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MV Wan Hai 503 explosion: खुले समुद्र में लगी यह आग सिर्फ जहाज को ही नहीं जला रही थी, बल्कि इसमें सवार 22 क्रू सदस्यों की जिंदगी भी दांव पर लगी थी। हवा में उठते काले धुएं के गुबार और पानी में गिरते कंटेनरों का दृश्य किसी भयावह फिल्म से कम नहीं था।
MV Wan Hai 503 explosion: अक्सर शांत दिखने वाला समुद्र अपने भीतर कई रहस्य और अनगिनत खतरे समेटे होता है। एक क्षण में सब कुछ सामान्य लग सकता है, और अगले ही पल कोई भयावह त्रासदी दस्तक दे सकती है। ऐसा ही कुछ हुआ केरल के अजीक्कल तट से लगभग 44 नॉटिकल मील दूर अरब सागर की विशाल गहराइयों में, जब एक बड़े कंटेनर जहाज पर अचानक भीषण धमाका हुआ और आग की लपटें आसमान छूने लगीं। खुले समुद्र में लगी यह आग सिर्फ जहाज को ही नहीं जला रही थी, बल्कि इसमें सवार 22 क्रू सदस्यों की जिंदगी भी दांव पर लगी थी। हवा में उठते काले धुएं के गुबार और पानी में गिरते कंटेनरों का दृश्य किसी भयावह फिल्म से कम नहीं था। इस अप्रत्याशित संकट ने न केवल व्यापारिक समुद्री मार्ग पर हड़कंप मचा दिया, बल्कि इसने एक ऐसी कूटनीतिक हलचल भी पैदा कर दी, जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। आखिर क्या वजह थी इस धमाके की, और कौन था इस मुश्किल घड़ी में इन फंसे हुए लोगों का सबसे बड़ा सहारा?
समुद्री रास्ते में 'अग्नि परीक्षा': MV Wan Hai 503 में बड़ा धमाका
घटना 9 जून की है, जब सिंगापुर-ध्वज वाला विशाल कंटेनर जहाज MV Wan Hai 503 कोलंबो से न्हावा शेवा (मुंबई पोर्ट) की ओर जा रहा था। यह एक सामान्य व्यापारिक यात्रा थी, लेकिन अचानक जहाज के डेक के नीचे एक जोरदार विस्फोट हुआ। धमाका इतना भीषण था कि इसके तुरंत बाद जहाज में आग लग गई और देखते ही देखते लपटें उठने लगीं। इस जहाज पर कुल 22 क्रू सदस्य सवार थे, जिनमें से 14 चीनी नागरिक थे और 6 ताइवानी भी शामिल थे। यह हादसा उन सभी के लिए एक 'अग्नि परीक्षा' बन गया, जो अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में चार लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है, जबकि पांच क्रू सदस्य घायल हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। यह सिर्फ एक जहाज का हादसा नहीं था, बल्कि समुद्र में फंसी कई जिंदगियों का संकट था, जिस पर तत्काल प्रतिक्रिया की आवश्यकता थी।
भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की 'तेज रफ्तार' बचाव कार्रवाई
इस भयावह संकट की सूचना मिलते ही, भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने अविश्वसनीय तत्परता और पेशेवरता का परिचय दिया। बिना एक पल गंवाए, भारतीय तटरक्षक बल ने न्यू मैंगलोर से ICGS राजदूत, कोच्चि से ICGS अर्नवेश, और अगत्ती से ICGS सचेत को तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना किया। इसके अलावा, आग बुझाने और जहाज की 'बाउंड्री कूलिंग' के लिए ICGS समुद्र प्रहरि और ICGS समरथ जैसे विशिष्ट जहाजों को भी भेजा गया। तटरक्षक बल ने बताया कि स्थिति का हवाई सर्वेक्षण करने और हवा से आपातकालीन सामग्री गिराने के लिए एक ICG विमान ने भी उड़ान भरी। भारतीय बचाव दल ने न केवल घायल क्रू सदस्यों को निकालने में मदद की, बल्कि आग पर काबू पाने और आगे किसी बड़े नुकसान को रोकने के लिए अथक प्रयास किया। यह भारतीय समुद्री सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता और उनकी त्वरित प्रतिक्रिया का एक शानदार प्रदर्शन था।
जलता जहाज, डूबने का खतरा और प्रदूषण का मंडराता साया
धमाके के बाद जहाज की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई थी। जहाज के मध्य भाग और एकोमोडेशन ब्लॉक के पास आग और छोटे-छोटे धमाके लगातार हो रहे थे। हालाँकि, बचाव दल की कोशिशों से सामने वाला कंटेनर बे क्षेत्र अब काबू में है, लेकिन जहाज से अभी भी काले धुएं के गुबार उठ रहे हैं, जो अंदर सुलगती आग का संकेत है। रिपोर्टों के मुताबिक, जहाज करीब 10 से 15 डिग्री तक बाईं ओर झुक गया है, जिससे इसके डूबने का खतरा भी मंडरा रहा है। इस दौरान कुछ कंटेनर समुद्र में भी गिर चुके हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना की टीमें लापता चार लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं, जो ठंडे पानी में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे होंगे। इस हादसे के कारण समुद्र में बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलने का भी खतरा बना हुआ है, जिसकी लगातार निगरानी की जा रही है ताकि समुद्री जीवन और पर्यावरण को बचाया जा सके।
कड़वाहट के बीच चीन का 'अचानक' आभार
इस पूरे घटनाक्रम का सबसे चौंकाने वाला और कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पहलू यह है कि चीन ने इस बचाव अभियान के लिए भारत का आधिकारिक रूप से आभार व्यक्त किया है। भारत और चीन के बीच हालिया वर्षों में तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, खासकर सीमा विवादों को लेकर। ऐसे समय में, जब दोनों देशों के बीच कड़वाहट का माहौल बना हुआ है, चीन का यह आभार एक अप्रत्याशित और सकारात्मक संदेश देता है। भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "हम भारतीय नौसेना और मुंबई कोस्ट गार्ड के तत्पर और पेशेवर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए आभारी हैं।" उन्होंने आगे उम्मीद जताई कि सर्च ऑपरेशन सफल हो और घायल क्रू मेंबर जल्द ठीक हों। यह घटना दर्शाती है कि मानवीय सहायता और संकट के समय की तत्परता, कूटनीतिक दूरियों को भी पाट सकती है। भारत की इस मानवीय पहल ने न केवल कई जिंदगियां बचाई हैं, बल्कि विश्व मंच पर उसकी विश्वसनीयता और जिम्मेदार राष्ट्र की छवि को भी मजबूत किया है। यह एक ऐसा पल था, जब कूटनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर मानवता ने विजय प्राप्त की।
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