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Golden Dome vs Iron Dome: गोल्डेन डोम बनाम आयरन डोम, जानिये आखिर क्या है डोनाल्ड ट्रम्प का इरादा

Golden Dome vs Iron Dome: डोनाल्ड ट्रंप का "गोल्डन डोम" एक महत्वाकांक्षी मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसके बारे में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि यह 2029 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगी।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 21 May 2025 11:56 AM IST
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Golden Dome vs Iron Dome: डोनाल्ड ट्रंप का "गोल्डन डोम" एक महत्वाकांक्षी मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसके बारे में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि यह 2029 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगी। यह प्रणाली इज़राइल के आयरन डोम से प्रेरित है, लेकिन इसका दायरा कहीं अधिक बड़ा है। ट्रंप के अनुसार, यह प्रणाली अंतरिक्ष और ज़मीन दोनों से मिसाइलों को रोकने में सक्षम होगी।

क्या है गोल्डन डोम?

गोल्डन डोम एक बहुस्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली है जिसमें ज़मीनी और अंतरिक्ष-आधारित दोनों तत्व शामिल होंगे। इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिका को विदेशी मिसाइल खतरों से बचाना है, जिसमें अंतरिक्ष से लॉन्च की जाने वाली मिसाइलें भी शामिल हैं। ट्रंप ने दावा किया है कि यह प्रणाली लॉन्च से पहले, शुरुआती बढ़ावा, मध्य-पाठ्यक्रम और अंतिम प्रभाव जैसे मिसाइल उड़ान के हर चरण में खतरों का पता लगाने और उन्हें रोकने में सक्षम होगी। इसका मतलब है कि यह मिसाइलों को लॉन्च होते ही ट्रैक करने, बेअसर करने और रोकने में सक्षम होगा।

आयरन डोम से कैसे अलग है गोल्डन डोम?

इज़राइल का आयरन डोम एक अत्यधिक प्रभावी मिसाइल रक्षा प्रणाली है जिसे छोटी दूरी की रॉकेटों और तोपखाने के गोले को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह इज़राइल को गाजा पट्टी से होने वाले हमलों से बचाता है। गोल्डन डोम, हालांकि आयरन डोम से प्रेरित है, लेकिन इसका दायरा और क्षमताएं कहीं अधिक व्यापक हैं। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर और यहां तक कि अंतरिक्ष से भी लंबी दूरी की मिसाइलों को रोकना है। ट्रंप ने विशेष रूप से चीन, रूस, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों से उत्पन्न होने वाले खतरों से निपटने के लिए गोल्डन डोम की आवश्यकता पर जोर दिया है।

लागत और फंडिंग

ट्रंप ने गोल्डन डोम की कुल लागत $175 बिलियन होने का अनुमान लगाया है, हालांकि कांग्रेस के बजट कार्यालय ने चेतावनी दी है कि इसकी जटिलता के कारण दो दशकों में इसकी कीमत $500 बिलियन से अधिक हो सकती है। प्रारंभिक फंडिंग के लिए $25 बिलियन का आवंटन प्रस्तावित है, लेकिन पूर्ण वित्त पोषण अनिश्चित बना हुआ है। पेंटागन के योजनाकार इस परियोजना के लिए कई विकल्प विकसित कर रहे हैं, जो उपग्रहों, सेंसरों और अंतरिक्ष-आधारित इंटरसेप्टर के समावेश के आधार पर लागत और क्षमता के मामले में भिन्न हैं।

तकनीकी विवरण और क्षमताएं

गोल्डन डोम में सैकड़ों उपग्रह, उन्नत सेंसर और अंतरिक्ष-आधारित इंटरसेप्टर शामिल होंगे। यह प्रणाली मिसाइलों को उनके लॉन्च होने के पल से ही ट्रैक करने और बेअसर करने में सक्षम होगी। ट्रंप का दावा है कि यह तकनीक "जितनी हो सके उतनी परिपूर्ण है," भले ही इसके कुछ घटक अभी भी परीक्षण से बाहर हैं। यह प्रणाली एक बहुस्तरीय रक्षा प्रदान करेगी, जिसका अर्थ है कि यह एक ही मिसाइल को कई चरणों में रोकने का प्रयास करेगी, जिससे सफलता की संभावना बढ़ जाएगी।

