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प्राइवेट पार्ट काटने के आदेश: सरकार ने लिया फैसला, 200 बंदरों पर हुई कार्रवाई
वाइल्ड लाइफ विभाग ने लोगों को परेशान करने वाले ऐसे 200 बंदरों को पिजरों में बंद किया और फिर उन्हें बेहोश कर उनका प्राइवेट पार्ट काट दिया। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि बंदर अपनी आबादी ना बढ़ा सकें।
नई दिल्ली: वैज्ञानिक और शारीरिक बनावट के आधार पर कहा जाता है कि बंदर हमारे पूर्वज हैं। बंदर जंगलों के आलावा धार्मिक स्थलों पर बहुतायत से पाए जाते हैं। लेकिन कहीं-कहीं इनकी संख्या इतनी ज्यादा है कि इनके उत्पात से आमजन खासा परेशान हो जाता है। बंदरो द्वारा इंसानों को काट लेने की खबर भी आती है। जिसके कारण मौत भी हो जाती है। यही नहीं इंसानों द्वारा भी बंदरों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएँ आम हो गयी है।
थाईलैंड में बंदरों का आतंक
इसी तरह की घटनाएं होने के कारण थाईलैंड की सरकार को एक अजीबोगरीब फैसला लेना पड़ा। सरकार के आदेश के बाद जंगली जानवरों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले विभाग ने 200 से ज्यादा बंदरों के प्राइवेट पार्ट को काट दिया। क्योंकि बंदरों ने इस कदर आतंक मचा रखा है था कि वहां के लोगों का जीना दूभर हो गया था।
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बंदरों के प्रजनन दर को कम करने के लिया ये फैसला
बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि वहां बंदरों के प्रजनन दर को कम करके उनके आतंक पर रोक लगाई जा सके। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान वहां बंदरों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है और ये सोन्गखला शहर में घुस कर लोगों को खूब परेशान कर रहे हैं।
200 बंदरों प्राइवेट पार्ट काटे गए
एक रिपोर्ट के मुताबिक वाइल्ड लाइफ विभाग ने लोगों को परेशान करने वाले ऐसे 200 बंदरों को पिजरों में बंद किया और फिर उन्हें बेहोश कर उनका प्राइवेट पार्ट काट दिया। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि बंदर अपनी आबादी ना बढ़ा सकें। इसके साथ ही इन बंदरों को एक विशेष चिन्ह भी लगाया गया है ताकि भविष्य में अगर ऐसी कोई समस्या फिर आती है तो इनकी पहचान हो सके।
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बंदर घर में घुस कर उत्पात मचा रहे थे
एक अधिकारी ने बताया कि हमें बंदरों की संख्या को नियंत्रित करने की जरूरत थी क्योंकि यह लोगों के घर में घुस कर उत्पात मचा रहे थे और उनके खाने और जरूरत के सामानों को बर्बाद कर रहे थे। अधिकारी के मुताबिक लोगों ने कहा था कि बंदरों की बढ़ती आबादी को तुरंत नियंत्रित करने की जरूरत है वरना ये समस्याएं पैदा करेंगे और इंसानों से इनका संघर्ष और बढ़ सकता है।