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हाय रे पाकिस्तान! पाकिस्तान ने खुद खोदी अपनी कब्र, भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' से थर्राया पाक, अपनी बर्बादी का खुद ही दे दिया सबूत
Pakistan admits Indian strike: पाकिस्तान ने खुद खोली अपनी बर्बादी की पोल! भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' से थर्राया पाक, डोज़ियर जारी कर कबूले गुप्त हमले। जानें कैसे पाकिस्तान ने खुद ही अपनी कब्र खोदी और भारत की रणनीति की जीत हुई।
Pakistan admits Indian strike
Pakistan admits Indian strike: युद्धों में दुश्मन की हार तब सबसे बड़ी मानी जाती है जब वह न केवल रणभूमि में पराजित हो, बल्कि खुद अपनी हार का सबूत भी दुनिया के सामने रख दे। कुछ ऐसा ही पाकिस्तान ने कर डाला है उसने हाल ही में एक आधिकारिक ‘डोज़ियर’ जारी किया है, जिसमें भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की गई सैन्य कार्रवाइयों को स्वीकार किया गया है। यह डोज़ियर न केवल भारत की सैन्य शक्ति और रणनीति की जीत है, बल्कि पाकिस्तान के झूठ और प्रचारतंत्र की भी मौत का प्रमाणपत्र है। ‘बुनयान अल मरसूस’ नामक जवाबी ऑपरेशन की विफलताओं को छुपाने के बजाय, पाकिस्तान ने जो फाइलें सार्वजनिक की हैं, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सफलता की गूंज और पाकिस्तान की खीज, दोनों को उजागर कर दिया है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि *पाकिस्तान ने खुद ही उन हमलों को कबूल किया है, जिन्हें भारत ने कभी आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया था।* यह ना सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि भारत की खुफिया और सैन्य रणनीति की एक अदृश्य परंतु अचूक जीत है।
गुप्त वार, खुला कबूलनामा
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना द्वारा 7-10 मई 2025 के बीच चलाया गया एक अति-गोपनीय सैन्य अभियान था। इसका उद्देश्य पाकिस्तान और POK में स्थित आतंकी अड्डों, एयरबेस और लॉजिस्टिक ठिकानों को निष्क्रिय करना था। भारतीय रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस ऑपरेशन पर सीमित जानकारी ही सार्वजनिक की गई थी, लेकिन अब पाकिस्तान के डोज़ियर ने पूरे घटनाक्रम को एक्स-रे की तरह दुनिया के सामने रख दिया है। इस डोज़ियर में पाकिस्तान ने खुद कबूल किया है कि भारत ने बहावलपुर, मुज़फ्फराबाद, मियांवाली, रावलपिंडी, कराची, क्वेटा, ग्वादर और पेशावर जैसे शहरों में हमला किया था। इससे ज़्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इन हमलों की पुष्टि खुद पाकिस्तान ने सैटेलाइट इमेज, मलबे की तस्वीरें और मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से की है। भारत ने जहां इस ऑपरेशन को "आतंकी गतिविधियों के खिलाफ सीमित जवाबी कार्रवाई" बताया था, वहीं पाकिस्तान के इस दस्तावेज़ ने पुष्टि कर दी कि यह सिर्फ सीमित कार्रवाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक वर्चस्व स्थापित करने वाला सैन्य तूफान था।
हमले जिन्हें भारत ने नहीं बताया, लेकिन पाकिस्तान ने मान लिया
सबसे विस्फोटक हिस्सा यह है कि जिन हमलों को भारत ने कभी सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया, उन पर भी पाकिस्तान ने मुहर लगा दी है। उदाहरण के तौर पर, बलूचिस्तान के स्कार्दू और तुर्बत जैसे संवेदनशील ठिकानों पर हमले का कोई भारतीय दावा नहीं था, लेकिन डोज़ियर में पाकिस्तान ने खुद कहा है कि भारत ने वहाँ मिसाइलें और ड्रोन भेजे थे। इसी तरह मुरीदके और रफीकी एयरबेस जैसे महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाए जाने की जानकारी भी अब पहली बार सामने आई है पाकिस्तान की ज़ुबानी। यह दर्शाता है कि भारत की सैन्य कार्रवाई इतनी गुप्त, सटीक और चुपचाप थी कि पाकिस्तान को भी बाद में समझ आया कि उसे कितना बड़ा नुकसान हो चुका है।
पाकिस्तानी डोज़ियर या आत्मघाती बयान?