नेतृत्व और प्रमुख ठेकेदार

ट्रंप ने वर्तमान अंतरिक्ष संचालन के उप प्रमुख जनरल माइकल गुएटलीन को गोल्डन डोम के विकास का प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है। गुएटलीन परियोजना के कार्यान्वयन, परीक्षण और एकीकरण की देखरेख करेंगे। लॉकहीड मार्टिन, रेथियॉन और L3Harris Technologies जैसे प्रमुख रक्षा ठेकेदार इस परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए संभावित दावेदार हैं।

विवाद और चुनौतियाँ

गोल्डन डोम परियोजना को कई चुनौतियों और विवादों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे पहले, इसकी विशाल लागत और अनिश्चित फंडिंग एक बड़ी बाधा है। कांग्रेस में भी इस परियोजना के लिए समर्थन बंटा हुआ है, कुछ डेमोक्रेट्स और यहां तक कि कुछ रिपब्लिकन भी फंडों को मंजूरी देने से पहले बिल में बदलाव की मांग कर रहे हैं। एलन मस्क के स्पेसएक्स की संभावित भागीदारी पर भी नैतिक चिंताएं जताई गई हैं, उनकी ट्रम्प प्रशासन में सलाहकार भूमिका और संभावित हितों के टकराव को लेकर सवाल उठाए गए हैं।

इसके अतिरिक्त, इस परियोजना की तकनीकी व्यवहार्यता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि ट्रंप ने दावा किया है कि तकनीक "जितनी हो सके उतनी परिपूर्ण है," कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी जटिल और व्यापक मिसाइल रक्षा प्रणाली को विकसित करने और तैनात करने में अभी भी महत्वपूर्ण तकनीकी बाधाएं हैं।

रीगन की 'स्टार वार्स' परियोजना से तुलना

गोल्डन डोम परियोजना अमेरिकी इतिहास में एक पुरानी रिपब्लिकन दृष्टि को पुनर्जीवित करती है: रोनाल्ड रीगन की रणनीतिक रक्षा पहल (Strategic Defense Initiative - SDI), जिसे अक्सर "स्टार वार्स" उपनाम दिया जाता था। 1980 के दशक में, रीगन ने अंतरिक्ष-आधारित मिसाइल ढाल विकसित करने का प्रयास किया था, लेकिन तकनीकी सीमाओं के कारण उस प्रयास को अंततः छोड़ दिया गया था। ट्रंप ने गोल्डन डोम को रीगन के अधूरे सपने को पूरा करने के रूप में प्रस्तुत किया है, यह दावा करते हुए कि अब हमारे पास वह तकनीक है जो रीगन के पास नहीं थी।

राजनीतिक निहितार्थ

गोल्डन डोम की घोषणा एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम है। यह न केवल ट्रंप के "अमेरिका फर्स्ट" और मजबूत रक्षा के एजेंडे को पुष्ट करता है, बल्कि यह मतदाताओं को यह दिखाने का भी प्रयास करता है कि वह अमेरिकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह घोषणा 2029 तक पूरी होने का वादा करके उनके दूसरे संभावित कार्यकाल के लिए एक महत्वपूर्ण नीतिगत लक्ष्य भी निर्धारित करती है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सहयोग

ट्रंप ने दावा किया है कि कनाडा ने भी इस पहल में शामिल होने में रुचि दिखाई है, यह दर्शाता है कि अमेरिका कुछ सहयोगियों के साथ इस परियोजना पर काम करने के लिए तैयार है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अन्य देश इस परियोजना में कितनी रुचि दिखाएंगे, खासकर इसकी विशाल लागत और विवादास्पद प्रकृति को देखते हुए।

डोनाल्ड ट्रंप का "गोल्डन डोम" एक अत्यधिक महत्वाकांक्षी और विवादास्पद परियोजना है। यदि सफल होता है, तो यह अमेरिकी मिसाइल रक्षा क्षमताओं में एक बड़ा बदलाव ला सकता है और दुनिया में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, इसकी लागत, तकनीकी चुनौतियाँ, राजनीतिक विभाजन और नैतिक चिंताएँ इस बात पर संदेह पैदा करती हैं कि यह परियोजना कितनी व्यवहार्य और सफल होगी। यह देखना बाकी है कि यह "स्टार वार्स जैसी" मिसाइल रक्षा प्रणाली अमेरिकी सपने का हिस्सा बनती है या रीगन की "स्टार वार्स" की तरह ही एक अधूरा सपना बनकर रह जाती है।

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Sonali kesarwani

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