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भारत के 'दोस्त' ने 'दुश्मन' से बढ़ा ली नजदीकियां! चुपचाप कर ली बड़ी डील; टूटा तुर्किये का घमंड
Azerbaijan Deal with Israel: अजरबैजान की इजरायल के करीबियों से एक नया रणनीतिक त्रिकोण बनता दिख रहा है भारत, इजरायल और अजरबैजान।
India Israel Azerbaijan Relation: पश्चिमी एशिया की कूटनीतिक चालों में इस बार तुर्की को गहरा झटका लगा है। अजरबैजान, जिसे तुर्की अब तक अपना भरोसेमंद और नजदीकी सहयोगी मानता आया था, ने ऐसा कदम उठाया है जिससे तुर्की की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। दरअसल, गाजा में इजरायली हमलों के विरोध में तुर्की ने इजरायल से अपने तमाम राजनयिक और व्यापारिक संबंध समाप्त कर दिए थे। वहीं, दूसरी ओर अजरबैजान ने इजरायल से तेल व्यापार जारी रखने का एक चतुर रास्ता निकाल लिया।
सूत्रों के मुताबिक, अजरबैजान ने अक्टूबर 2024 में आधिकारिक तौर पर इजरायल को तेल आपूर्ति बंद करने की घोषणा की थी। लेकिन सच्चाई यह है कि तेल की आपूर्ति अब भी जारी है बस रास्ता बदल गया है। अब यह तेल सीधे नहीं बल्कि तीसरे देशों के व्यापारियों के जरिये इजरायल भेजा जा रहा है। यानी कागजों में तेल मिस्र जैसे देशों के लिए रवाना होता है, पर वास्तव में टैंकर इजरायल की बंदरगाहों पर पहुंच जाते हैं।
तुर्की का गुस्सा, पाकिस्तान की चिंता
यह पूरा मामला तुर्की के लिए इसलिए और भी ज्यादा चौंकाने वाला है क्योंकि जिस पाइपलाइन से यह तेल भेजा जा रहा है, वह तुर्की की जमीन से होकर गुजरती है। तुर्की ने अपने बंदरगाहों से इजरायल को तेल भेजने पर रोक लगा दी थी, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि तेल से लदे जहाज अब भी वहां से रवाना हो रहे हैं। साफ है कि अजरबैजान ने तुर्की की भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए अपने हितों को प्राथमिकता दी है। इस घटनाक्रम से पाकिस्तान भी असहज महसूस कर सकता है, क्योंकि वह भी अजरबैजान और तुर्की दोनों का करीबी सहयोगी रहा है। दोनों देशों के रिश्तों में दरार आना इस त्रिकोणीय रिश्ते को प्रभावित कर सकता है।
सैटेलाइट से खुली पोल, ट्रैकिंग सिस्टम किया बंद
Middle East Eye की रिपोर्ट के अनुसार, अजरबैजान से रवाना होने वाले टैंकर जैसे 'किमोलोस' और 'सी वीगर' ट्रैकिंग सिस्टम को बंद कर देते हैं और दस्तावेजों में अपने गंतव्य के रूप में मिस्र जैसे देशों का उल्लेख करते हैं। हालांकि कुछ ही दिनों बाद यही जहाज इजरायली तटों पर देखे जाते हैं। सैटेलाइट इमेजरी ने इस कथित छुपी हुई गतिविधि का पर्दाफाश कर दिया है।
अजरबैजान-इजरायल संबंध और प्रगाढ़
2023 में अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच हुए संघर्ष के दौरान इजरायल ने अजरबैजान को सैन्य और रणनीतिक सहायता प्रदान की थी। उसी के बदले में अब अजरबैजान तेल के माध्यम से इजरायल का समर्थन कर रहा है। दोनों देशों ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि उनका सहयोग जारी रहेगा, चाहे वैश्विक प्रतिक्रिया कुछ भी हो।
भारत के लिए क्या मायने हैं?
भारत और इजरायल के बीच पहले से ही मजबूत रक्षा और तकनीकी साझेदारी है। अब अजरबैजान की इजरायल के करीबियों से एक नया रणनीतिक त्रिकोण बनता दिख रहा है भारत, इजरायल और अजरबैजान। यह गठजोड़ सुरक्षा, ऊर्जा आपूर्ति और भू-राजनीतिक हितों के लिहाज से भारत के लिए अहम भूमिका निभा सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम ने पश्चिम एशिया की कूटनीति को नया मोड़ दे दिया है। तुर्की की नाराजगी के बीच अजरबैजान का इजरायल की ओर झुकाव कई और देशों के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
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