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दुनिया का सबसे ताकतवर देश किसके साथ? ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद पलट गए 'दोस्त'
World Most Powerful Country : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव में देखिए दुनिया ताकतवर देश किसके साथ है?
India vs Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक कूटनीति को फिर एक बार सक्रिय कर दिया है। लेकिन इस बार हालात 1965 या 1971 जैसे नहीं हैं। शीत युद्ध के दौर से अब तक की घटनाएं बताती हैं कि दुनिया, भारत और पाकिस्तान को आज अलग नजरिए से देखती है और हर देश का रुख अब उसकी रणनीतिक और आर्थिक प्राथमिकताओं पर आधारित है।
1965 और 1971 की जंग: शीत युद्ध की छाया में
1965 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था, उसे लगा कि चीन से हालिया हार के बाद भारत कमजोर हो गया है। लेकिन वह गलत साबित हुआ। 1971 की जंग में अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन किया था, USS Enterprise को बंगाल की खाड़ी तक भेजा गया था। इसका मकसद था सोवियत संघ को चेतावनी देना। उसी साल भारत और सोवियत संघ के बीच "ट्रीटी ऑफ पीस, फ्रेंडशिप एंड कोऑपरेशन" साइन हुई, जिससे रूस ने भारत को समर्थन देने का वादा किया।
अब दुनिया बदल चुकी है
शीत युद्ध खत्म हुआ, सोवियत संघ बिखर गया और अमेरिका एकमात्र महाशक्ति बन गया। भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अमेरिका, चीन, UAE और सऊदी अरब जैसे देशों के साथ उसका द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है। पाकिस्तान अब भी आर्थिक रूप से सऊदी, चीन और अंतरराष्ट्रीय मदद पर निर्भर है।
अमेरिका का बदला रुख
उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा, “यह अमेरिका का काम नहीं है। हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।” उन्होंने यह भी साफ किया कि अमेरिका किसी से हथियार डालने की अपील नहीं कर सकता, लेकिन डिप्लोमैटिक हल की उम्मीद करता है। निक्की हेली और ऋषि सुनक जैसे नेताओं ने खुलकर भारत का समर्थन किया है।
ईरान बना मध्यस्थ
पहले पाकिस्तान, फिर भारत का दौरा कर चुके ईरानी विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराग़ची ने भारत के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। ईरान ने दोनों देशों के बीच तटस्थ रुख अपनाते हुए शांति और संवाद की वकालत की। चाबहार पोर्ट जैसे प्रोजेक्ट्स पर भी चर्चा हुई। यह खास है क्योंकि ईरान अक्सर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष में दिखता था।
तुर्की की चिंता, पर पाकिस्तान के पक्ष में
राष्ट्रपति अर्दोआन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान में मिसाइल हमले से आम लोग मारे जा रहे हैं, और कश्मीर हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच होनी चाहिए। अर्दोआन की भाषा पाकिस्तान की लाइन के करीब मानी जा रही है
सऊदी अरब का 'शांत' कूटनीतिक दौरा
सऊदी विदेश राज्य मंत्री अदेल अल-जुबैर अचानक भारत पहुंचे और पीएम मोदी व जयशंकर से मिले। इसके बाद वे पाकिस्तान भी जाएंगे। माना जा रहा है कि सऊदी अरब अब कारोबारी हितों को प्राथमिकता देता है और भारत एक बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अदेल अल-जुबैर से मुलाक़ात के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, ''सऊदी अरब के विदेश राज्य मंत्री अदेल अल-जुबैर से बातचीत अच्छी रही। आतंकवाद का दृढ़तापूर्वक मुक़ाबला करने पर भारत की समझ को साझा किया।
दुनिया की नजरें अब अर्थव्यवस्था पर
अब यह साफ होता जा रहा है कि वैश्विक शक्तियों की प्राथमिकताएं बदल चुकी हैं। भारत का बढ़ता आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव दुनिया के रुख को प्रभावित कर रहा है, जबकि पाकिस्तान की स्थिति अब भी कई मोर्चों पर कमजोर है।
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