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अब तो हद करदी पाकितान ने! चोरी की राजधानी बना London? तबाह हो गई रॉयल सिटी, पंजाबी सिंगर ने किया खौफनाक खुलासा, Video Viral
Punjabi Singer Sunanda Sharma: हाल ही में मशहूर पंजाबी सिंगर सुनंदा शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर लंदन में अपने साथ हुई चोरी की आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी कार तोड़ दी गई और उसमें से महंगे बैग चुरा लिए गए।
Punjabi Singer Sunanda Sharma: कभी जिसे "रॉयल सिटी" कहा जाता था, आज वही लंदन "क्रिमिनल कैपिटल" बनता जा रहा है। नदियों और नवाबी तहज़ीब के इस शहर का नाम अब गैंगवार, लूटपाट और अंधाधुंध चोरियों से जोड़ा जाने लगा है। और इस बात की गवाही सिर्फ आम लोग नहीं, बल्कि सेलेब्रिटी भी दे रहे हैं। हाल ही में मशहूर पंजाबी सिंगर सुनंदा शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर लंदन में अपने साथ हुई चोरी की आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी कार तोड़ दी गई और उसमें से महंगे बैग चुरा लिए गए। यह घटना जितनी चौंकाने वाली है, उससे भी ज्यादा हैरान कर देने वाली है वो सच्चाई जो इसके पीछे छुपी है एक पूरा शहर, जो अब चोरों के हवाले हो चुका है।
आंकड़े चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हैं — लंदन में चोर राज कर रहे हैं
अगर आप सोच रहे हैं कि सुनंदा शर्मा की घटना कोई अपवाद है, तो आपको आंकड़ों से परिचय करवाना जरूरी है। पिछले साल लंदन में चोरी की लगभग 1.7 लाख घटनाएं दर्ज की गईं। ये आंकड़ा इतना ज्यादा है कि यह पूरे पश्चिमी यूरोप में लंदन को चोरी का 'राजधानी' बना देता है। मिसाल के तौर पर इटली की राजधानी रोम में 1.5 लाख चोरी के केस दर्ज हुए, स्पेन के मैड्रिड में करीब 40 हजार और बेल्जियम के ब्रसेल्स में तो महज 2176 मामले सामने आए। यानी अगर कोई पूछे कि यूरोप का सबसे असुरक्षित राजधानी शहर कौन सा है, तो जवाब होगा लंदन।
आखिर कौन हैं ये चोर? सुनंदा की चोरी में पाकिस्तान कनेक्शन का शक
सुनंदा शर्मा की गाड़ी में चोरी की घटना के बाद ब्रिटेन में एक बार फिर बहस छिड़ गई है क्या इन घटनाओं के पीछे पाकिस्तानी गैंग्स हैं? सुनंदा ने खुद तो इस पर सीधी टिप्पणी नहीं की, लेकिन स्थानीय पुलिस और सोशल मीडिया पर उठ रही चर्चाओं में इस सवाल का जवाब लगातार खोजा जा रहा है। ब्रिटेन में रहने वाले पाकिस्तानी समुदाय को अक्सर चोरी, ड्रग्स, दंगे और ग्रूमिंग गैंग्स जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों से जोड़ा जाता है। सवाल ये है कि क्या यह सिर्फ अफवाह है या फिर इसके पीछे कोई कड़वी सच्चाई छुपी है?
