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मेघालय के बाद अब पाकिस्तान में हनीमून कांड! नवविवाहित जोड़े के साथ खौफनाक... खबर जान कांप जाएगी रूह
Pakistan Honeymoon couple suicide: यह घटना अभी लोगों के जेहन में ताज़ा थी कि पाकिस्तान से एक और ऐसा ही 'हनीमून कांड' सामने आया है, जिसने पूरे उपमहाद्वीप को स्तब्ध कर दिया है। यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि उम्मीदों के टूटने और जीवन के प्रति गहरी निराशा की एक ऐसी दर्दनाक दास्तान है, जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाएगा।
Pakistan Honeymoon couple suicide: शादी और प्यार नए सपनों का नाम है। हनीमून उस सपने की पहली सुनहरी किरण होता है, जहाँ एक नवविवाहित जोड़ा भविष्य के सुनहरे पलों को बुनने की शुरुआत करता है। लेकिन जब यह सपना पल भर में एक भयावह हकीकत बन जाए, जब प्यार का सफर मौत के मुहाने पर आकर थम जाए, तो रूह काँप उठती है। हाल ही में भारत के मध्य प्रदेश में सोनम और राजा का दिल दहला देने वाला मामला शांत भी नहीं हुआ था, जहाँ एक पत्नी ने अपने पति को हनीमून पर ले जाकर बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। यह घटना अभी लोगों के जेहन में ताज़ा थी कि पाकिस्तान से एक और ऐसा ही 'हनीमून कांड' सामने आया है, जिसने पूरे उपमहाद्वीप को स्तब्ध कर दिया है। यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि उम्मीदों के टूटने और जीवन के प्रति गहरी निराशा की एक ऐसी दर्दनाक दास्तान है, जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाएगा।
फैसलाबाद में प्यार का खौफनाक अंत
पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर से आई इस खबर ने हर किसी को झकझोर दिया है। मंगलवार को एक नवविवाहित जोड़े ने चलती ट्रेन के सामने लेटकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। यह घटना फैसलाबाद के भाई वाला रेलवे क्रॉसिंग पर हुई, जहाँ बदर एक्सप्रेस ट्रेन के सामने आकर साजिद और रजिया ने आत्महत्या कर ली। दोनों की शादी को अभी महज़ तीन महीने ही हुए थे, लेकिन इस छोटी सी अवधि में ही उनकी खुशियों का सफर इतनी भयावह त्रासदी में बदल जाएगा, यह किसी ने सोचा भी नहीं था। घटना की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम तुरंत मौके पर पहुँची, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दोनों के शवों को तुरंत फैसलाबाद के एलाइड अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ उनकी पहचान की गई। यह घटना सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि दो जिंदगियों और उनसे जुड़े सपनों का एक दर्दनाक अंत थी।
हनीमून के लिए मांगे थे पैसे, भाई की एक बात से टूटा दिल
पुलिस की शुरुआती जांच में जो बात सामने आई है, वह इस त्रासदी को और भी मार्मिक बना देती है। साजिद, जो फैसलाबाद के अदील टाउन का निवासी था और एक पावर लूम फैक्ट्री में काम करता था, अपनी नवविवाहित पत्नी रजिया को हनीमून पर ले जाना चाहता था। इस सपने को पूरा करने के लिए उसने अपने बड़े भाई जाहिद से कुछ पैसों की गुहार लगाई थी। यह किसी भी नए जोड़े का एक सामान्य सपना होता है, जिसकी पूर्ति के लिए वे अपने परिवार से मदद की उम्मीद करते हैं। लेकिन जाहिद ने जब साजिद से कुछ दिन इंतजार करने को कहा, तो साजिद का दिल बुरी तरह टूट गया। उसके लिए यह सिर्फ पैसों का इनकार नहीं था, बल्कि उसके सपनों और उसकी पत्नी को खुश करने की उसकी इच्छा पर एक आघात था। यह छोटी सी बात, जिसने किसी को शायद सामान्य लगी होगी, साजिद के लिए इतनी बड़ी बन गई कि उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर यह आत्मघाती कदम उठा लिया। यह घटना दर्शाती है कि कैसे कभी-कभी छोटी सी निराशा भी गहरे अवसाद में बदल सकती है, खासकर तब जब किसी के सपने और उम्मीदें दांव पर हों।
आखिरी कॉल और अनसुनी पुकार
इस घटना का सबसे चौंकाने वाला और दिल दहला देने वाला पहलू यह है कि आत्महत्या से ठीक पहले साजिद ने अपने बड़े भाई जाहिद को रेलवे ट्रैक से ही आखिरी कॉल किया था। साजिद घर से अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर जाने का बहाना करके निकला था, लेकिन उसका असली इरादा कुछ और ही था। जब जाहिद ने अपने भाई की आवाज में कुछ अजीब महसूस किया और उसे रोकने, समझाने की कोशिश की, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस जांच में पता चला है कि जाहिद की लाख कोशिशों के बावजूद, साजिद ने अपनी बात कहने के बाद रजिया के साथ पटरी पर लेट गया। यह सोचकर ही रूह काँप जाती है कि मौत से ठीक पहले, जब एक भाई अपने भाई को बचाने की कोशिश कर रहा था, तब साजिद ने अपने फैसले को बदल दिया। इस आखिरी बातचीत में क्या कहा गया होगा, यह शायद कभी पूरी तरह सामने न आए, लेकिन यह पल हमेशा एक सवाल के रूप में रह जाएगा कि क्या उस आखिरी मौके पर साजिद को बचाया जा सकता था।
पुलिस की कड़ी जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस पूरी तरह से जांच में जुट गई है। उनका कहना है कि वे इस आत्मघाती कदम के पीछे के सभी संभावित कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। क्या इसके पीछे कोई और सामाजिक, आर्थिक या पारिवारिक दबाव था, जिसे साजिद और रजिया झेल नहीं पाए? रजिया की तरफ से भी कोई मानसिक तनाव या घरेलू कलह की बात अभी तक सामने नहीं आई है, जिससे यह मामला और भी पेचीदा और संवेदनशील बन गया है। यह घटना पाकिस्तान में आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक गंभीर बहस छेड़ गई है। खासकर नवविवाहित जोड़ों के बीच बढ़ती उम्मीदों और जिम्मेदारियों का बोझ कैसे उन्हें तोड़ देता है, यह एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। पाकिस्तान जैसे देश में, जहाँ आर्थिक तंगी और सामाजिक दबाव आम हैं, मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करना और मदद लेना अभी भी एक चुनौती है। साजिद और रजिया की यह दुखद कहानी सिर्फ एक दंपति की नहीं, बल्कि एक ऐसे समाज की तस्वीर है, जहाँ सपनों के टूटने पर लोग जीवन से ही हार मान लेते हैं। इस घटना ने एक बार फिर समाज को आत्मनिरीक्षण करने पर मजबूर किया है कि क्या हम अपने युवाओं को इतना मजबूत बना पा रहे हैं कि वे जीवन की मुश्किलों का सामना कर सकें, या फिर छोटी सी निराशा उन्हें मौत के मुहाने तक धकेल देती है।
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