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भारत के खिलाफ दुश्मनी मोल लेने वाले बांग्लादेश की खुली पोल-पट्टी, इस बात को लेकर आखिर माननी पड़ी सच्चाई

बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के मेजर जनरल सिद्दीकी ने स्वीकार तो किया कि भारत से रिपोर्ट किए गए लोग बांग्लादेशी नागरिक ही हैं। जो कई सालों से भारत में निवास कर रहे थे कुछ तो ऐसे लोग थे जिनके बच्चे भी भारत में ही जन्मे थे। और उनके पास भारत के कानूनी दस्तावेज थे। जो हालांकि उनसे छीन लिए गए।

Shivam Srivastava
Published on: 29 May 2025 9:12 PM IST
भारत के खिलाफ दुश्मनी मोल लेने वाले बांग्लादेश की खुली पोल-पट्टी, इस बात को लेकर आखिर माननी पड़ी सच्चाई
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Bangladesh Chief Adviser , Muhammad Yunus (Photo: Social Media)

भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं बांग्लादेशों को डिपोर्ट करने का मिशन तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत में रह रहे अवैध बांग्लादेशी को लेकर वहां की सरकार हमेशा इनकार ही करती रही है कि उनके नागरिक भारत में बिना किसी वैध दस्तावेज के रह रहे हैं। हालांकि अब बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश में इस बाबत सच्चाई को स्वीकार किया है।

बॉर्डर गॉर्ड बांग्लादेश की ओर से जारी बयान में कहा गया, बीते 7 मई से लेकर भारत ने 1000 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग बॉर्डर पॉइंट से बांग्लादेश डिपोर्ट किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह सभी बांग्लादेशी नागरिक हैं। जो भारत में बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे थे। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब बांग्लादेश की ओर से अवैध नागरिकों को लेकर स्वीकारिकता सामने आई है। जबकि, इससे पहले वह हमेशा ही भारत के दावों को नकारता ही रहा है।

लेकिन इस कार्रवाई पर बांग्लादेश ने अपनी तरफ से गुस्सा भी जाहिर किया है। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के डायरेक्टर मेजर जनरल मोहम्मद सिद्दीकी ने बताया की कई बार उनकी तरफ से विरोध जताने के बाद भी उनके भारतीय समकक्ष बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की तरफ से डिपोर्टेशन की गतिविधियां जारी है। इसे लेकर हम हाई अलर्ट पर हैं और संवेदनशील इलाकों में निगरानी और पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया है। इस आरोप का जवाब देते हुए भारत ने कहा है कि वह सारे अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करता है। और किसी भी तरीके का वायलेशन इस मामले में नहीं किया गया है। इसके बावजूद बांग्लादेशी अधिकारी उन पर एकतरफा एक्शन लेने का इल्जाम गढ़ रहे हैं।

बांग्लादेशी सुरक्षा बल का कबूलनामा

बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के मेजर जनरल सिद्दीकी ने स्वीकार तो किया कि भारत से रिपोर्ट किए गए लोग बांग्लादेशी नागरिक ही हैं। जो कई सालों से भारत में निवास कर रहे थे कुछ तो ऐसे लोग थे जिनके बच्चे भी भारत में ही जन्मे थे। और उनके पास भारत के कानूनी दस्तावेज थे। जो हालांकि उनसे छीन लिए गए।

बांग्लादेश का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई बिना आपसी सहमति के नहीं होनी चाहिए। और यह मसला बातचीत की टेबल पर हल किया जाना चाहिए। लेकिन भारत की आंतरिक सुरक्षा को देखते हुए देश की सुरक्षा एजेंसियां लगातार बांग्लादेशी नागरिकों को जो अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं, उन्हें उनके देश निर्वासित कर रही हैं।

कितनी संख्या में अवैध बांग्लादेशी भारत में रह रहे

भारत सरकार के मुताबिक करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से भारत में रहते हैं। इनमें से ज्यादातर पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, असम, बिहार, झारखंड, दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जाकर बस गए हैं। जिसकी वजह से कई राज्यों में विशेषकर असम और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती राज्यों में जनसंख्या परिवर्तन हो गया है। जिससे वहां के राजनीतिक गुणा गणित बदल गए हैं। कुछ राजनीतिक दलों पर भी आरोप लगा है कि वह वोट बैंक के चक्कर में इन अवैध प्रवासियों को देश में संरक्षण दे रहे हैं।

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