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कोरोना वैक्सीन का सफल परीक्षण, इस महामारी को रोकेगा चीन

चीन ने 17 मार्च को कोरोना वायरस के लिए बनाई वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण शुरू किया। और अब इस परीक्षण के परिणाम भी सामने आने लगे हैं।

Aradhya Tripathi
Published on: 4 April 2020 8:46 AM GMT
कोरोना वैक्सीन का सफल परीक्षण, इस महामारी को रोकेगा चीन
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पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है। दुनिया के सभी देश इस वायरस से त्रस्त हैं। लेकिन इस वायरस से सबसे ज्यादा त्रस्त वो देश है जहां से ये वायरस इजाद हुआ है। वो है चीन। चीन लगातार इस वायरस निजाद पाने के लिए परीक्षण और दवाओं पर एक्स्पिरिमेंट कर रहा है। इसी कड़ी में चीन ने 17 मार्च को कोरोना वायरस के लिए बनाई वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण शुरू किया। और अब इस परीक्षण के परिणाम भी सामने आने लगे हैं। जो थोड़े राहत भरे हैं।

परीक्षण के पाजिटिव परिणाम

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17 मार्च को कोरोना के लिए बनाई गई वैक्सीन पर चीन ने क्लीनिकल परीक्षण शुरू किया जिसके कई परिणाम पाजिटिव आए हैं। चीन ने इस क्लीनिकल ट्रायल के लिए कुल 108 वॉलंटियर्स को चुना था। उन 108 में से 14 ने वैक्सीन के परीक्षण की अवधि पूरी कर ली है। 14 दिनों तक क्वारनटीन में रहने के बाद अब वो अपने-अपने घर भेज दिए गए हैं। चीन ने सारे परीक्षण उसी शहर में किए जहां से ये वायरस शुरू हुआ था यानी की वुहान शजर में। परीक्षण के बाद घर भेजे गए 14 लोग फ़िलहाल पूरी तरह से सुरक्षित हैं, लेकिन अभी भी मेडिकल निगरानी में हैं।

18 से 60 साल के लोगों पर हुआ परीक्षण

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इस वैक्सीन का निर्माण चीन की सबसे बड़ी बायो-वॉरफेयर साइंटिस्ट चेन वी और उनकी टीम ने किया है। उन्होंने इस वैक्सीन का परीक्षण 18 साल से लेकर 60 साल तक की उम्र के लोगों पर किया। इन सभी लोगों को तीन समूहों में बांटा गया था। तीनों समूहों के लोगों को वैक्सीन की अलग-अलग मात्रा दी गई थी। इन सभी 108 लोगों को वुहान स्पेशल सर्विस हेल्थ सेंटर में क्वारनटीन किया गया है। सभी लोगों को वैक्सीन अलग-अलग दिन दी गई। इसलिए सभी लोगों को क्वारनटीन पीरियड पूरा होने तक वहीं रहना है।

दुनिया भर में पहुंचाना है इलाज

परीक्षण के बाद जिन 14 लोगों को घर भेजा गया है, उन्हें अभी छह महीने तक मेडिकल निगरानी में रखा जाएगा। हर दिन उनका मेडिकल टेस्ट होगा। इन 6 महीनों में यह देखा जाएगा कि अगर इन्हें कोरोना वायरस संक्रमण होता है तो इनका शरीर कैसी प्रतिक्रिया देता है। जैसे ही उनके शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हो जाएगी यानी उनके शरीर में एंटीबॉडी बन जाएगा, उनके खून का सैंपल लेकर वैक्सीन को बाजार में उतार दिया जाएगा।

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चेन वी ने बताया कि हमारा पहला ट्रायल लगभग सफल है। हमें जैसी ही इसकी ताकत का पता चलता है, हम इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समझौते करके दुनिया भर को देंगे। हम चाहते हैं कि कोरोना वायरस का इलाज पूरी दुनिया तक पहुंचे।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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