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Sonbhadra News: छोटेलाल खरवार पर उठे सवाल, दो जिलों का वोटर होने पर आपत्ति

Sonbhadra News: पर्चा जांच के वक्त छोटेलाल के नामांकन को सुनील कुमार नामक व्यक्ति की तरफ से चुनौती दिया। उन्होंने आपत्ति जताई कि छोटेलाल दो जिलों के वोटर हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 15 May 2024 3:24 PM GMT (Updated on: 15 May 2024 3:42 PM GMT)
Sonbhadra News
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छोटेलाल खरवार। (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: सपा प्रत्याशी के रूप में राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र से किस्मत आजमा रहे पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार को जहां सपा के ही बागी उम्मीदवार एवं पूर्व विधायक जितेंद्र कुमार से चुनौती मिलनी शुरू हो गई है। वहीं, बुधवार को पर्चा जांच के वक्त छोटेलाल के नामांकन को सुनील कुमार नामक व्यक्ति की तरफ से चुनौती दिए जाने के मामले ने हर किसी को चौंका कर रख दिया। अधिवक्ता के जरिए दाखिल आपत्ति में उनका दावा था कि छोटेलाल का सोनभद्र और चंदौली दोनों जिलों की वोटर लिस्ट में नाम है।

सपा से मिली चुनौती

बता दें कि उन्होंने शपथ पत्र में स्वयं को सोनभद्र का निवासी बताया है। चुर्क के मुसही में निवास भी बना रखा है। बावजूद चंदौली से जारी जाति प्रमाणपत्र का फायदा उठाते हुए, एससी के लिए सुरक्षित राबटर्सगंज सीट से उम्मीदवारी करने में लगे हुए है। फिलहाल चंदौली जिले से जारी जाति प्रमाणपत्र को वैध पाते हुए, पर्चें को सही ठहरा दिया गया है। वहीं, सपा के ही लोगों से मिली चुनौती को देखते हुए, पूर्व सांसद के नए सियासी सफर को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। बताते चलें कि भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने ऐन वक्त पर सपा का दामन थाम लिया था। इससे राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र का एक नया सियासी समीकरण सामने आया था। उनके नामांकन के साथ ही, चुनावी तस्वीर क्या होगी, इसकी चर्चाएं शुरू हो गई थी। इस बीच उनकी पत्नी मुनिया का भी सपा की तरफ से नामांकन लोगों को विस्मित करके रख दिया। हालांकि पर्चा जांच में उनकी पत्नी मुनिया का पर्चा खारिज किया गया और सपा उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल करने वाले छोटेलाल का पर्चा वैध ठहराया गया है।

इस मसले को लेकर उठ रहे सवाल

सोनभद्र में निवास करने वाले खरवार बिरादरी के लोगों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा हासिल है। वहीं, चंदौली जिले में रहने वाले खरवार बिरादरी के लोगों को अनुसूचित जाति का दर्जा मिला हुआ है। इसके चलते सोनभद्र के खरवार बिरादरी के लोग राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र से नामांकन के लिए अयोग्य हो गए हैं। राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा है जिसमें चकिया विधानसभा चंदौली जिले में है। चूंकि चंदौली जिले में खरवार बिरादरी के लिए एससी का जाति प्रमाणपत्र जारी होता है, इसलिए उनका नामांकन राबटर्सगंज संसदीय क्षेत्र के लिए वैध माना जाता है। वर्ष 2014 में हुआ छोटेलाल का नामांकन इसी आधार पर वैध ठहराया गया था। आपत्ति इस बात की थी कि अब छोटेलाल ने राबटर्सगंज-चुर्क रोड पर मुसही में स्थायी ठिकाना बना लिया है और उनका नाम भी चकिया विधानसभा के साथ ही,घोरावल विधानसभा की मतदाता सूची में शामिल है। एक ही व्यक्ति को सोनभद्र-चंदौली दोनों जगह की सुविधाएं नहीं दी जा सकती। फिलहाल जिला निर्वाचन अधिकारी चंद्रविजय सिंह की तरफ से छोटेलाल का अनुसूचित जाति प्रमाण वैध होने के कारण, उनका पर्चा सही ठहरा दिया गया है। इसके साथ ही, फिलहाल छोटेलाल का सांसद चुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

पत्नी और उनके पर्चे में अलग-अलग ब्यौरे को लेकर भी की गई थी आपत्ति

जिला निर्वाचन अधिकारी के यहां दी गई आपत्ति में छोटेलाल और उनकी पत्नी के पर्चे में सपंत्ति के अलग-अलग दिए गए ब्यौरे को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई गई थी। आपत्तिकर्ता का कहना था कि पति-पत्नी के पर्चे में अलग-अलग विवरण कैसे दर्ज हो सकता है। साथ ही इस बात पर ज्यादा जोर दिया गया था कि सोनभद्र का स्वयं को निवासी बताए जाने के बावजूद चंदौली के जाति प्रमाण पत्र पर निर्वाचन का लाभ कैसे दिया जा सकता है। फिलहाल जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से विधिक प्रावधानों का हवाला देते हुए, जाति प्रमाणपत्र वर्तमान में पूरी तरह वैध होने के कारण, छोटेलाल के पर्चे को सही ठहरा दिया गया है। वहीं आपत्तिकर्ता पक्ष का कहना है कि इस मामले को आगे चुनौती दी जाएगी।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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