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तय हो गई बांग्लादेश की सरकार! मो यूनुस और शेख हसीना की राजनीति का होगा अंत

Bangladesh Government: जमात-ए-इस्लामी लंबे समय तक अवामी लीग की कट्टर विरोधी रही है और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पाकिस्तान समर्थक रुख के चलते विवादों में रही है।

Snigdha Singh
Published on: 2 Jun 2025 10:27 AM IST
तय हो गई बांग्लादेश की सरकार! मो यूनुस और शेख हसीना की राजनीति का होगा अंत
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Bangladesh Government: बांग्लादेश की राजनीति में इन दिनों बड़ी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। हालिया घटनाक्रम में जमात-ए-इस्लामी को बड़ी राहत मिली है। देश की सुप्रीम कोर्ट ने इस इस्लामी राजनीतिक दल पर लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया है, जिससे अब पार्टी को आगामी आम चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिल गई है। यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। जानकारों का मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों में जमात-ए-इस्लामी का सत्ता तक पहुंचना अब संभव लग रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने हटाया प्रतिबंध, खुला चुनावी रास्ता

बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत ने हाल ही में एक ऐतिहासिक निर्णय में जमात-ए-इस्लामी से 2013 में लगाए गए प्रतिबंध को समाप्त कर दिया। इस फैसले के साथ ही पार्टी का राजनीतिक पुनरुत्थान शुरू हो गया है। कोर्ट के फैसले से पार्टी के गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की राह भी साफ हो गई है, जिससे पार्टी को चुनावी तैयारी में गति मिल सकती है। गौरतलब है कि जमात-ए-इस्लामी लंबे समय तक अवामी लीग की कट्टर विरोधी रही है और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पाकिस्तान समर्थक रुख के चलते विवादों में रही है।

2018 में रद्द हुआ था पंजीकरण

साल 2018 में, हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद बांग्लादेश के चुनाव आयोग ने जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण रद्द कर दिया था। इससे पहले 2013 में, सर्वोच्च न्यायालय ने इसे राष्ट्रीय चुनावों के लिए अयोग्य करार देते हुए इसके राजनीतिक दर्जे को निरस्त कर दिया था। पार्टी पर आरोप था कि उसने 1971 के मुक्ति संग्राम का विरोध किया और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ काम किया।

शेख हसीना के आखिरी दिनों में लगा था प्रतिबंध

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 5 अगस्त 2024 को पद से हटने से कुछ दिन पहले जमात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध का समर्थन "स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD)" जैसे युवा मंचों ने किया था। लेकिन जैसे ही हसीना का कार्यकाल समाप्त हुआ, जमात ने 2013 के अदालत आदेश की पुनर्विचार याचिका दायर कर दी, जिस पर अब फैसला आ चुका है।

अवामी लीग को भी झटका, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स बंद

वहीं दूसरी ओर, सत्ता से बाहर हो चुकी अवामी लीग को तगड़ा झटका लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में पार्टी की वेबसाइट और अन्य डिजिटल माध्यमों तक पहुंच रोक दी गई है। यह स्थिति मौजूदा अस्थिर राजनीतिक वातावरण में और भी अनिश्चितता पैदा कर रही है।

जमात के वकील बोले अब जनता तय करेगी

कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए जमात के वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद शिशिर मनीर ने कहा कि आज एक दशक लंबी कानूनी लड़ाई खत्म हो गई है। यह लोकतंत्र की जीत है। अब जनता तय करेगी कि वह किसे संसद में देखना चाहती है।

क्या जमात बनाएगी सरकार?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा असंतुलन और अवामी लीग की कमजोर स्थिति को देखते हुए, जमात-ए-इस्लामी के पास सरकार बनाने का सुनहरा मौका है। हालांकि यह साफ नहीं है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितना समर्थन मिलेगा, लेकिन फिलहाल बांग्लादेश के अंदर उनका प्रभाव तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है।

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Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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