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'मैं मरा नहीं, मैं जिंदा हूं!' लौट आया इजरायल का काल, जंग के बीच ईरान को मिली बड़ी राहत, अब होगा Israel का...

Ali Shamkhani alive: 5 दिन की चुप्पी के बाद अचानक फारसी न्यूज़ चैनल्स पर एक बयान चला — अली शमखानी बोले, “मैं जख्मी हूं, लेकिन अभी जिंदा हूं। इजराइली स्ट्राइक में मैं घायल हुआ हूं, लेकिन खत्म नहीं हुआ।” यह बयान सामने आते ही जैसे पूरी दुनिया हिल गई।

Harsh Srivastava
Published on: 20 Jun 2025 3:17 PM IST
मैं मरा नहीं, मैं जिंदा हूं! लौट आया इजरायल का काल, जंग के बीच ईरान को मिली बड़ी राहत, अब होगा Israel का...
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Ali Shamkhani alive: मध्य पूर्व की आग में घिरे ईरान और इजराइल के बीच इस वक्त ऐसा युद्ध छिड़ा हुआ है, जहां हर दिन नई साज़िशें, नए हमले और नई हत्याएं सामने आ रही हैं। मिसाइलों की आवाज़ों से गूंजते आसमान के बीच इजराइल ने पिछले हफ्ते एक ऐसी ‘खबर’ छोड़ी थी, जिसने तेहरान की नींदें उड़ा दी थीं। खबर थी — ‘खामेनेई का सबसे करीबी, ईरान का परमाणु मास्टरमाइंड अली शमखानी अब इस दुनिया में नहीं रहा।’ पूरी फारसी मीडिया, अरब जगत और पश्चिमी दुनिया में यह खबर आग की तरह फैली।

तेहरान के गलियारों में सन्नाटा था। क्या वाकई ईरान का वह शख्स जो खामेनेई के कान में जाकर परमाणु हमलों की गुप्त बातें फुसफुसाता था, अब नहीं रहा? क्या वाकई इजराइल ने अपने मोसाद एजेंट्स के ज़रिए ईरान की कमर तोड़ दी थी? लेकिन अब इसी खौफ के बीच एक और धमाका हो गया है। वो शख्स, जिसे मरा हुआ समझकर दुनिया जश्न मना रही थी... वह जिंदा है!

'मैं मरा नहीं, मैं जिंदा हूं!' — अली शमखानी का ज़िंदा बयान

5 दिन की चुप्पी के बाद अचानक फारसी न्यूज़ चैनल्स पर एक बयान चला — अली शमखानी बोले, “मैं जख्मी हूं, लेकिन अभी जिंदा हूं। इजराइली स्ट्राइक में मैं घायल हुआ हूं, लेकिन खत्म नहीं हुआ।” यह बयान सामने आते ही जैसे पूरी दुनिया हिल गई। फारसी न्यूज़ ने शमखानी का पूरा संदेश प्रकाशित कर दिया। बयान के साथ उनका एक धुंधला वीडियो भी सामने आया, जिसमें वो बमुश्किल बैठ पा रहे हैं, लेकिन उनकी आंखों में वही पुरानी आग दिख रही थी ईरान की परमाणु ताकत बनने की आग। यह बयान सिर्फ एक घायल इंसान का नहीं था, बल्कि एक ‘चेतावनी’ थी। इजराइल के लिए, अमेरिका के लिए और उन तमाम देशों के लिए जो ईरान को घुटनों पर देखना चाहते हैं।

