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ड्रैगन का ताइवान पर सबसे बड़ा हमला? रात के अंधेरे में दाग दिए 74 चीनी फाइटर जेट, दुनिया में मचा हाहाकार
Taiwan China War Alert: दुनिया जानती है कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। मगर जिस अंदाज में गुरुवार रात बीजिंग ने अपनी सैन्य ताकत दिखाई, उसने पूरी इंडो-पैसिफिक रीजन में खलबली मचा दी। लड़ाकू विमान तो भेजे ही, लेकिन इसके साथ ही 6 चीनी युद्धपोत भी ताइवान के चारों तरफ मंडराने लगे।
Taiwan China War Alert: पूरा एशिया कांप उठा। समुद्र से आसमान तक एक ही नाम गूंज रहा है चीन। और इस बार खेल सिर्फ धमकियों का नहीं है, बल्कि उस रेड लाइन को पार कर जाने का है जिसके बाद युद्ध का बिगुल कभी भी बज सकता है। गुरुवार रात ताइवान के आकाश में जो हुआ, उसे देखकर दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञ भी सन्न रह गए। चीन ने अपने 74 फाइटर जेट्स ताइवान की तरफ भेज दिए—हां, 74! और इसमें सबसे डरावनी बात ये थी कि इनमें से 61 जेट्स ने ताइवान स्ट्रेट की मिडलाइन को पार कर दिया। वो मिडलाइन, जिसे दशकों से दोनों देशों के बीच शांति की एक अनकही रेखा माना जाता रहा है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय की आँखें खुली की खुली रह गईं। इतनी बड़ी तादाद में फाइटर जेट्स भेजना किसी सामान्य सैन्य अभ्यास का हिस्सा नहीं हो सकता। क्या ड्रैगन अब असली जंग की तरफ बढ़ रहा है? क्या चीन ने ताइवान पर कब्जे का मन बना लिया है? और क्या इस बार सिर्फ धमकियां नहीं, बल्कि असली मिसाइलें चलेंगी?
ताइवान पर चीन की सबसे खतरनाक चाल?
दुनिया जानती है कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। मगर जिस अंदाज में गुरुवार रात बीजिंग ने अपनी सैन्य ताकत दिखाई, उसने पूरी इंडो-पैसिफिक रीजन में खलबली मचा दी। लड़ाकू विमान तो भेजे ही, लेकिन इसके साथ ही 6 चीनी युद्धपोत भी ताइवान के चारों तरफ मंडराने लगे। ये युद्धपोत ताइवान के समुद्री रास्तों पर निगरानी कर रहे थे, जैसे किसी शिकारी ने अपने शिकार को घेर लिया हो और अब बस आखिरी हमला बाकी हो। विशेषज्ञ साफ कह रहे हैं—ये सिर्फ ताकत दिखाने की कोशिश नहीं है। चीन ताइवान की सेना और जनता को मानसिक रूप से तोड़ना चाहता है। वो चाहता है कि ताइवान हर वक्त इस डर में जिए कि अगली सुबह उनके सिर पर ड्रोन या मिसाइल गिर सकती है। बीजिंग का मकसद साफ है—डराओ, तोड़ो और बिना युद्ध के ही ताइवान को झुका दो।
ब्रिटेन की एंट्री और ड्रैगन का पागलपन
लेकिन सवाल उठता है—आखिर अचानक चीन इतना बौखलाया क्यों? जवाब मिलता है ताइवान स्ट्रेट में ब्रिटेन की चौंकाने वाली एंट्री से। ब्रिटिश रॉयल नेवी का पेट्रोल क्राफ्ट HMS Spey हाल ही में ताइवान स्ट्रेट से गुजरा। ताइवान सरकार ने इस यात्रा का खुलेआम स्वागत किया और दुनिया को संदेश दिया कि ताइवान स्ट्रेट कोई चीन का पर्सनल स्विमिंग पूल नहीं है। ये एक अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग है, जहां दुनिया का कोई भी जहाज आ-जा सकता है। बस, यहीं चीन की नस दब गई। बीजिंग को ये लगा कि अमेरिका के बाद अब यूरोप भी ताइवान के सपोर्ट में खुलकर मैदान में उतर रहा है। HMS Spey की मौजूदगी को चीन ने अपने प्रभुत्व के खिलाफ सीधी चुनौती माना। पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने तुरंत बयान जारी कर कहा कि ब्रिटिश जहाज की हर गतिविधि पर नजर रखी गई और चीन ने पर्याप्त सैन्य प्रतिक्रिया दी है। लेकिन दुनिया समझ रही है कि चीन का असली गुस्सा ताइवान पर नहीं, बल्कि पश्चिमी ताकतों पर है। उसे लग रहा है कि अब ताइवान अकेला नहीं है। अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अब ब्रिटेन जैसे देश उसके खिलाफ एक मोर्चा बना रहे हैं।
क्या ताइवान जल रहा है अगले बड़े युद्ध की आग में?
अब सवाल है कि क्या ये तनाव महज दिखावा है या असली जंग का ट्रेलर? ताइवान स्ट्रेट पिछले कुछ सालों से युद्ध का अखाड़ा बना हुआ है, लेकिन इस बार हालात और ज्यादा गंभीर लग रहे हैं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी हमले का जवाब देने को तैयार हैं। लेकिन चीन की ताकत के आगे ताइवान अकेला बहुत देर तक टिक पाएगा, इसमें संदेह है। यही वजह है कि अमेरिका और उसके सहयोगी अब ताइवान के लिए खुलकर मैदान में उतर रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो चीन फिलहाल ‘ग्रे जोन वॉरफेयर’ की रणनीति पर काम कर रहा है। यानी सीधे युद्ध नहीं, लेकिन लगातार छोटी-छोटी सैन्य कार्रवाइयों से विरोधी को थका देना। और जब विरोधी पूरी तरह थक जाए, तब असली हमला करना। गुरुवार की रात वही ग्रे जोन वॉरफेयर का सबसे बड़ा प्रदर्शन था।
क्या चीन को अब कोई रोक पाएगा?
चीन के इस कदम के बाद अमेरिका में खलबली मच गई है। वॉशिंगटन लगातार बीजिंग से शांत रहने की अपील कर रहा है। लेकिन ड्रैगन के इरादे फिलहाल थमते नहीं दिख रहे। चीन को लगता है कि अगर उसने ताइवान पर कब्जा कर लिया तो पूरी एशिया-पैसिफिक पर उसकी बादशाहत हो जाएगी। सवाल ये भी है कि क्या दुनिया एक और यूक्रेन-जैसी जंग के लिए तैयार है? क्या ताइवान दूसरा कीव बन जाएगा? या फिर अमेरिका और उसके सहयोगी आखिरी वक्त पर ताइवान को बचा लेंगे? फिलहाल तो आसमान में गड़गड़ाते फाइटर जेट्स और समुद्र में मंडराते युद्धपोत बता रहे हैं कि ताइवान एक बार फिर इतिहास के सबसे खतरनाक मोड़ पर खड़ा है। ड्रैगन जाग चुका है और इस बार उसकी भूख ताइवान तक सीमित नहीं रहने वाली। आगे क्या होगा? पूरी दुनिया की सांसें थमी हुई हैं...
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