अमेरिका से भी ताकतवर होंगे ये तीन देश! रूस का एक कदम दुनिया को कर देगा पीछे

RIC Trilateral Diplomacy:

Snigdha Singh
Published on: 10 Jun 2025 4:25 PM IST
अमेरिका से भी ताकतवर होंगे ये तीन देश! रूस का एक कदम दुनिया को कर देगा पीछे
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RIC Trilateral Diplomacy: बदलती वैश्विक राजनीति के बीच रूस ने एक बार फिर रूस-भारत-चीन (RIC) त्रिपक्षीय समूह को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सोमवार को संकेत दिया कि भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी सुधार आया है, और अब समय आ गया है कि इस मंच को दोबारा सक्रिय किया जाए। 2050 फ्यूचर फोरम को संबोधित करते हुए लावरोव ने कहा कि RIC जैसे मंच की बहाली बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की ओर पहला महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। उन्होंने इस पहल को यूरेशिया क्षेत्र में सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाने का माध्यम बताया।

RIC की पृष्ठभूमि, एक रणनीतिक संतुलन की कोशिश

1990 के दशक के अंत में अस्तित्व में आया RIC मंच, मूल रूप से अमेरिका-केंद्रित वैश्विक व्यवस्था के मुकाबले एक वैकल्पिक शक्ति केंद्र के रूप में प्रस्तावित किया गया था। उस समय रूस के विदेश मंत्री रहे येवगेनी प्रिमाकोव ने यह विचार दिया था। इस मंच का उद्देश्य तीनों देशों के साझा हितों को साधना और वैश्विक निर्णय प्रक्रियाओं में प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराना था।

वर्ष 2000 के बाद यह मंच ब्रिक्स (BRICS) और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे बहुपक्षीय मंचों के समानांतर काम करता रहा। लेकिन 2020 में भारत-चीन के बीच गलवान संघर्ष के बाद यह मंच लगभग निष्क्रिय हो गया।

रूस की सक्रियता के पीछे के कारण

विश्लेषकों का मानना है कि रूस की यह पहल केवल भारत और चीन को एक साथ लाने की कोशिश नहीं है, बल्कि इसके पीछे भू-राजनीतिक रणनीति भी है। पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका और NATO के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में रूस RIC को एक कुशल मंच के रूप में देख रहा है।

लावरोव का यह भी आरोप है कि पश्चिमी देश जानबूझकर भारत और चीन के बीच अविश्वास को हवा दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि QUAD और AUKUS जैसे गुटों के जरिए भारत को चीन-विरोधी ध्रुव में खींचने की कोशिश की जा रही है। रूस के अनुसार, RIC जैसे मंच तीनों देशों को एक स्वतंत्र और संतुलित वैश्विक व्यवस्था की दिशा में ले जा सकते हैं।

भारत-चीन तनाव और भविष्य की संभावनाएं

हालांकि रूस बार-बार RIC की बहाली पर जोर दे रहा है, लेकिन भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव अब भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। सीमावर्ती गतिरोध और सैन्य उपस्थिति दोनों ही देश के लिए संवेदनशील मुद्दे बने हुए हैं।

फिर भी रूस को उम्मीद है कि RIC जैसे मंच के पुनर्गठन से डायलॉग और विश्वास की बहाली संभव है। यह स्पष्ट है कि मॉस्को भारत और चीन के बीच सेतु की भूमिका निभाने का इच्छुक है, जिससे न केवल उसकी कूटनीतिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि एक बहुपक्षीय शक्ति संरचना को गति भी मिलेगी।

RIC मंच को फिर से सक्रिय करने की रूसी पहल वैश्विक मंच पर नई कूटनीतिक दिशा का संकेत देती है। हालांकि इसके लिए भारत और चीन के बीच गहन विश्वास बहाली आवश्यक होगी। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह त्रिपक्षीय मंच वाकई फिर से प्रभावी भूमिका निभा पाता है या यह केवल एक कूटनीतिक कवायद बनकर रह जाएगा।

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Leader – Content Generation Team

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