस कदम का अमेरिका और अन्य देशों ने आलोचना की थी। अमेरिका के ये दोनों ही एयरक्राफ्ट कैरियर परमाणु ऊर्जा से संचालित हैं और दुनिया में अमेरिकी सैन्य ताकत का प्रतीक माने जाते हैं।
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दक्षिण चीन सागर में चीन की सेना का अभ्यास बहुत ही भड़काने वाला
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शुक्रवार को ट्वीट करके चीन के इस युद्धाभ्यास की आलोचना की थी। उन्होंने कहा, 'अमेरिका अपने दक्षिण पूर्व एशियाई मित्र देशों से सहमत है कि दक्षिण चीन सागर में चीन की सेना का अभ्यास बहुत ही भड़काने वाला है।
हम चीन के गैरकानूनी दावों का विरोध करते हैं।' अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी चीन के युद्धाभ्यास की आलोचना की थी।