पाकिस्तानियों का क्राइम में बड़ा हाथ
ब्रिटेन की न्याय मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति हजार गिरफ्तारियों में 12 अपराधी पाकिस्तानी मूल के होते हैं, जबकि ब्रिटिश मूल के अपराधियों की संख्या प्रति हजार केवल 9 होती है। तलाशी और पूछताछ के मामलों में भी यह अंतर साफ दिखता है प्रति हजार संदिग्धों में 11 पाकिस्तानी होते हैं जबकि ब्रिटिश मूल के सिर्फ 6। ये आंकड़े बता रहे हैं कि पाकिस्तान मूल के नागरिक ब्रिटेन के अपराध ग्राफ में disproportionately ज्यादा प्रतिनिधित्व रखते हैं। यही कारण है कि ब्रिटेन के कई बड़े शहरों जैसे ब्रैडफोर्ड, बर्मिंघम, ल्यूटन, मैनचेस्टर, बेडफोर्ड और हडर्सफील्ड में पाकिस्तानी मूल के क्रिमिनल गैंग्स पूरी सक्रियता से काम कर रहे हैं।
2013 का सेक्स स्कैंडल जिसने ब्रिटेन को हिला दिया
अगर आप सोचते हैं कि ये आरोप सिर्फ छोटी-मोटी चोरी तक सीमित हैं, तो आपको 2013 के ग्रूमिंग गैंग स्कैंडल की याद दिला दी जाए। यॉर्कशायर पुलिस की जांच में सामने आया कि ब्रिटिश मूल की सैकड़ों नाबालिग लड़कियों को पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिकों द्वारा संगठित तरीके से फंसाया और शोषण किया गया। ये गैंग्स पहले लड़कियों से दोस्ती करते, उन्हें क्लब्स में बुलाते और फिर वहां उनका शारीरिक शोषण कर वीडियो बनाते। बाद में उन्हीं वीडियो के ज़रिए लड़कियों को ब्लैकमेल कर अगली शिकारों को फंसाने पर मजबूर किया जाता था। यह सिलसिला 1997 से चल रहा था, और जब ये खुलासा हुआ तो पूरा ब्रिटेन दंग रह गया। जज ने तक सुनवाई के दौरान कहा था, “हमें शायद कभी ये पता न चल पाए कि कितनी लड़कियां इन गैंग्स की शिकार बनीं।”
अब ब्रिटेन में गूंज रहा है – ‘Social Parasites’ का नारा!
ग्रूमिंग गैंग के बाद से ब्रिटेन की जनता का एक बड़ा तबका पाकिस्तानी मूल के नागरिकों को 'Social Parasite' यानी समाज पर बोझ कहने लगा है। ब्रिटिश मीडिया में भी इसे लेकर खुलकर बहस हो रही है कि क्या इमीग्रेशन पॉलिसी की वजह से ब्रिटेन के अपराधीकरण में इजाफा हुआ है। ब्रिटेन के दक्षिणपंथी समूह अब खुलकर कह रहे हैं कि पाकिस्तानी मूल के लोगों ने न सिर्फ ब्रिटेन की संस्कृति को दूषित किया है, बल्कि वहां के कानून-व्यवस्था की भी धज्जियां उड़ाई हैं। पुलिस, न्यायिक व्यवस्था और खुफिया एजेंसियां लगातार इन गैंग्स को काबू में करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन चोरी, ड्रग्स, दंगे और लूट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं।
लंदन अब सिर्फ महलों और म्यूज़ियम का शहर नहीं रहा
लंदन को लेकर हमारे ज़ेहन में अब भी वही पुरानी तस्वीर है बकिंघम पैलेस, थेम्स नदी, बिग बेन और अंडरग्राउंड मेट्रो। लेकिन अब लंदन की एक नई पहचान बन चुकी है क्राइम कैपिटल। जिस शहर में रॉयल गार्ड्स मुस्कराते थे, आज वहां चोर तांडव कर रहे हैं। और सबसे चिंताजनक बात ये है कि अब वहां अपराधियों को किसी से डर भी नहीं लगता। सुनंदा शर्मा की घटना से यह साफ हो गया है कि सेलेब्रिटी, आम आदमी या कोई पर्यटक अब कोई भी सुरक्षित नहीं है*। सवाल यह नहीं है कि सुनंदा के साथ चोरी क्यों हुई, सवाल यह है कि क्या लंदन अब सुरक्षित शहर रह भी गया है?
कभी रॉयल, अब क्रिमिनल — लंदन का बदलता चेहरा
ब्रिटेन को चाहिए कि वह आंखें मूंदे रहने की नीति से बाहर निकले। चोरी की घटनाएं अब महज छोटी-मोटी बातें नहीं रहीं, यह अब एक सोशल और सिक्योरिटी इमरजेंसी बन चुकी है। और अगर अब भी कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो लंदन एक दिन दुनिया की अपराध राजधानी के तौर पर जाना जाएगा। लंदन को दोबारा ‘रॉयल’ बनाना है, तो सबसे पहले उसे चोरों, लुटेरों और गैंगस्टर्स से आजादी दिलानी होगी नहीं तो इतिहास पूछेगा, कि वो शहर जो कभी दुनिया का दिल था, आखिर उसे चोरों की शरण क्यों बना दिया गया?
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