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Gurdwara Vandalised: खालिस्तान समर्थकों की करतूत से सुलगा वैंकूवर, गुरुद्वारे में की तोड़फोड़, सिख समुदाय भड़का
Gurdwara Vandalised: गुरुद्वारा परिसर की दीवारों और पार्किंग क्षेत्र में खालिस्तान समर्थक नारों को स्प्रे पेंट किया गया। इस घटना की जानकारी गुरुद्वारा प्रशासन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ तस्वीरें साझा की। इन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे दीवारों पर लिखे गए हैं।
Gurudwara vandalised by Khalistani Supporter (Photo: Social Media)
Gurudwara Vandalised in Canada: कनाडा के वैंकूवर शहर में स्थित एक ऐतिहासिक सिख धार्मिक स्थल पर खालिस्तान समर्थक तत्वों ने बीती रात जमकर तोड़फोड़ की, जिससे पूरे इलाके के सिख समुदाय में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। यह घटना वैंकूवर के रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा, जिसे आधिकारिक तौर पर खालसा दीवान सोसाइटी (केडीएस) के नाम से जाना जाता है, में सामने आई।
गुरुद्वारा परिसर की दीवारों और पार्किंग क्षेत्र में खालिस्तान समर्थक नारों को स्प्रे पेंट किया गया। इस घटना की जानकारी गुरुद्वारा प्रशासन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ तस्वीरें साझा की। इन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे दीवारों पर लिखे गए हैं।
गुरुद्वारा प्रबंधन ने जताई कड़ी आपत्ति
घटना के बाद गुरुद्वारा कमेटी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। कमेटी ने इसे समुदाय में डर और फूट फैलाने का सुनियोजित प्रयास बताया। बयान में कहा गया कि कुछ अलगाववादी विचारधारा वाले कट्टरपंथी सिखों ने जानबूझकर गुरुद्वारे की पवित्रता को ठेस पहुंचाने का काम किया है।
गुरुद्वारा प्रवक्ता जग संघेरा ने स्थानीय मीडिया CTV न्यूज से बातचीत में बताया कि यह कोई मामूली हरकत नहीं थी, बल्कि बड़े स्तर पर दीवारों को नुकसान पहुंचाया गया है।
वैसाखी परेड में शामिल होने से रोके गए थे खालिस्तानी गुट
खास बात यह है कि केडीएस गुरुद्वारा प्रबंधन ने पिछले सप्ताहांत वैंकूवर में आयोजित वैसाखी परेड में खालिस्तान समर्थक संगठनों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी। इस फैसले के बाद से ही ऐसे हमले की आशंका जताई जा रही थी, जो अब सच साबित हुई है।
पुलिस ने शुरू की जांच
इस घटना की खबर सामने आते ही वैंकूवर पुलिस विभाग हरकत में आ गया है। पुलिस ने गुरुद्वारा परिसर में पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज की भी समीक्षा की जा रही है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस इसे एक गंभीर घृणा अपराध के रूप में देख रही है।
उल्लेखनीय है कि रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा वर्ष 1906 में स्थापित हुआ था और यह कनाडा के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित सिख धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। इस गुरुद्वारे की समाज में गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान है।
सिख समुदाय में बढ़ी चिंता
इस घटना के बाद सिख समुदाय में गुस्से के साथ-साथ चिंता भी गहराती जा रही है। लोगों का मानना है कि ऐसे हमले केवल धार्मिक स्थलों की मर्यादा भंग नहीं करते, बल्कि समुदाय के बीच आपसी सौहार्द को भी प्रभावित करते हैं। कई स्थानीय संगठनों और नेताओं ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।