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IMF की 11 नई शर्तें, पाकिस्तान को राहत किस्त से पहले देना होगा बड़ा 'इम्तिहान', भारत से तनाव बना सबसे बड़ा खतरा
IMF ने पाकिस्तान को राहत पैकेज की अगली किस्त जारी करने से पहले 11 नई शर्तें रखी हैं। भारत-पाक तनाव को आर्थिक स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बताया गया है। जानिए IMF की सभी शर्तें और उनकी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर संभावित असर।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने पाकिस्तान को राहत पैकेज की अगली किस्त जारी करने से पहले 11 सख्त शर्तें सामने रख दी हैं। ताजा मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, IMF को अब इस बात की चिंता सताने लगी है कि कहीं उसका कर्ज पाकिस्तान में डूब न जाए। यही कारण है कि संस्था ने आगामी किस्त जारी करने से पहले कई आर्थिक, प्रशासनिक और नीतिगत सुधारों की बाध्यता रख दी है। पाकिस्तानी अखबार 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, IMF की स्टाफ-लेवल रिपोर्ट में जो नई शर्तें बताई गई हैं, वे मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए पाकिस्तान पर बड़ा दबाव बना रही हैं।
IMF की प्रमुख शर्तें क्या हैं?
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार को अगले वित्त वर्ष का 17,600 अरब रुपये का संघीय बजट संसद से पारित कराना जरूरी होगा। इसके अलावा बिजली बिलों में अधिभार बढ़ाने, पुराने वाहनों के आयात पर से प्रतिबंध हटाने और कृषि क्षेत्र में नया आयकर कानून लागू करने जैसी मांगें भी की गई हैं।
इन 11 नई शर्तों में शामिल हैं
संसद से बजट की मंजूरी
बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त शुल्क
पुरानी कारों के आयात पर से रोक हटाना
कृषि आयकर कानून लागू करना
संचालन सुधारों की कार्य योजना प्रकाशित करना
ऊर्जा क्षेत्र में टैरिफ निर्धारण व वित्तीय पारदर्शिता
2027 के बाद की वित्तीय रणनीति बनाना
भारत-पाक तनाव को बताया खतरा
IMF की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव, खासकर 22 अप्रैल को ऑपरेशन सिंदूर के तहत हुए सैन्य घटनाक्रम के बाद, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता पर गहरा असर डाल सकता है। संस्था ने इस क्षेत्रीय तनाव को पाकिस्तान के राजकोषीय संतुलन, विदेशी खातों और आर्थिक सुधारों के लिए एक गंभीर जोखिम बताया है। पाकिस्तान के नए रक्षा बजट का अनुमान 2,414 अरब रुपये है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12% अधिक है। हालांकि, सरकार ने हाल ही में 2,500 अरब रुपये खर्च करने की योजना जताई है, जो IMF के राजकोषीय अनुशासन से मेल नहीं खाती।
अब तक 50 शर्तों का बोझ
नई 11 शर्तों के साथ, पाकिस्तान पर IMF की कुल 50 शर्तें लागू हो चुकी हैं। ये केवल आर्थिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और संस्थागत सुधार से भी जुड़ी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान के लिए अब दोहरी चुनौती है, एक ओर आर्थिक शर्तें पूरी करना और दूसरी ओर क्षेत्रीय तनाव को नियंत्रित करते हुए स्थायित्व सुनिश्चित करना।