पाकिस्तान ने इस डोज़ियर को “भारत की आक्रामकता” का सबूत बताने के इरादे से जारी किया था, लेकिन इसका असर ठीक उल्टा हुआ है। यह दस्तावेज़ पाकिस्तान के कूटनीतिक और सैन्य दिवालियेपन का जीवंत प्रमाण बन गया है। उसमें न केवल भारत के हमलों की विस्तारपूर्वक सूची दी गई है, बल्कि कुछ स्थानों की GPS लोकेशन, क्षतिग्रस्त भवनों की फोटो और यहां तक कि भारतीय ड्रोन के मलबे की तस्वीरें भी शामिल हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान के अधिकारी, चाहे अनजाने में या दबाव में, भारत की सैन्य शक्ति और रणनीतिक बढ़त को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्वीकार कर चुके हैं।
ऑपरेशन सिंदूर: एक असाधारण सैन्य पराक्रम
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक संगठित सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया हो, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कई मायनों में ऐतिहासिक था। भारत ने बिना सार्वजनिक घोषणा के, बिना युद्ध घोषित किए, दुश्मन देश की सीमा के भीतर घुसकर आतंक के संरक्षकों को उनकी भाषा में जवाब दिया। 100 से अधिक ड्रोन, लंबी दूरी की मिसाइलें और सर्जिकल टार्गेटिंग इन सबने पाकिस्तान की नींव हिला दी। और अब पाकिस्तान का ही डोज़ियर कह रहा है कि भारत की यह कार्रवाई “बहुतायत में नुकसानदायक” और अभूतपूर्व थी।
कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की जीत
इस कबूलनामे ने न केवल सैन्य मोर्चे पर भारत को विजेता बनाया है, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी भारत की स्थिति को और मजबूत किया है। जहां पाकिस्तान इस डोज़ियर के माध्यम से भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना चाहता था, वहीं अब दुनिया की निगाहों में वही कटघरे में खड़ा हो गया है। भारत की ओर से अभी तक इस डोज़ियर पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन रणनीतिक जानकारों का मानना है कि भारत इसे अपने पक्ष में उपयोग कर सकता है विशेष रूप से FATF, संयुक्त राष्ट्र और G20 जैसे मंचों पर।
क्या पाकिस्तान ने खुद अपनी कब्र खोद ली?
पाकिस्तान द्वारा जारी किया गया यह दस्तावेज़ अब उसकी साख पर एक गंभीर प्रश्नचिन्ह है। जिस तरीके से उसने खुद स्वीकार किया कि भारत ने उसके लगभग 20 से अधिक सैन्य और नागरिक ठिकानों को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया, उससे यह सवाल उठता है कि पाकिस्तानी सेना और ISI आखिर कर क्या रहे थे? क्या यह कबूलनामा पाकिस्तान की सैन्य विफलता को छिपाने की आखिरी कोशिश है या फिर दुनिया की सहानुभूति पाने की एक बेतुकी चाल? जो भी हो, इतना तय है कि अब पाकिस्तान का झूठ ढह चुका है और सच की इमारत भारत की तरफ खड़ी है।
भारत की चुप्पी ही सबसे बड़ा वार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सबसे बड़ी ताकत यह रही कि भारत ने इसे गरज के साथ नहीं, गूंज के साथ अंजाम दिया। पाकिस्तान के झूठे नारों और फर्जी वीडियो के बीच भारत का मौन ही उसकी सबसे बड़ी गर्जना बन गया। और अब जब दुश्मन ने खुद ही यह स्वीकार कर लिया कि भारत ने उसकी रीढ़ तोड़ दी है, तब दुनिया के पास अब कोई भ्रम नहीं बचा। पाकिस्तान ने अपने ही डोज़ियर से अपनी कब्र खोद दी है अब उसे दफनाने के लिए भारत को कुछ करने की ज़रूरत नहीं। सच ने खुद उसे ललकार दिया है।
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