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Meerut News: वन विभाग ने दो तस्करों को किया गिरफ्तार, लाल मुनिया पक्षी बरामद

Meerut News: आरोपी वन विभाग की अभिरक्षा में हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ उपरान्त नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

Sushil Kumar
Published on: 19 May 2024 10:32 AM GMT (Updated on: 19 May 2024 4:04 PM GMT)
Meerut News
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लाल मुनिया पक्षी। (Pic: Social Media)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में वन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा लालकुर्ती क्षेत्र में लाल मुनिया पक्षी के विक्रय की सूचना पर राजन ठाकुर पुत्र गिरधारी व राजा खान पुत्र स्व मोहम्मद इशाक को उनके निवास पर वन्य जीव संरक्षण अधिनयम 1972 के अंतर्गत संरक्षण प्राप्त लाल मुनिया के साथ गिरफ्तार किया गया है।

दोनों आरोपी हिरासत में

डीएफओ राजेश कुमार के अनुसार वन्य जीव संरक्षण अधिनयम 1972 के अंतर्गत संरक्षण प्राप्त लाल मुनिया पक्षी का क्रय विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित है एवम वन्य जीव (संरक्षण) 1972 (यथा 2022) के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। आरोपी वन विभाग की अभिरक्षा में हैं, जिनसे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ उपरान्त नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। डीएफओ के अनुसार पक्षी हरी मुनिया, लाल मुनिया, जंगली तोता, उल्लू व अन्य जंगली पक्षी, कछुआ, अजगर, सर्प, हिरण, लंगूर या अन्य कोई वन्यजीव वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथा संशोधित 2022) के अंतर्गत संरक्षण प्राप्त हैं।

7 वर्ष की हो सकती है जेल

संरक्षण प्राप्त जीवों का किसी भी प्रकार का क्रय -विक्रय, पालन करना दंडनीय अपराध है। इसमें 7 वर्ष तक कारावास या रुपया 1 लाख तक जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त वन्य जीवों के पालन /क्रय विक्रय की सूचना वन विभाग को दी जा सकती है। साथ ही अगर कोई व्यक्ति उक्त वन्यजीवों का पालन कर रहा है तो 48 घंटो के अंदर उसे वन विभाग से सपुर्द कर दें।

रेड अवडावट के नाम से भी प्रचलित

बता दें कि लाल मुनिया रेड अवडावट के नाम से भी जाना जाता है। ये पक्षी बहुत ही कम दिखाई देता है। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार लाल मुनिया कम दिखाई देती है। पहले ये आसानी से खेतों में दिख जाती है। यह गोरैया के आकार की सुर्ख लाल रंग व चमकीली तिकोनी छोटी चोंच वाला सुंदर आकर्षक पक्षी है। लाल मुनिया में नर व मादा दोनों के शरीर पर सफेद चित्ते होते हैं। ये पक्षी आमतौर पर पानी वाली जगहों, घास के मैदानों, गन्ने के खेतों के आसपास व झीलों के किनारे उगी बड़ी घास के अंदर रहते हैं।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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