इजराइल का प्लान फेल, खामेनेई की ‘ब्रह्मास्त्र टीम’ फिर एक्टिव

असल में अली शमखानी का जिंदा रहना सिर्फ एक शख्स का बच जाना नहीं है, बल्कि ये पूरी ईरानी सत्ता के लिए ‘रिलीफ ब्रेकिंग’ है। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के लिए यह वही सलाहकार हैं, जिनके भरोसे ईरान की परमाणु परियोजना आगे बढ़ रही है। इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने दावा किया था कि उन्होंने तेहरान में बेहद सटीक हमला कर शमखानी को खत्म कर दिया है। लेकिन अब जबकि शमखानी सामने आ गए हैं तो ये बात साफ हो गई कि इजराइल का सबसे बड़ा निशाना इस बार बच निकला है। अब चिंता इजराइल की है। क्योंकि शमखानी ही वो नाम हैं जो ईरान के राष्ट्रपति और सुप्रीम लीडर खामेनेई के बीच की सबसे गुप्त बैठकों के सूत्रधार हैं। वो वही शख्स हैं जिन्होंने परमाणु डील के समय अमेरिका को छकाया था। अब सवाल है — क्या शमखानी की वापसी के बाद ईरान और खतरनाक हो जाएगा?

अब क्या करेगा ईरान? परमाणु हथियार की ओर अग्रेसिव बढ़त का इशारा

अमेरिका पहले ही चेतावनी दे चुका है कि ईरान बस एक ‘हां’ दूर है परमाणु हथियार बनाने से। वॉशिंगटन में बैठे विश्लेषकों का मानना है कि अगर खामेनेई ने एक इशारा भर कर दिया तो ईरान कुछ ही हफ्तों में अपने पहले परमाणु बम का परीक्षण कर सकता है। और अब जब शमखानी जिंदा हैं, तो उनकी पहली प्राथमिकता होगी — बदला और तेज़ी से परमाणु हथियारों का विकास। इजराइल पहले ही आशंकित था कि अगर शमखानी जीवित रहते हैं तो वह ईरान के परमाणु प्रोजेक्ट को ‘वॉर मोड’ में डाल देंगे। और अब वही डर हकीकत बनता दिख रहा है।

कहां छुपे हैं शमखानी? इलाज के लिए बना दिया गया गुप्त अस्पताल

ईरानी मीडिया की रिपोर्ट्स बताती हैं कि शमखानी इस वक्त गुप्त सैन्य ठिकाने में इलाज करवा रहे हैं। उनकी सुरक्षा इतनी तगड़ी कर दी गई है कि वहां तक ईरान के कई सीनियर मंत्री भी नहीं पहुंच पा रहे। तेहरान को डर है कि इजराइल फिर कोई हवाई हमला या स्लीपर सेल के जरिए हत्या की कोशिश कर सकता है। इसलिए पूरे अस्पताल के चारों तरफ ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स फोर्स (IRGC) ने घेरा डाल दिया है। खबर ये भी है कि शमखानी ने अपने बयान में खामेनेई से सीधे संपर्क किया है और कहा है कि वो ‘जिंदा लौटेंगे और जवाब देंगे।’ ये जवाब सिर्फ इजराइल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी जगत के लिए खतरनाक संदेश है।

अब अगला निशाना कौन? इजराइल का हिट लिस्ट गेम जारी

इजराइल अभी भी शांत नहीं बैठा है। पिछले कुछ महीनों में उसने ईरान के 9 परमाणु वैज्ञानिकों और करीब 10 टॉप मिलिट्री कमांडर्स को खत्म कर दिया है। अब भी इजराइली मोसाद की लिस्ट में दर्जनों नाम बाकी हैं — जिनमें अली खामेनेई, राष्ट्रपति रईसी जैसे टॉप टारगेट भी शामिल हैं। इजराइल को डर है कि अगर ईरान परमाणु बम बना लेता है तो पूरे मध्य पूर्व में ताकत का संतुलन पूरी तरह बदल जाएगा। इसलिए वो हर कीमत पर इसे रोकना चाहता है। लेकिन अब जब शमखानी जैसे खिलाड़ी जिंदा निकल आए हैं तो ये जंग और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। 'मैं लौटूंगा' — शमखानी की यह चेतावनी सिर्फ एक घायल की आवाज नहीं थी, बल्कि एक परमाणु युद्ध की आहट थी। आने वाले दिनों में ये आग कितनी दूर तक जाएगी, इसका जवाब दुनिया को जल्द मिलने वाला है।

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News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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