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ईरान का महाबम! 'पहाड़ के नीचे छुपा विनाश का कारखाना', अमेरिका-इजराइल की आंखों में चुभ रही ईरान की फोर्दो न्यूक्लियर साइट

Iran Fordow nuclear site: अमेरिका खुलेआम कह रहा है कि वह इस जगह पर सीधे सैन्य हमला करने पर विचार कर रहा है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI6 के पूर्व प्रमुख जॉन सॉवर्स ने तो यहां तक कह दिया कि फोर्दो को जड़ से खत्म कर देना चाहिए।

Harsh Srivastava
Published on: 20 Jun 2025 4:33 PM IST
ईरान का महाबम! पहाड़ के नीचे छुपा विनाश का कारखाना, अमेरिका-इजराइल की आंखों में चुभ रही ईरान की फोर्दो न्यूक्लियर साइट
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Iran Fordow nuclear site: मध्य पूर्व की धरती एक बार फिर युद्ध की आग में घिरने को तैयार है। इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। मिसाइलें, ड्रोन और धमकियों की गूंज के बीच अब एक नाम बार-बार सुनाई दे रहा है — *फोर्दो एनरिचमेंट फैसिलिटी*। यह कोई साधारण जगह नहीं, बल्कि ईरान के परमाणु सपनों की वो गुफा है, जिसके अंदर छुपा है यूरेनियम से बना मौत का सामान। दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की आंखें इसी गुफा पर टिक गई हैं।

अमेरिका खुलेआम कह रहा है कि वह इस जगह पर सीधे सैन्य हमला करने पर विचार कर रहा है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI6 के पूर्व प्रमुख जॉन सॉवर्स ने तो यहां तक कह दिया कि फोर्दो को जड़ से खत्म कर देना चाहिए। इजराइल तो पहले से ही इसे नेस्तनाबूद करने के प्लान पर काम कर रहा है। अब सवाल है आखिर फोर्दो में ऐसा क्या है जो पूरी दुनिया की नींद उड़ाए हुए है? और क्या वाकई अमेरिका इस जगह पर बम गिरा देगा?

80 मीटर गहराई में छुपी बर्बादी की फैक्ट्री

फोर्दो ईरान की सबसे रहस्यमयी और सुरक्षित न्यूक्लियर साइट मानी जाती है। यह ईरान के पवित्र शहर क़ोम से करीब 32 किलोमीटर दूर और तेहरान से लगभग 95 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में एक विशाल पहाड़ी के नीचे बनी हुई है। इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि ये जमीन से 80 मीटर गहराई में छिपी हुई है। यानी इस पर कोई सामान्य हवाई हमला असर नहीं करेगा। इस साइट का निर्माण ईरान ने 2006 में बेहद गुप्त तरीके से शुरू किया था। लेकिन 2009 में अमेरिका और इजराइल ने मिलकर इसका पर्दाफाश कर दिया। उसके बाद से ही फोर्दो दुनिया की नजरों में आ गया। इसकी सुरक्षा के लिए पहले ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स तैनात थीं, और रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने इसे अभेद्य बना दिया था। लेकिन हाल ही में खबर आई कि इजराइली हमलों में ईरान की एयर डिफेंस कमजोर हो चुकी है, और फोर्दो अब खतरे में है।

इजराइल क्यों है बेचैन?

इजराइल के लिए ईरान का परमाणु कार्यक्रम *सीधे उसके अस्तित्व पर हमला* है। इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद पहले ही कई ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों को रास्ते से हटा चुकी है। लेकिन फोर्दो और नतांज़ जैसे न्यूक्लियर प्लांट्स अभी भी उसके लिए सिरदर्द बने हुए हैं। अगर ईरान यहां से परमाणु बम बनाने में कामयाब हो गया तो इजराइल के लिए मध्य पूर्व में टिके रहना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। इसलिए इजराइल चाहता है कि फोर्दो को जड़ से खत्म कर दिया जाए। लेकिन दिक्कत ये है कि इजराइल के पास ऐसा कोई हथियार नहीं है जो इस गहराई में असर कर सके। उनके पास GBU-28 बंकर बस्टर बम जरूर हैं, लेकिन ये सिर्फ 6 मीटर गहराई तक ही प्रभावी हैं। 80 मीटर गहराई तक पहुंचने का दम फिलहाल सिर्फ अमेरिका के पास है।

क्या अमेरिका वाकई बम गिराएगा?

अमेरिका के पास GBU-57 Massive Ordnance Penetrator नाम का एक बंकर बस्टर बम है, जो 13,000 किलो वजनी है और इसकी मारक क्षमता इतनी है कि ये पहाड़ों को चीरकर गहराई में धमाका कर सकता है। सवाल ये है — क्या अमेरिका इसका इस्तेमाल करेगा? व्हाइट हाउस में बंद दरवाजों के पीछे इस पर चर्चा जोरों पर है। Axios की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपने कार्यकाल में पेंटागन से इस बम की क्षमता पर सवाल किए थे और आश्वासन लिया था कि ये बम फोर्दो को तबाह कर देगा। हालांकि अब तक इसे किसी युद्ध में इस्तेमाल नहीं किया गया है। लेकिन अगर अमेरिका इस बम का इस्तेमाल करता है और वह असफल हो गया तो परिणाम भयानक होंगे। ईरान युद्ध के लिए पूरी ताकत झोंक देगा और अमेरिका एक ऐसे जाल में फंस जाएगा जिससे निकलना मुश्किल होगा।

हथियार या यूरेनियम की फैक्ट्री? दुनिया क्यों डरी हुई है?

असल में फोर्दो न्यूक्लियर साइट सिर्फ एक फैक्ट्री नहीं, बल्कि एक संभावित तबाही का स्रोत है। शुरुआत में यहां सिर्फ 5% शुद्धता तक यूरेनियम समृद्ध किया जाता था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट बताती है कि यहां अब 60% शुद्धता तक यूरेनियम तैयार हो रहा है। हथियार बनाने के लिए 90% शुद्धता चाहिए — यानी फोर्दो अब इस स्तर के बेहद करीब पहुंच चुका है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ईरान ने ठान लिया तो वो महज 5 से 6 दिन में एक परमाणु बम लायक ईंधन तैयार कर सकता है। यही वजह है कि अमेरिका और इजराइल किसी भी कीमत पर इसे रोकना चाहते हैं।

क्या अगला हमला यहीं होगा?

पिछले दिनों फोर्दो साइट के पास कुछ धमाकों की खबरें आई थीं, लेकिन अब तक उनकी पुष्टि नहीं हुई है। दुनिया की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि क्या वाकई अमेरिका और इजराइल इस पर हमला करने जा रहे हैं या फिर यह सिर्फ दबाव बनाने का खेल है। एक बात तय है — फोर्दो अब सिर्फ ईरान की एक गुप्त साइट नहीं रह गई है, बल्कि ये आने वाले दिनों में दुनिया को हिला देने वाले युद्ध का केंद्र बन सकती है। पहाड़ के नीचे छुपा ये प्लांट अब पूरी दुनिया के लिए ticking time bomb बन चुका है।

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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